क्या सिनेमा के खात्मे के लिए ओटीटी प्लेटफार्म कटघरे में खड़े नजर आना चाहेंगें?. By Mayapuri Desk 02 Oct 2020 | एडिट 02 Oct 2020 22:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर यूँ तो हर दस वर्ष बाद सिनेमा में बदलाव आता रहा है। मगर इस वर्ष कोरोना महामारी और लॉक डाउन की वजह से पिछले छह माह से बंद सिनेमाघरों की वजह से सिनेमा में कुछ अलग तरह का अमूलचूल बदलाव आ रहा है। जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं , उससे तो यही अंदेषा लग रहा है कि यह बदलाव न सिर्फ दर्शकों की जेबें खाली करने वाला है , बल्कि सिनेमाघरों की बर्बादी के साथ ही सिनेमा के लिए नुकसान दायक साबित होने वाला है। कल तक दर्शक के लिए सिनेमाघरों में फिल्म देखने जाना महोत्सव यूं कहें कि त्योहार की तरह हुआ करता था। लोग अपने दोस्तों या पूरे परिवार के साथ फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर जाया करते थे। मगर सिनेमाघर बंद हैं , लोग कोरोना महामारी के चलते डरे हुए हैं । परिणामतः अब पार्टी करने , त्योहार मनाने या जष्न करना सब भूल चुके हैं। पर कोरोना महामारी की वजह से पनपे हालात से लोग तनावग्रस्त होते जा रहे हैं। ऐसे में उन्हे मनोरंजन की काफी जरुरत है। ऐसे वक्त का फायदा उठाते हुए कई ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म ने दर्शकों का मनोरंजन करने की बात कह कर सिनेमाघरों में पहुंचने का मार्च माह से राह देखने वाली फिल्मों को अपनी तरफ खींच कर अपने प्लेटफार्म पर स्ट्रीमिंग कर दर्शकों को लुभाते हुए अपने दर्शकों की संख्या में बेतहा शा बढ़ोत्तरी कर ली। तो वहीं कोरोना के चलते निर्माता निर्देशकों के लिए अपनी फिल्मों को लोगों तक पहुंचाने में ओटीटी सबसे आसान जरिया बन कर उभरा है। अब सभी ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म अपने प्लेटफार्म पर सिर्फ फीचर फ़िल्में ही नहीं वेब सीरीज , लघु फिल्में , डॉक्यूमेंट सहित सब कुछ दिखा रहे है। नेटफ्लिक्स , अमेजॉन , एम एक्स प्लेयर , इरोज नाऊ , हॉटस्टार डिजनी सहित सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म का दावा है कि पिछले 5 महीने के अंदर उनके दर्शकों की संख्या 40 लाख बढ़ गई है। इतना ही नहीं , अब इन्हें विज्ञापन भी मिलने लगे हैं। जी हां! बड़े देसी ओटीटी प्लेटफार्म जी5 , सोनी लिव , वूट और मैक्स प्लेयर पर कई एडवरटाइजिंग कंपनियां अपने उत्पादों का विज्ञापन कर रही हैं। लेकिन मजे की बात यह है कि अमेरिका बेस्ड ओटीटी नेटफ्लिक्स तथा अमेजॉन पर विज्ञापन बैन है। जबकि दर्शक को इनका सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है। यही नहीं लॉकडाउन के कारण डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हर तरह से विज्ञापनों की दरों में तेजी आई है। तो वहीं अब दर्शकों की सिनेमा देखने की भूख को भुनाने के लिए तरह-तरह की पैतरे बाजी भी शुरू कर दी गई है। सबसे पहले दिल्ली निवासी गौरव रतूरी और रूपिंदर कौर एक साथ मिलकर एक नए तरह का ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म ‘‘ सिनेमाप्रिन्योर ’’ लेकर आए। भारतीय सिनेमा को समर्पित इस ओटीटी प्लेटफार्म के लिए किसी को भी वार्षिक ग्राहक बनने की जरुरत नहीं है। बल्कि हर फिल्म देखने के लिए अलग राशि , तकरीबन निन्यानबे रूपए देकर फिल्म देख सकते हैं । इस पर भी फीचर फिल्मों के साथ ही डाक्यूमेंट्री और लघु फिल्में देखी जा सकती हैं। राहुल रतूरी का दावा है कि ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘ सिनेमा प्रिन्योर ’’ लाने के पीछे उनका मकसद कलात्मक और छोटे बजट की फिल्मों को भारतीय दर्शकों तक पहुंचाना है। ‘‘ सिनेमा प्रिन्योर ’ को मिल रही सफलता से उत्प्रेरित होकर अब इसी ढर्रे के कई नए ओटीटी प्लेटफार्म कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं । और हर कोई दर्शकों की जेब काटने पर आमादा नजर आ रहा है। इस खेल में सबसे बड़ा नाम ‘‘ जी स्टूडियो ’’ का है। ‘‘ जी स्टूडियो ‘‘ का पहले से ही अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘‘ जी 5 ‘‘ है , जिसके लिए दर्शक को वार्षिक शुल्क चुकाकर वार्षिक ग्राहक बनना होता है। मगर अब ‘‘ जी स्टूडियो ‘‘ ने एक नया ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘‘ जी प्लेक्स ‘‘ शुरू किया है। ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘ जी प्लेक्स ’’ के लिए किसी को भी ‘‘ जी प्लेक्स ’’ का वार्षिक ग्राहक बनने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि इस ओटीटी प्लेटफार्म पर हर इंसान को हर बार प्रति फिल्म शुल्क चुकाना पड़ेगा। इतना ही नहीं इस ओटीटी प्लेटफार्म से फिल्म को डाउनलोड भी नहीं कर सकते। इसी वजह से अब दो अक्टूबर को ‘‘ जी प्लेक्स ’’ पर आने वाली पहली मौलिक फिल्म ‘‘ खाली पीली ’’ देखने के लिए हर इंसान को 299 रूपए चुकाने होंगे। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अनन्या पांडे और ईशान खट्टर के अभिनय से सजी और मकबूल खान निर्देषित फिल्म ‘‘ खाली पीली ’’ का निर्माण ‘‘ जी स्टूडियो ’’ ने अली अब्बास जफर के साथ मिलकर किया है। यानी कि खुद ही फिल्म का निर्माण करो और अपने ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म पर दर्शकों से उस फिल्म को देखने के लिए एक लंबी चैड़ी रकम वसूलो। तो वहीं आषीष भावसार , मनमोहन शेट्टी और तरुण जगतियानी द्वारा एक दूसरा डिजिटल यानी कि ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘ डीजी बाॅक्स आफिस ’’ जल्द ही अस्तित्व में आने वाला है , यह घर का सिनेमाघर होगा। जिस पर दर्शक नयी फिल्में बॉक्स ऑफिस से टिकट खरीदकर देख सकते हैं। यूं तो ‘ डीजी बॉक्स ऑफिस ’ के कर्ताधर्ता दावा कर रहे हैं कि किसी भी ओटीटी के मुकाबले उनका यह अलग प्लेटफॉर्म होगा , जिसके लिए उपभोक्ता को कोई सब्सक्रिप्शन नहीं लेना होगा। साथ ही उन्हें कोई ऐप भी डाउनलोड नहीं करना होगा। इस प्लेटफार्म पर भी फिल्में , वेब सीरीज , नाटक , लघु फिल्में देख सकते है। साथ ही समय समय पर फिल्म फेस्टिवल के जरिए वैश्विक सिनेमा का आनंद भी ले सकते हैं। जबकि इलहाबाद निवासी आषुतोष बाजपेयी भी एक नया ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म ‘‘ स्काई फाई ’’ 14 फरवरी 2021 से लेकर आने जा रहे है। आशुतोष बाजपेयी का दावा है कि उनके ओटीटी प्लेटफार्म पर हिंदुस्तान की सांस्कृतिक गरिमा का ध्यान रखते हुए ही कार्यक्रम , फिल्में , मौलिक वेब सीरीज आदि प्रसारित होंगे। आशुतोष बाजपेयी ने कहा है- ‘‘ हम भारतीय फिल्मों के साथ दुनिया की तमाम भाषाओं के अर्थपूर्ण सिनेमा को हिंदी भाषी दर्शकों तक लाने की दिशा में सक्रिय है। यह प्लेटफॉर्म कई मामलों में अन्य चैनलों से अलग होने के साथ सार्थक सिनेमा को बढ़ावा देने की कोशिश के तहत ‘ हर शहर में सिनेमा ’ नाम से एक बहुत ही अलग तरह की शुरुआत करने जा रहा है। ’’ मगर अभी तक यह साफ नही किया गया है कि यह वार्षिक ग्राहक बनाएगा या ‘ जीप्लेक्स ’ के ढर्रे पर चलेगा। तो वहीं ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘ मुबी ’’ हर दिन क्लासिक पुरानी फिल्में स्ट्रीम करता है। इसे सात दिन तक मुफ्त में देखा जा सकता है , मगर उसके बाद षुल्क देना पड़ता है। ‘‘ जी स्टूडियो ’’ ने जिस तरह से ‘ जीप्लेक्स ’ षुरू किया है , उसी तरह से अब कई बड़े बड़े प्रोडक्षन हाउस भी अपना अपना ओटीटी प्लटफार्म लाने वाले हैं। फिल्म निर्माण कंपनी ‘ इरोज ’ ने ‘ इरोज नाऊ ’ और एकता कपूर ने अपनी प्रोडक्षन कंपनी ‘‘ आल्ट बालाजी मोषन पिक्चर्स ’ ने ‘‘ आॅल्ट बालाजी एप ’’ लेकर आ गयी है। इतना ही नहीं पिछले कुछ दिनों से चर्चाएं गर्म थी कि ‘‘ यशराज फिल्मस ’’ भी अपना ओटीटी प्लेटफार्म लाने की तैयारी कर रहा है। ‘ यषराज फिल्मस ’’ अपने ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म की घोषणा 27 सिंतबर को स्व.यषराज चोपड़ा के जन्मदिन पर करने वाला था , मगर ड्रग्स मसले की गूंज के चलते नहीं किया गया। मगर सूत्र दावा कर रहे है कि ‘ यषराज फिल्मस ’’ अपने ओटीटी प्लेटफार्म पर यशराज फिल्म्स के बैनर तले अब तक की बनाई गई सारी फिल्में रखना चाहता है। अभी तक यशराज की फिल्में अमे जॉन प्राइम वीडियो पर हैं। लेकिन यशराज का ओटीटी प्लेटफार्म आने के बाद इस बैनर की सारी फिल्में , यशराज फिल्म्स के शौकीन उनके इस प्लेटफार्म पर देख सकेंगे। इस प्लेटफार्म पर सिर्फ और सिर्फ यशराज की ही फिल्में होंगी। तो वहीं ‘‘ टी सीरीज ’’ और करण जौहर की प्रोडक्षन कंपनी ‘‘ धर्मा प्रोड शंस ’ भी इसी बात पर विचार कर रहा है। कहने का अर्थ यह है कि कोरोना काल में निर्माताओं ने अपनी बनी पड़ी फिल्मों को ‘ नेटफ्लिक्स ’, ‘ अमे जॉन ’ जैसे ओटीटी प्लेटफार्म पर शुरू चैड़ी कीमत में बेचकर अहसास कर लिया है कि वह अपना ओटीटी प्लेटफार्म शुरू कर उस पर अपनी कंपनी की फिल्में दिखाकर दर्शकों से सीधे पैसा बटोर कर पूरी मलाई खा जाएं। निर्माताओं की इस चालबाजी से दर्शकों के बीच काफी गुस्सा है। दर्शकों की राय में एक तरफ वह बड़े बड़े ओटीटी प्लेटफार्म , जहां सारी फिल्में व वेब सीरीज आदि मौजूद हैं , का सब्सक्रिप्शन लें , उसके बाद हर प्रोडक्शन हाउस के ओटीटी प्लेटफार्म को अलग से पैसा चुकाएं। ‘‘ जी प्लेक्स ’’ द्वारा पहली फिल्म ‘‘ खाली पीली ’’ के लिए 299 रूपए लिए जाने की घोषणा से लोगों के बीच काफी नाराजगी है। इस नाराजगी की वजह यह है कि यह ओटीटी प्लेटफार्म तो मल्टीप्लेक्स से भी अधिक पैसे वसूल रहा है। इस बात से अभी से दर्शकों के बीच रोष बढ़ता जा रहा है। दर्शकों का मानना है कि सिनेमाघर बंद होने का अनुचित फायदा उठाते हुए ‘‘ जी प्लेक्स ’’ जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म दर्शकों को ठगने का काम कर रहे हैं। क्योंकि पीवीआर जैसे मल्टीप्लेक्स में भी एक फिल्म को देखने के लिए दर्शक को इतनी बड़ी रकम कभी नहीं चुकानी पड़ी। यहां तक कि सुबह के शो में तो कई मल्टीप्लेक्स की टिकटें महज पचास या सौ रूपए ही है। लोग सवाल कर रहे हंै कि ईषान खट्टर और अनन्या पांडे जैसे नए कलाकारों की फिल्म देखने के लिए वह 299 रूपए क्यों चुकाए। अब बॉलीवुड के ही अंदर एक तबका इस बात की चर्चा कर रहा है कि सिर्फ स्थापित ओटीटी प्लेटफार्म ही नहीं , बल्कि बड़े प्रोडक्षन हाउस अपना ओटीटी प्लेटफार्म लाकर अपनी जेबें भरने के चक्क्र में न सिर्फ दर्शकों की जेब खाली करना चाहते हैं , बल्कि वह अपने इस कृत्य से सिनेमा को भी क्षति पहुंचाना चाहते है। ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म के कर्ताधर्ता यह भूल गए हैं कि कोरोना महामारी ने देष की अस्सी प्रतिषत जनता को कंगाल बना दिया है। पिछले छह माह से करोड़ो लोगों के पास काम नहीं है। व्यवसाय ठप्प पड़े हुए है। लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी है। जिनकी नौकरी किसी तरह से सही सलामत है , उन्हें भी आधी तनख्वाह ही मिल रही है। ऐसे में बेचारा दर्शक सबसे पहले दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करेगा या तीन सौ रूपए देकर एक फिल्म को अपने मोबाइल पर देखेगा ? इसका सीधा जवाब है कि ऐसा कभी नही हो सकता। अब ओटीटी प्लेटफार्म वालों की यह सोच भी गलत है कि दर्षक को मनोरंजन चाहिए , इसलिए वह फिल्म वगैरह देखने के लिए पैसा चुकाएगा। पर हकीकत यह है कि अब कई लोग अपने घर के अंदर कैरमबोर्ड या लूडो का खेल खेलते हुए अथवा व्हाट्सअप पर एक दूसरे को जोक्स आदि भेजते हुए अपना मनोरंजन कर रहे हैं। हालात यह बन रहे है कि अब दर्षक धीरे धीरे फिल्में , वेब सीरीज , लघु फ़िल्में देखना बंद कर देगा। पर वह ओटीटी प्लेटफार्म को इतनी बड़ी रकम नही चुकाएगा। फिर एक दिन वह आएगा , जब दर्षकों की सिनेमा देखने की लत ही खत्म हो जाएगी। इसका सीधा असर सिनेमा पर पड़ेगा और सिनेमा/फिल्में मरणासन्न हो जाएगा। यदि हमें हमारे सिनेमा/ फिल्मों को जीवित रखना है , यदि हम चाहते हैं कि दर्शकों में सिनेमा देखने की लत बरकरार रहे , तो ‘ जी प्लेक्स ’ सहित हर ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म को षुल्क कम करने के बारे में नए सिरे से सोचना होगा। प्रोडक्षन हाउस को भी इस दिषा में सकारात्मक रवैया अपनाना पड़ेगा। अन्यथा ‘ सोने की मुर्गी हलाल ’ करने के चक्कर में यह सभी ‘ ओटीटी ’ प्लेटफार्म सिनेमा के खात्मे के लिए खुद को कटघरे में खड़ा पाएंगे। #ओटीटी प्लेटफार्म हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article