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कैसे कोई दिवाली मनाए जब हर दिल का दीप एक अजीब अँधेरे में डूबा हुआ है?

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By Mayapuri Desk
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कैसे कोई दिवाली मनाए जब हर दिल का दीप एक अजीब अँधेरे में डूबा हुआ है?

अली पीटर जॉन

क्या एक बार फिर इस उत्सुकता से भरे रोशनी के त्योहार, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, फिर से पहले जैसे होगा? कुछ समय पहले ऐसा समय भी था, जब त्योहारों की इस रानी को मनाने की तैयारी की जाती थी, जिसके आने से पहले, खास तरह के कपड़े बनाए जाते थे, त्योहार कैसे मनाया जाए, इस बारे में योजनाएं बनाई जाती थीं, पकवान और मिठाई तैयार की जाती थी, जिस तरह से घर को सजाया जाता था, आभूषणों और उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता था, कैंडिल्स जलाई जाती थी और संगीत जो उत्सव के माध्यम से सुना जाता था और मेहमान जिन्हें आमंत्रित किया जाता था। और जिन रिश्तों और दोस्ती को नुकसान पहुँचाया गया था, वे अच्छे हो जाते थे और ओ उस रात जुए की रात होती थी और कैसे उस दिन को भूल सकते हैं जब भाई-बहन ने अपना पवित्र बंधन सेलिब्रेट किया था? और अगर कोई एक जगह थी जहाँ दिवाली सभी धूमधाम, पवित्रता और भव्यता के साथ मनाई जाती थी, तो यह फिल्म उद्योग की दुनिया थी जिसे बॉलीवुड कहकर पुकारा जाता है।

कुछ साल पहले तक दिवाली-दिवाली लगती थी और जब तक अंडरवल्र्ड की काली छाया ने उद्योग को जकड़ नहीं लिया था और अब दिवाली पहले की तरह का त्योहार नहीं रहा। और अगर उद्योग में कभी नीरस, कलि, बेकार और खराब दिवाली मनाई गई है, तो यह 2020 की दिवाली है!

कैसे कोई दिवाली मनाए जब हर दिल का दीप एक अजीब अँधेरे में डूबा हुआ है?

अमिताभ बच्चन, जो कभी दिवाली को सबसे अच्छी तरह से मानते थे और श्वेता, अभिषेक और जया के साथ आतिशबाजी भी करते थे, और कभी-कभी अपने माता-पिता के साथ भी ‘जलसा’ में अपनी सभी दिवाली सेलिब्रेट करते थे! और अब कोई फेस्टिवल नहीं है। त्योहार मनाने के किसी भी प्रकार और अन्य सभी तरीकों को भी कैंसल कर

दिया गया है। कोविड 19 के संकट के अलावा भी बच्चन के अपने पर्सनल रीजन हैं दिवाली न मनाने के। वे श्वेता की सास और ऋषि कपूर की बड़ी बहन रितु नंदा के शोक में हैं, जो न केवल अमिताभ की सबसे अच्छी दोस्त थी, बल्कि बच्चन परिवार का हिस्सा भी थी! अमिताभ ने पहले ही अपने सभी दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रशंसकों को इस अवसर पर शुभकामनाएं दी थी और एक और सभी से सुरक्षित और स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्त दिवाली मनाने का अनुरोध किया था।

कैसे कोई दिवाली मनाए जब हर दिल का दीप एक अजीब अँधेरे में डूबा हुआ है?

और अगर उन लोगों में से एक वर्ग है जो बच्चन दिवाली को याद करेंगे, तो यह पैपराज़ी और बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक होंगे। कपूर परिवार का दिवाली एक कम महत्वपूर्ण उत्सव रहा है जब से शोमैन का निधन हुआ था जो लगता है कि आर.के को अपने साथ ले गया था। ऋषि पाली हिल पर अपने बंगले कृष्णा राज में अपना यह उत्सव सेलिब्रेट करते थे, लेकिन एक साल के भीतर बंगला और उसके प्यारे मालिक दोनों ही इतिहास का हिस्सा बन गए हैं और अब नीतू, रणबीर और रिद्धिमा सभी अपने चिंटू साहब की यादों के साथ जी सकते हैं और उनके लिए प्रार्थना कर सकते हैं। यह जिंदगी भी कितनी संगीन और जालिम हो सकती है कभी कभी।

कैसे कोई दिवाली मनाए जब हर दिल का दीप एक अजीब अँधेरे में डूबा हुआ है?

जितेन्द्र के बंगले पर उन सभी समारोहों को भी सेलिब्रेट किया गया था, जो कभी त्योहार की सबसे लोकप्रिय जुए की रात होती थी, जहाँ एक रात में लाखों और करोड़ों का दांव लगता था। जीतेन्द्र खुद अभी 78 साल के हैं और खुद काफी स्वस्थ नहीं है। जवानी हमेशा जवान नहीं रहेती, मेरे दोस्तों इसलिए जो भी करो या कोई भी खेल खेलो या कुछ भी मस्ती और ऐश करो जरा आगे देख कर और अपने आप को देख कर और सोच समझ कर करो क्योंकि दिवाली आती जाती रहेगी लेकिन जिन्दगी एक ही बार आती है।

कैसे कोई दिवाली मनाए जब हर दिल का दीप एक अजीब अँधेरे में डूबा हुआ है?

जैसा कि मैं इस भारी दिल से लिखता हूं सभी बड़े खान सहित सभी बड़े सितारों की रिपोर्ट आती है जो अपने शाही तरीकों से भी दिवाली मनाते थे जहां उनके मेहमानों में उच्च और शक्तिशाली लोग शामिल होते थे, जिनमे अमिताभ और अन्य लोगों के साथ शामिल थे।

ओह दिवाली बहुत हो चुका तुम्हारा अँधेरा इस बार, लेकिन अगले साल कुछ तो रहम करना, नहीं तो हमारे ये छोटे छोटे बच्चे (सितारे) बोर हो जाएगे, रहम करोगी न दिवाली की देवी और तुम भी ओ करोना देवी?

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