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कितनी भ्रामक होती हैं हिन्दी सिनेमा की कलेक्शन रिपोर्ट ?

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By Sharad Rai
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कितनी भ्रामक होती हैं हिन्दी सिनेमा की कलेक्शन रिपोर्ट ?

फिल्म ‘धड़क’ को लेकर दर्शकों के दिलो-दिमाग में क्या-क्या प्रतिक्रियाएं आयी, अब बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन, इस फिल्म की कलेक्शन रिपोर्ट पढ़-सुनकर निश्चय ही फिल्म व्यवसाय की जानकारी रखने वालों का दिल धड़क उठा है। तुर्रा यह कि 7वें दिन में सफलता की पार्टी का जश्न भी सम्पन्न हो गया है। बताया गया है कि फिल्म ने भारत में 50 करोड़ (और ओवरसीज को जोड़कर 70 करोड़) की कलेक्शन करके ‘न्यू-कमर्स’ की लॉचिंग पैड की कलेक्शन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। यानी करण जौहर ने ‘न्यू-कमर्स’ को ब्रेक देने के लिए जो स्टार बैंक का खाता शुरू किया है, उन फिल्मों में भी नम्बर एक हो गई है - ‘सैराट’!

इन ..लोगों को कॉपी करना भी नहीं आता!

 ...सॉरी, ‘सैराट’ तो मराठी की वो फिल्म है जिसकी कॉपी हिन्दी में करके आई है- ‘धड़क’। श्रीदेवी की बेटी जाहन्वी और शाहिद कपूर के सौतेले भाई ईशान खट्टर की इस लॉचिंग फिल्म को देखने वाले दर्शक थियेटर से मायूस होकर बाहर निकलते हैं। और, वे दर्शक जो मराठी भाषा में ओरिजिनल फिल्म देख चुके हैं, बुझे मन लिए हुए बाहर आते हैं- ‘इन ..लोगों को कॉपी करना भी नहीं आता!’ (कहावत है न कि नकल के लिए भी अक्ल चाहिए) खैर, हम फिल्म के भ्रामक प्रचार की ही यहां बात करेंगे। उस प्रचार की, जो सुन सुनकर दर्शक हैरान हो रहे हैं फिल्म-प्रदर्शन के बाद फिल्म की कलेक्शन के आंकड़े बढ़ा चढ़ाकर बताना बॉलीवुड की पुरानी आदत है। फ्लॉप से फ्लॉप फिल्म को भी निर्माता हिट बताता है ताकि उन दर्शकों में फिल्म देखने के लिए उत्सुकता जागे जो नहीं देखे होते। ये भ्रामक आंकड़े देने के लिए कई एजेन्सियां काम करती हैं।

यहां झूठे को सेलिब्रेट किया जाता है

शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ पिट चुकी थी। इसको कामयाबी का टैग देने के लिए बॉक्स ‘ऑफिस इंडिया डॉट इन’ सामने आई और फिल्म की कलेक्शन का आंकड़ा शो किया 110 करोड़, जबकि उसी समय दूसरी एजेंसी ‘हंगामा डॉट काम’ ने बताया कि फिल्म 122 करोड़ कमा चुकी है। अब किसकी गणना सही है, यह सोचने  का विषय हो गया था। क्योंकि, तब तक थिएटर खाली जा रहे थे। ऐसा ही आंकड़ा फिल्म ‘काबिल’ (65/90 करोड़ दोनों संस्था से), ‘शिवाय’ (100/84 करोड़), ‘क्रिश 3’ (175/244 करोड़) का आया था। अब किसे सच माने’ बॉक्स ऑफिस डॉट इन को या हंगामा डॉट इन को- जबकि फिल्में सभी घाटे का सौदा साबित हुई थी। कुल प्रोडक्शन कास्ट, प्रचार और प्रदर्शन (70 PVR) का खर्च पूरा निकालने के बाद फिल्म कमाई पर जानी चाहिए। पर भारत में यूएस की तरह कोई RENTRAK  जैसी स्वीकृत एजेंसी होती तब तो! झूठे आंकड़ो का जाल यहां बिछाया जाता है फिर झूठ को सेलिब्रेट किया जाता है। लोगों का मानना है कि ‘धड़क’ की कलेक्शन का जश्न कुछ ऐसा ही है। करण जौहर के इर्द-गिर्द एक मंडली फिल्मों को प्रमोट करने के लिए ऐसे जाल बनाती है। जिसका लाभ बोनी कपूर जैसे निर्माता भी पा जाते हैं। फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के बाद करण ने ‘धड़क’ के लिए जो भ्रामक कलेक्शन पेश किया है, उससे लोगों का विश्वास उठ गया है बॉक्स ऑफिस डायरीज से। सोशल मीडिया वाले सावधान!

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