Advertisment

भारतीय लोकतंत्र में फिल्मी महिलाओं का बढ़ता वर्चस्व

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
भारतीय लोकतंत्र में फिल्मी महिलाओं का बढ़ता वर्चस्व

चुनाव 2019 का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। इस लोकसभा-प्रत्याशी-स्पर्धा में सबकी नजर ग्लैमर की दुनिया से आने वाली महिलाओं पर है। पर्दे पर अपना जलवा-बिखेरने वाली तारिकाएं इनदिनों सड़कों पर हैं। चुनाव-आयोग की सख्त आज्ञा के बावजूद इन महिलाओं के शारीरिक मापदंड पर परिचर्चा करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं।

दक्षिण में तारिका नयनतारा पर डीएमके नेता रविराजा के फूहड़ कमेंट के बाद रविराजा को पार्टी से निकाला जा चुका है। अपने जन्म-दिन पर जयाप्रदा नामांकन करने रामपुर गई तो रो पड़ी। जयाप्रदा अपनी ही सीट पर पार्टी बदलकर (सपा से बीजेपी में) वहां से चुनाव लड़ रही हैं। उन पर एक विरोधी नेता ने अभद्र टिप्पणी की है- ‘अब हर शाम ‘रंगीन’ हुआ करेगी। लोग घुंघुरू और ठुमके का आनंद उठाएंगे!’ और तो और, सदैव शिष्टता का परिचय देने वाली हेमा मालिनी को 70 की उम्र में, किसानी की फोटो खिंचाते मथुरावालो ने ‘ड्रीमगर्ल’ के रूप में ही देखने की गुजारिश की है। उर्मिला मातोंडकर को देखने के लिए मुंबई नार्थ की सड़कों पर भीड़ उमड़ रही है। ‘रंगीला’ गर्ल उर्मिला बेहद सादगी से सफेद सलवार-कुर्ता पहनकर प्रचार में जा रही हैं तो उन पर टिप्पणी होती है ‘मरियम अख्तर मीर’ कहकर। बता दें कि पर्दे की इस बोल्ड ग्लैमरस तारिका ने अपने से दस साल छोटे कश्मीरी युवक से नाम और धर्म बदलकर ‘निकाह’ किया है। पर भीड़ है कि मानती ही नहीं। उर्मिला प्रोग्राम पर बात करना चाहती हैं और लोग उनकी कुंडली खंगालने में लगे रहते हैं। ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल की तारिकाओं के साथ हो रहा है। मिमि चक्रवर्ती, नुसरत जहां और मुनमुन सेन से मांग होती है कि वे अपने ग्लैमरस रूप में प्रचार में आएं। यह तो उन महिलाओं की बात है जिनको वोटर भलीभांति जानते हैं, पहचानते हैं और जिनकी एक छवि दिमाग में पहले से बनी हुई है। सोचिये, उन महिलाओं के बारे में जिनको लोग जानते-पहचानते नहीं और जिन पर एक छोटी सी टिप्पणी शीशे पर लाइन खींचने जैसी होती होगी। बावजूद इसके लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव ‘चुनाव - 2019’ में महिलाएं बढ़ चढ़ कर भाग ले रही हैं। इसके पीछे भारतीय लोकतंत्र में फिल्मी-महिलाओं के बढ़ते वर्चस्व का होना भी एक कारण है।

Advertisment
Latest Stories