सचमुच अब बात कंटेट्स पर आ गई है। भारी भरकम फिल्म हैवी बजट, स्टारों की भीड़..., अब इन तिलस्मों से दर्शक प्रभावित नहीं होगा। अब वही फिल्म पसंद की जाएगी जो दिल से बनेंगी और दर्शकों के दिल को छू पाएगी। ‘दंगल’ की कामयाबी (जिसके सामने ‘बाहुबली 2’ के कलैक्शन के आंकड़े थे) के बाद एक छोटी फिल्म ‘हिन्दी मीडियम’ की रफ्तार ने बता दिया है कि मंहगी धौंस (चाहे वो ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ की हो या ‘सचिन-ए बिलियन ड्रीम्स’ की, या यशराज प्रोडक्शन की ‘मेरी प्यारी बिन्दू’) नहीं चलेगी। चलेगी तो इरफान खान के साथ बनाई गई एक छोटे बजट (बाइस करोड़ सिर्फ) की फिल्म की- जो दर्शकों के दिल को छू जाएगी।
टी-सीरीज के भूषण कुमार, किशन कुमार और दिनेश विज़न को ‘हिन्दी मीडियम’ बनाने का ख्याल कैसे आया, यह तो लेखक-निर्देशक साकेत चौधरी और उनकी टीम जाने, मगर यह निर्विवाद कहा जा सकता है कि फिल्म का देसी टाइटल ही पहले दिन से लोगों को खींच रहा है। इरफान खान और फिल्म का शीर्षक पहले दिन 12.56 करोड़, दूसरे दिन 12.14 करोड़ फिर प्रतिदिन 2.20 करोड़ का आंकड़ा देते हुए। तीसरे हफ्ते में 50 करोड़ का मार्क छू गई, इसे देख फिल्मी पंडित हैरान हैं। लेख पढ़ने तक फिल्म का कलैक्शन 60 करोड़ हो जाएगा, ऐसा अनुमान है। और, अनुमान यह भी है कि चंद हफ्ते में ही ‘हिन्दी मीडियम’ 100 करोड़ क्लब में शामिल हो जाएगी। दूसरी तरफ उसी दिन रिलीज फिल्म चेतन भगत के बहुचर्चित उपन्यास पर आधारित ‘हाफ गर्लफ्रेंड’- जिसमें श्रद्धा कपूर, अर्जुन कपूर की जोड़ी है और जिसके साथ एकता कपूर और हिट निर्देशक मोहित सूरी का नाम जुड़ा है, वो लुढ़कते हुए थिएटर पर दिन गिनने लगे हैं कि और कितने दिन? ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ की लैविश मेकिंग, श्रद्धा कपूर का चार्म और अमेरिका की मंहगी लोकेशनों पर शूटिंग कुछ काम नहीं बना पा रहा। फिल्म का कलैक्शन 58.8 करोड़ से आगे बढ़ने में सिसकियां लेने की चाल पर है। तात्पर्य यह है कि अंग्रेजी में सोचने वाले चेतन भगत जैसे लेखक और मेकर सावधान हो जाएं तो अच्छा है! ‘हिन्दी मीडियम’ उनके लिए एक अलार्म है। क्योंकि आप हिन्दी दर्शकों के लिए हिन्दी फिल्म बना रहे हैं? दिल से सोचो- भारतीय बनके सोचो, सिनेमा तभी ‘सर्वाइव’ करेगा जब सोच ‘हिन्दी मीडियम’ की होगी- शेयरिंग इज केयरिंग!
- संपादक