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ज्योति वेंकटेश
इम्तियाज़ ने सैफ को रॉकस्टार ऑफर की थी
?
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मुझे ऑफर मिला था
,
इम्तियाज़ रॉकस्टार बनाना चाहते थे पर हमने उसके बजाय लव आज कल बना ली थी। उस के बाद उन्होंने रणबीर के साथ इसे बनाया। मुझे उनका पहला ऑफर रॉकस्टार फिल्म के लिए आया था।
सैफ को लगता है करीना मिसेस ग्राम हैं!
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सिर्फ इसलिए कि मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूँ
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इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि मुझे पता नहीं है कि यह क्या है। असल में मैं इस (इंस्टाग्राम) पर था और मैंने इसे डिलीट कर दिया
,
वजह अब भी यही है
,
मुझे टॉक्सिक टिप्पणीयों से खीज हो रही थी और इसमें मेरा बहुत समय बर्बाद हो रहा था
,
साथ ही
,
मैं इतनी सी चीज से परेशान नहीं होना चाहता
,
इग्नोरेंस इज ब्लिस। दूसरी तरफ
,
मेरी पत्नी हैं जो मुझे लगता है मिस इंस्टाग्राम हैं
,
मिसेस ग्राम!
वह सोशल मीडिया पर क्यों नहीं हैं
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असल में मैं कभी सोशल मीडिया पर नहीं था। मैंने अपनी पत्नी से एक बार पूछा कि इसमें बड़ी बात क्या है
?
उन्होंने कहा
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यह जानना अच्छा लगता है कि दुनिया में क्या चल रहा है
,
यह देखना कि लोग क्या कर रहे हैं। सो
,
मैंने यह किया पर फिर मैंने सोचा कि यहाँ थोड़ी नकारात्मकता है जो मुझे परेशान कर रही है
,
मैंने सोचा कि मुझे यह क्यों पढ़ना है और यह महत्वपूर्ण भी क्यों है। लोग आपके बारे में क्या सोच रहे हैं यह आपके जीवन में महत्व रखने लगता है। जब हम बच्चे थे तब स्कूल में एक अच्छे टीचर ने कहा था
,
तुम्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि लोग तुम्हारे बारे में क्या सोच रहे हैं। लोगों को हर समय इम्प्रेस करने की कोशिश मत करो
,
इतना ज्यादा चिंतित मत रहो। यह एक अभिनेता के सोशल मीडिया पर अक्सर रखे जाने वाले विचारों से बिल्कुल विपरीत है। हम जो कुछ कर रहे हैं मैं उससे काफी खुश हूँ। मुझे कहने में झिझक हो रही है लेकिन अच्छा वेतन मिल रहा है
,
खुशहाल ज़िंदगी है
,
सब अच्छा है।
मेरा मतलब है
,
मैं काफी ज्यादा गुस्से से और नकारात्मकता से भर जाता हूँ जब मैं प्रतिक्रिया के रूप में फालतू की बकवास पढ़ता हूँ
,
और यह सही भी है क्योंकि लोग तो वही कहेंगे जो उन्हें कहना है। लेकिन पता है क्या
,
मैं सड़क के किनारे कुछ बेवकूफ़ों के झुंड के साथ डिनर नहीं करूंगा तो यहाँ मैं उनके साथ अपना सिर क्यों खपा रहा हूँ
,
यही मेरी सोच है। जैसे यह लोग हैं
,
मैं नहीं जानता कि यह कौन हैं
,
आप कोई चेहरा नहीं देख सकते
,
और आपको नहीं पता कि यह कहां से आ रहे हैं। आपको बस इतना पता है कि बाहर बहुत से लोग हैं जो गंदगी सोचते हैं
,
इससे वास्तव में आप लोगों को नापसंद करने लगते हैं। यह आपको सोचने पर मजबूर करता है कि हे भगवान
,
हम किस तरह के वातावरण में जी रहे हैं। यह सोचने का सही तरीका नहीं है। सोचने का अच्छा तरीका है कि मैं अपनी किताब पढ़ रहा हूँ
,
मेरे पास मेरा बच्चा है
,
मैं अपनी ज़िंदगी में खुश हूँ और जब मैं बाहर जाता हूँ तो मुझे लगता है कि सब खूबसूरत है क्योंकि मैं खुश हूँ। मेरा मानना है कि यह खुद को संचालित करने का स्वस्थ तरीका है बजाय आसपास की विषाक्तता को जानने के
,
यह मुझे नहीं जंचता। कुछ लोग कठोर होते हैं
,
उनका मानना है कि इन सब से फर्क नहीं पड़ता।
सैफ के फेक अकाउंट का नाम
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जब मेरे पास मेरा फेक अकाउंट था
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मैंने उसका नाम शकुन कोठारी रखा था।
अगर सैफ इंस्टाग्राम पर होते तो किसे ब्लॉक करते
?
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मैंने बहुत सारे एक्टर्स की इंस्टाग्राम की चीजें देखी हैं
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मुझे कहना होगा
,
मुझे नहीं पता क्यों पर मुझे कोई भी बहुत ज्यादा दिलचस्प नहीं लगा क्योंकि सभी आमतौर पर वर्काउट कर रहे होते हैं
,
बाहर घूम रहे होते हैं या बेगल खा रहे होते हैं और मुझे लगता है वाह
,
बढ़िया! मैंने दाएँ
,
बाएँ और बीच
,
हर तरफ से लोगों को ब्लॉक किया है
,
व्हाट्सऐप पर भी बहुत सारे लोगों को।
ट्रोलिंग पर क्या कहना है
?
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दुनिया के विकास का एक हिस्सा वह है जहां आप जिन चीजों पर आमतौर पर ध्यान नहीं देते
,
जो गलत हैं
,
उनपर बात होने लगे। चाहे वह किसी तरह का
,
मीटू जैसी चीज हो या कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न हो
,
जो
60
के दशक में सामान्य था पर अब स्वीकार्य नहीं है। तो
,
नैतिकता और व्यवहार की स्वीकृति का निरंतर विकास हो रहा है। शायद आने वाले
10-20
सालों में लोग कहने लगेंगे कि ओह
,
ट्रोलिंग! क्या आप सोच सकते हैं कि उन दिनों ट्रोलिंग हुआ करती थी जहां लोग जिसके बारे में जो चाहे कहा करते थे। आने वाले समय में शायद साइबर पुलिस हुआ करेगी जब आप किसी तरह की निश्चित भाषा या चीज कहेंगे तो आपके दरवाजे पर दस्तक देगी।
तैमूर और पैपराज़ी पर खुलकर बोले सैफ
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हाँ
,
मुझे लगता है मुझे समझ आ गया है कि किन जगहों पर कैमरा होगा। उसे (तैमूर) को कभी भी तस्वीर खिंचाने में मज़ा नहीं आया
,
घर पर हमसे भी नहीं। लेकिन वह समझता है
,
मेरा मतलब वह कैमरा फ्लैश देखकर मुसकुराता है
,
हाथ हिलाता है पर यह सिर्फ इसलिए क्योंकि वह हमेशा यही देखता है तो ज्यादा सोचता नहीं।
यह काफी मजेदार है
,
जैसे हम जिस घर में अभी हैं वह काफी भरा-भरा सा है। हर तरफ सामान फैला रहता है
,
तस्वीरें या किताबें। बहुत से लोगों ने कहा कि तुम्हें यह सब हटाना होगा
,
खासकर छोटे शेल्फ में रखे बहुत से ग्लासेस। मेरी मां और बहुत से लोग कहते थे
,
जब वह भागने लगेगा तो सब हट जाएगा। और हमने कभी उन चीजों को हटाया नहीं और उसने अपना रास्ता बना लिया बिना कोई चीज तोड़े। मैं बस यह कह रहा हूँ कि आप जिन चीजों के साथ बड़े होते हैं उनकी आपको आदत हो जाती है।
यह मुझे थोड़ा चिंतित भी करता है
,
उसे अलग तरह की वाइब मिलती है फिर वह (पैपराज़ी) उसका स्कूल तक पीछा करते हैं
,
और चिंता होती कि यह बहुत ज्यादा अटैन्शन है। यह निराशाजनक है कि लोग आप को मुंबई में एक साधारण बच्चे की तरह रहने नहीं देते। स्टार किड होना एक टैग है जो आप से जुड़ जाता है चाहे आप को पसंद हो या न हो
,
और असल में जवाब है कि आप यह नहीं चाहते पर आप क्या कर सकते हैं। तो
,
वह एक कार्य पूरा कर रहे हैं
,
कोई कहता है कि उन्हें मत रोको
,
वे अपना काम कर रहे हैं
,
उन्हें भी इसके पैसे मिल रहे हैं
,
और आप जानते हैं कि लॉकडाउन की स्थिति चल रही है
,
भारत में यह बड़ी उलझन है। कोई अमेरिकन कह देगा कि- क्या तुम मेरे घर को स्टॉक करना बंद करोगे। लेकिन यहाँ मैं समझता हूँ कि तुम्हें इसके पैसे मिल रहे हैं और मैं किसी की रोज़ी-रोटी नहीं छीनना चाहता। तो यह कुछ इस तरह का है
,
आपको पता ही नहीं है कि रिएक्ट कैसे करें। मुझे लगता है जब आप इसका विरोध करते हैं तो यह एक स्थिति बन जाती है
,
जहाँ आप उनसे बचने लगते हैं या अपना चेहरा हैट से ढककर भागने लगते हैं। लेकिन आप उन्हें एक तस्वीर खींचने देते हैं तो आप मुस्कुराकर आगे बढ़ जाते हैं। सो
,
तैमूर को जो महत्वपूर्ण चीज बताई जाती है वह यह है कि विनम्र रहो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है और मुझे लगता है
,
वह यह बात सीख चुका है।
सैफ कहते हैं कि उनके लिए यह आसान नहीं था
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बहुत बार
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दुर्भाग्यवश। और मुझे पता था कि आपको यह गंभीरता से लेना है लेकिन बात यही है। मुझे नहीं लगता कि मुझे यह सब आसानी से मिला है
,
जबकि कई लोग कहेंगे कि ओह
,
तुम्हें आसानी से ही मिला है। लेकिन मैंने बहुत बकवास काम भी किया है जो शायद बाकी लोगों ने नहीं किया होगा। मैंने सुरक्षा और एक था राजा जैसी अजीब फिल्मों में तीसरे लीड का किरदार किया है
,
जिनके बारे में शायद किसी ने कभी सुना भी न हो। लेकिन मैंने कभी सोचा नहीं कि आखिर मैं यहाँ कर क्या रहा हूँ। मुझे तब पता था कि मैं तब वहाँ क्या कर रहा था। मैं कमाने की कोशिश कर रहा था और अपना काम कर रहा था। मुझे पता था यह मुझे कहीं नहीं ले जाएगा पर मुझे लगा ठीक है जो है। यह तब सही लगता है जब आप
25
के होते हैं
,
यह ठीक है कि
25
में आप कहीं नहीं बढ़ रहे लेकिन आप
50
के हो कर उसी जगह अटके नहीं रहना चाहेंगे। आपको लगता है कि वाओ
,
यह सब आखिर बढ़ किस ओर रहा है। लेकिन काम तो काम है ना।
सैफ ने
‘
नो फिल्टर नेहा
’
में अपनी ऑटोबायोग्राफी के नाम का किया खुलासा
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मुझे लगता है मैं अपनी ऑटोबायोग्राफी को बुलाऊंगा- आई विल बी गुड फ़्रॉम टूमोरो। मैंने कई बार कहा है कि यह डाइट या अलकोहल पर आधारित होगा। इसमें एक चैप्टर भी होगा जिसका नाम होगा
,
शायद
, ‘
वह विहस्की नहीं पीनी चाहिए थी
’
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सैफ अंधकार से कैसे उभरे
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जब मैं
22
साल का था तब मैंने एलएसडी का अनुभव किया और मुझे एहसास हुआ कि मैं अब अंधेरे से नहीं डरता। मैं पहले डरता था। यह दूसरी तरफ भी जा सकता था। यह खतरनाक है क्योंकि हो सकता है मैं अंधेरे को ले कर फोबिया डेव्लप कर लेता। यह भी हो सकता था। पर जो हुआ वह यह था। मुझे अहसास हुआ कि अंधेरे में अंधकार के सिवाय और कुछ भी नहीं है। और उस दिन के बाद से मैं कभी नहीं डरा। बस अब मुझे लगता है कि यह खत्म हो चुका है। यह एक आर्ट फॉर्म जैसा है जो किसी को डराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है पर यह एक कंप-कंपी जैसा होगा और छोटा सा होगा
,
डरावना होगा और बहुत उम्दा तरीके से लिखा गया होगा और स्पष्ट होगा। कई बार महान लेखक इस तरह की भूत की कहानी लिखते हैं
,
जो लगता है
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जैसे कोई गर्मियों का गाना हो जिसे सभी गाने लगते हैं क्योंकि यह अपनी स्किल्स शो ऑफ़ करने का अच्छा तरीका होता है। समान्य रूप से
,
चार्ल्स डिकेंस
,
एमिली एडवर्ड्स और अन्य कई लोग
,
सभी ने भूत की कहानियां लिखी हैं और यही समय है जब आप उनकी क्लास या श्रेणी देख सकते हैं। यह इतनी अच्छी होती हैं कि आप रात में सोने से पहले इन्हें पढ़ना पसंद करते हैं।
सैफ के अनुसार
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करीना की ऑटोबायोग्राफी का नाम होगा
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बैलेंसिंग एक्ट
सैफ के अनुसार
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सारा अली खान की ऑटोबायोग्राफी का नाम होगा
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नमस्ते
सैफ के अनुसार
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अक्षय कुमार की ऑटोबायोग्राफी का नाम होगा
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सीने के बाल दिमाग में आ रहे हैं। मेरे ख्याल से मैं इसे कहूँगा खिलाड़ी नंबर
1
सैफ के अनुसार
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कुनाल केमू की ऑटोबायोग्राफी का नाम होगा
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ज़ेन एंड द आर्ट ऑफ मोटरसाइकल मेंटेनेंस
अनु- सलोनी उपाध्याय