एक संजीदा बेमिसाल बलराज साहनी - के.पी.सक्सेना By Mayapuri Desk 11 Apr 2021 | एडिट 11 Apr 2021 22:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर अपने 67 वर्ष के जीवन में जिन दो सोहनियों को मैंने श्रद्धा और सम्मान की दृष्टि से देखा है, उनमें एक ये मेरे युनिवर्सिटी गुरू,महान वैज्ञानिक प्रो.बीरबल साहनी और दूसरे खामोश संजीदा महान अभिनेता बलराज साहनी। उन जैसा पढ़ा लिखा काबिल इंडस्ट्री में दूसरा नहीं हुआ। बी.बी.सी. लंदन में एनाउंसर रहे और शांति निकेतन में अंग्रेजी के प्रोफेसर! ग्लैमर से दूर एक बेमिसाल अभिनेता ! लगभग 45 वर्ष पूर्व बलराज साहनी जी से पहली भेंट शिवानी दीदी (सुंप्रसिद्ध कथा लेखिका के घर पर हुई)। उन्होंने शिवानी दीदी को शांति निकेतन में पढ़ाया था, स्व. सत्यजीत रे क्लास फेलो थे, लखनऊ में एक सेमिनार में आए तो शिवानी दीदी ने लंच पर बुलाया! मुझे भी फोन किया, बलराज जी से मिलने की ललक थी। लम्बा कद साधारण कोट पैट (टाई नही)! - के पी सक्सेना बड़े प्यार से मिले, और फोटो खिंचवाई ,सिलसिला चला! ‘दो बीघा जमीन’ का किसान रिक्शे वाला और ‘सीमा’ (नूतन के साथ) का मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर कौन भूल सकता है! ‘टकसाल’ में अय्याश शराबी की लाजवाब भूमिका! खुद दिलीप साहब और मोतीलाल जी उन्हें बेमिसाल एक्टर कहते थे! राज साहब ने कहा था -साहनी हैज नो सानी! ग्लैमर पार्टियां और शो ऑफ से कोसों दूर! जुहू स्थित बंगले में (जहां अब उनके बेमिसाल बेटे परीक्षित साहनी रहते है ) बढ़िया लाइब्रेरी (पढ़ने लिखने के रसिया! अंग्रेजी अखबारों में बराबर लिखते थे। कई यादगार किताबें भी लिखी ! पाकिस्तान की आजादी से बहुत पहले के वाशिंदे ! ‘सीमा’ के सैट पर नूतन जी से पहली बार मिलवाया था ! अपने निधन से काफी पहले शूटिंग छोड दी थी। मुंबई में मुझे पता लगा कि बलराज जी शूटिंग नही कर रहे है, घर पर ही रहते है, आंखो की चमक बुझ चुकी थी, यह मेरी उनसे अंतिम भेंट थी! राज जी ने उनके निधन पर कहा था-स्टार रह गये... कलाकार नहीं रहा! आज ग्लेमर, सेक्स, नंगापन और बेतुकी फिल्मों की आपाधापी में बलराज जी बहुत याद आते हैं। ऐसा इंसान ऐसा कलाकार इंडस्ट्री में युगों नही पैदा होगा! शिवानी दीदी बताती है कि, जब शांति निकेतन में बलराज जी पढ़ाते थे, तो अंग्रेजी के लासानी वाक्य उनके मुंह से निकलते थे! लगता था जैसे विश्व का सारा साहित्य पढ़ डाला हो उन्होंने आज लोग उनके बेटे परीक्षित साहनी के शैदाई हैं! बलराज जी का नाम धुंधलाता जा रहा है ! हां गुलशन, गुलफाम सीरियल में परीक्षित ने बूढ़े के रोल में बलराज जी की याद ताजा कर दी! शेर याद आता है--स्याही ताक की बतला रही है.. कि इस घर में उजाला रह चुका है, आप यह न समझे कि में पुराने कला का ही शैदाई हूँ ! मगर इंडस्ट्री में कोई दूसरा बलराज, संजीव, मोती लाल, दिलीप कुमार पैदा तो हो ......... #Raj kapoor #balraj sahani #K. P. Saxena हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article