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वैसे तो हम सालो से होली का त्योहार मनाते रहे हैं। होली में होती है बुराई पर अच्छाई की जीत। होली में होता है एक नए मौसम का आगमन। होली होती है आपस में मिलना और दिलोंको मिलाने का। होली होती है नाचने और गाने का जश्न, होली वह त्योहार होता है जो लोगो को आपसी भेदभाव मिटाने का और प्यार के संदेश को हर दिल तक पहुँचाने का।
क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि होली किसी नए ढंग से मनाने का वक््त आ गया है? क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि होली सिर्फ एक रिवाज के जैसे आती है और जाती है और फिर हम सब होली को भूल जाते है अगली होली आने तक और फिर सब वहीं करते है जो हमने नहीं करने की शपथ ली होगी होली के दिन ? क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि इस महत्वपूर्ण त्योहार को हम एक नए तरीके से मनाये ? क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि हम होली के त्योहार में एक नई दिशा ढूँढे जिससे हम सब मिलकर एक नए जहान को बसाने में कामयाब हो सकते है ?
इस बार की होली पर बॉलीवुड को संभल कर रहने की जरूरत है क्योंकि पिछली होली और इस बार की होली में तो कोई फर्क तो नहीं हैं, लेकिन बॉलीवुड में बहुत कुछ चेंज हो चुका है अब मीटू के चलते बॉलीवड में विलेन का किरदार निभाने वाले कलाकार भी फूंक फूंक कर कदम रख रहे है कि कहीं एक्ट्रेस फिल्म में रेप सीन करने के बाद उन पर मीटू में आरोपी ना बना दे, इस लिए कुछ आर्टिस्ट एक्ट्रेस से पहले ही पेपर पर लिखवा रहे है कि इस सीन को करने के लिए वो राजी है, इस लिए सभी बॉलीवड स्टार्स को इस बार होली भी संभल कर खेलनी होगी, कही ऐसा न हो, कि अभी होली का रंग उतरा भी न हो और कलाकार होली के बहाने मीटू के लपेटे में आ जाये, कहीं रंग लगते हुए कहीं कोई एक्ट्रेस ये न कह दे की बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी, तो लट्टू पड़ोसन की भाभी हो गई, हालॉकि ऐसा नहीं है कि सभी सही हैं और सभी गलत, फिर भी हम तो यही कहेंगे ऐ भाई जरा देख के चलो, बाकि बुरा न मानो होली हैं।
हां क्यों नहीं हम सब -साथ साथ चलकर एक नए रंगो की होली खेल सकते है और खेलते खेलते दुनिया को एक नई दिशा की तरफ ले जा सकते हैं। आओ, हम दोस्ती और एकता के रंगो से एक नई होली खेले। आओ, हम सुख, शांति और समृद्धि के रंगो से होली खेले, जिससे दुनिया और जमाने का ही रंग बदले। आओ, हम नफरतों के सारे रंगो को मिटा दे और मोहब्बत के नए घर बनाए, हर भारतीय और हर इंसान के दिलो में। आओ, हम जंग के बारे में सोचना ही बंद करें और अमन को स्थापित करे। आज हम बहुत कठिन और घोर अंधेरों से धिरे समय से गुजर रहे हैं। आओ, हम इस अंधेरे को रोशनी के रंग में बदले। आज हम सब भय के वातावरण में जी रहे हैं और ऐसे जीने की हमको आदत सी होती जा रही है। आओ, हम भय के चेहरे से उसका काला रंग निकाल कर दूर करें, भय हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है, कोई न्यूक्लियर ताकत और कोई आतंकवादी शक्ति से भी भयानक शक्ति से। भय का रंग शांति के रंग में बदलना होगा हमें, नहीं तो भय मौत से ज्यादा मारेगा हम सबको। हमको तुम इन सारी बुरी भयानक ताकतों का रंग बदलकर नए रंगो से अपने घर (भारत) को एक बार फिर सजाना होगा और यह भलाई का काम हम सबको मिलकर जल्द करना होगा नहीं तो हो सकता है कि बहुत देर हो जाए। सब हो सकता है। सारे बुरे रंगो को बदला जा सकता है अगर हमारे अंदर विश्वास की एक तेज लहर हमारे जीवन को छू सकती है और यह मुमकिन भी है और हमें एक महान देश बनने से कोई भी दुश्मन, किसी भी तरह का दुश्मन हमें आँख उठाकर भी नहीं देख सकता। यह हो सकता है अगर हम दिलों - जान से कोशिश करे। यह बातें बहुत नई नहीं है। इनके बारे में हमारी फिल्म इंडस्ट्री ने बहुत कुछ किया है अपनी फिल्मों के द्वारा। होली हमारी फिल्मों का एक अहम हिस्सा है कई सालां से और होली सिर्फ एक नाच गाने का बहाना नहीं होता है, एक संदेश भी पहुंचता है बुराई पर अच्छाई की जीत और प्यार मोहब्बत से हर समस्या को हल करने का। होली तो हमेशा एक रंगीन त्योहार रहेगा, लेकिन अब रंगो के मायने होगें और भंग के नशे से ज्यादा प्यार मोहब्बत और शांति का नशा करना पड़ेगा। आओ, इस होली के दिन हम जश्न जरूर मनाये। लेकिन थोड़ा समझ से भी काम लें, क्योंकि समझ में जो शक्ति हैं वह हर चीज में नहीं हो सकती है। स्वर्गीय सुनील दत्त ने कहा था कि ऐसी कोई समस्या नहीं है जो समझ से सुलझाई नहीं जा सकती। आओ दिल और दिमाग दोनों को नए रंग में ढाल ले हम सब, क्योंकि इसमें आपका, उनका, मेरा, हम सबका और हमारे भारत का भला हो सकता है और हम आनेवाली कई हजार होलियाँ सिर्फ खुशी और शांति से खेल सकते हैं। होली है, खूब मनाओ होली लेकिन कुछ बुरे रंगो से बच कर मनाये होली।