लगता है अब हम सेंसर की शिकायतों से बाहर आ गये हैं! इंटरनेट ने बॉलीवुड मेकरों के लिए अब एक सेंसर सुरक्षित प्लेटफॉर्म दे दिया है। बॉलीवुड की कई बड़ी कंपनियां OTT के प्लेटफॉर्म पर गई हैं जहां वे सेंसर बोर्ड के खतरे से बचकर ‘लस्ट स्टोरीज’ की सीरीज बनाने में मग्न हो गई हैं। वेब-सीरीज बनाने के नाम पर इनदिनों यू-ट्यूब का कारोबार भी खूब बढ़ गया है। नतीजतन सेक्स संबंधित कहानियों की पराकाष्ठा वाली दृश्यावली के रूप में ‘लस्ट-स्टोरीज’ का बनाया जाना बढ़ गया है। OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म पर फिल्में दिखाने के लिए जरूरी नहीं है कि वे थिएटर में रिलीज की गई हों और तब, उनके सेंसर में भेजे जाने की रूकावट सामने नहीं आती। पिछले दिनों NETFLIX पर प्रीमियर की गई चार लस्ट स्टोरीज ने एक नया द्वार खोल दिया है क्योंकि इन फिल्मों की व्यूअरशिप ने एक रिकॉर्ड बना दिया है। इन चार फिल्मों के निर्देशक थे-करण जौहर, दिबाकर बनर्जी, जोया अख्तर और अनुराग कश्यप। ये चारों शॉर्ट फिल्में चार प्रकार के लस्ट यानी- सेक्सुअल सेटिसफेक्शन, सेक्सुअल डिप्रेशन, सेक्सुअल कनफ्यूजन और सेक्सुअल जेलसी से परिपूर्ण हैं।
अनुराग कश्यप की फिल्म में राधिका आप्टे ने कहानी को दिलोदिमाग से जोड़ दिया है। जोया अख्तर की कहानी का फिल्मांकन भूमि पेडनेकर ने निभाया है। दिबाकर बनर्जी ने मनीषा कोईराला के साथ और करण जौहर ने नेहा धूपिया से अभिनय करवाकर अपने सेगमेन्ट को लस्ट रूप दिया है। इन्होंने कोई डर नहीं पाला है सेंसर का और खुलकर अपनी बात लस्ट स्टोरीज में कही है। बिना थिएटर-रिलीज ये या इस तरह की फिल्में जो सीधे प्रीमियर पर जाती हैं नेटफ्लिक्स, अमोजोन प्राइम वीडियो या यू-ट्यूब के दूसरे OTT प्लेटफॉर्म पर; वे बिजनेस भी अच्छा कर रही हैं और दर्शकों की रूचि से अधिकतम जुड़ रही हैं। नतीजा, इनदिनों बॉलीवुड में हर किसी का अपना एक चैनल है या वो किसी के लिए वेब सीरीज बना रहा है। फिल्म ज्यादा व्यूअरशिप लाने वाली हो, इसके लिए एक ही विषय है सेक्सुआलिटी से लवरेज कथानक और उसकी सीमा तोड़ प्रस्तुति। सो, आजकल बॉलीवुड में हर कोई तैयारी करने में जुड़ा है लस्ट स्टोरीज की!