उस रात संजू ने दत्त साहब से कहा था "मैं मर रहा हूँ, मुझे बचाइए" By Mayapuri Desk 01 Feb 2021 | एडिट 01 Feb 2021 23:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर संजू (संजय दत्त) की ज़िन्दगी में एक दौर ऐसा भी आया था जब उसका बचना लगभग नामुमकिन था। ये ऐसा समय था जब कोई भी ड्रग, बुरे से बुरा भी उसे असर नहीं करता था। संजू ने बाहरी दुनिया से सारा मतलब ख़त्म कर दिया था और काम-धाम छोड़ खुद को कमरे में बंद कर लिया था। संजू न कुछ खाता था, न पीता था और न ही ज़िन्दगी के प्रति कोई इंटरेस्ट उसके अंदर दिख रहा था, वो बस सोता रहता था। मानों कोई मुर्दा हो। उसके पिता, दत्त साहब और उसकी बहन प्रिया और नम्रता, यहाँ तक की उनके अजंता ऑफिस का स्टाफ भी न सिर्फ संजू के लिए चिंतित थे बल्कि उन्हें अब डर भी लगने लगा था। Ali Peter John वो उनके पास आया और बोला 'डैड, मैं मर रहा हूँ मुझे बचा लो' सुबह के चार बजे थे और दत्त साहब उस वक़्त भी जाग रहे थे। वो हैरान रह गए जब संजू उनके पास आया और बोला 'डैड, मैं मर रहा हूँ मुझे बचा लो' (ये उस सीन के बिलकुल उलट था जब कुछ ही समय पहले संजू ने अपने बाप के ऊपर बन्दूक तान दी थी और उन्हें शूट करने की धमकी दे रहा था) और एक पिता होने के नाते दत्त साहब इसी समय का इंतज़ार कर रहे थे। अगले ही दिन सुबह दत्त साहब ने संजय को ब्रीच केन्डी हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया। यही वो हॉस्पिटल था जिसमें संजय दत्त पैदा हुआ था। फिर संजू ने अमेरिका में ही सैटल होने का फैसला लगभग ले ही लिया था कि.... फिर उसके बाद जब संजय कुछ सम्भलने लायक हुए तो दत्त साहब ने संजय को अमेरिका के एक जाने-माने रिहैब सेंटर में भेजने का इंतज़ाम कर दिया, यहाँ वो आराम से शराब और ड्रग्स से छुटकारा पा सकता था। संजय अमेरिका में ही अपनी पहली पत्नी से हुई बेटी त्रिशला और अभिनेत्री ऋचा शर्मा के साथ (दूसरी पत्नी) रहने लगे, ऋचा अमेरिका में ही पली बढ़ी थीं। संजू को वापस इंडिया आने और फिल्म इंडस्ट्री में फिर घुसने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहा था, उसे वहीं अमेरिका में एक दोस्त मिला और उसने साथ ही एक बिजनेस में इनवॉल्व होकर संजू अमेरिका में ही नई ज़िंदगी शुरु करने ही लगा था। लेकिन जैसा लोग कहते ही हैं कि एक बार फिल्मी दुनिया में घुस गए तो हमेशा फिल्मी दुनिया के ही हो गए, संजय जहां के लिए था वहीं वापस आ गया। हालांकि, कोई बड़ा फिल्ममेकर संजू को साइन करने का रिस्क लेने को तैयार नहीं था। फिर कभी संजू का एक्शन डायरेक्टर दोस्त पप्पू वर्मा संजू से मिला और उसे लगा कि संजू अब ठीक है, काम कर सकता है तो उसे फिल्म 'जान की बाज़ी' के लिए साइन कर लिया। संजय हालांकि सुबह शूट पर जाने से पहले नर्वस था लेकिन जब उसने फिल्मालय के बाहर भीड़ देखी, बैंड साउन्ड सुना और आतिशबाजी होती देखी तो उसका खोया कॉन्फिडेंस वापस आ गया और फिर संजय को रोकने वाला कोई न रहा। कम से कम तबतक तो कोई नहीं जब तक कोई और बड़ा, ज़्यादा खतरनाक, उसकी ज़िंदगी में तूफान सा कुछ ऐसा नहीं आया जिसने संजय दत्त के साथ साथ पूरे देश को हिलाकर रख दिया। अनुवाद - width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'> '>सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर' #sanjay dutt #Richa Sharma #America #Sunil Dutt #Namrata #Trishala हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article