भारत का सिनेमा कहता है - ‘‘राम का नाम बदनाम ना करो...!’’ By Mayapuri Desk 09 Nov 2018 | एडिट 09 Nov 2018 23:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर आज पूरा देश राम चर्चा में लीन लग रहा है। दशहरा बीता, दीपावली बीती मगर राम चर्चा - राम मंदिर के रूप में जीवंत है। हर समाचार सुर्खियों में और हर चैनल पर परिचर्चा जारी हैं। कोई राम सेतु का आकाशीय - मैप पेश कर रहा है तो कोई मंदिर-मस्जिद के नीचे दबे शिलालेखों का जिक्र कर रहा है। ऐसे में हमारा ध्यान जाता है कि क्या सिनेमा के पर्दे पर भी राम की कुछ कथाएं हैं? हैं, तो हम अपने पाठकों को उसकी याद क्यों ना दिलायें! और, याद आता है हमें देव आनंद की फिल्म का एक गीत - जो वह अपनी फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ में पिक्चराइज किये थे। आज के परिवेश में कितना समीचीन है वह गीत - ‘‘राम का नाम बदनाम ना करो... बदनाम ना करो!’ फिर तो जहन में भगवान राम को सेल्युलाइड पर महिमावान बनाने वाली तमाम गाने की लाइनें कानों में गूंजने लगती हैं- ‘ओम जय जगदीश हरे’, ‘बोलो राम राम राम’, ‘रामा रामा गजब होई गवा रे’, ‘पी के राम नाम का प्याला’, ‘रघुपति राघव राजा राम’, ‘इक राधा इक मीरा’, ‘जग में सुंदर हैं दो नाम’, पायोजी मैंने राम रतन धन पायो’, ‘मेरे रोम रोम में बसने वाले राम’, ‘राम जी की सेना चली’ वगैरह वगैरह। 1948 की फिल्म ‘जय हनुमान’ में गीतादत्त ने गाया था ‘मारे राम नाम धुन लागी’ से लेकर ‘प्रेम रतन धन पायो’ तक पर्दे पर राम-गान की महिमा महान रही है। राम के ‘नाम’ पर फिल्में बनाने की भी एक लम्बी फेहरिस्त है। ‘राम राज्य’, ‘राम लखन’, ‘राम बलराम’, ‘राम जाने’, ‘राम के नाम’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ ‘राम तेरी गंगा मैली’, ‘राम अवतार’, ‘रामलीला’, रमइया वत्साभइया’, ‘राम और श्याम’, ‘रामायण’, ‘रामा रे’, ‘समपूर्ण रामायण’, ‘रघुपति राघव राजा राम...’ और ऐसी बहुत सी फिल्में हैं। जिनमें या तो राम की कहानी है या फिल्म के शीर्षक में राम हैं। एक सूचना के अनुसार अब तक राम की कहानी पर 34 फिल्में बनाई जा चुकी हैं। पर्दे पर ‘राम’ की क्रेज भी कभी कम नहीं रही है। दर्शक जानते हैं कि जब दूरदर्शन पर रामानंद सागर की ‘रामायण’ प्रक्षेपित होती थी, तब छोटे पर्दे के राम अरूण गोविल भगवान से कम नहीं थे। पर्दे पर राम का किरदार अभिनीत करके दक्षिण के स्टार नंदमूरी तारक रामाराव भगवान की तरह पूजे जाते थे और राजनीति में भी बड़ा चेहरा बन गये थे। उनके बाद जूनियर एन टी आर और दूसरे पुत्र बालाकृष्णा भी पर्दे पर राम बनकर आए। एनडी टीवी के धारावाहिक ‘रामायण’ में गुरूमित चौधरी, ‘सीया के राम’ में आशीष शर्मा ‘राम’ बनकर पर्दे पर लोगों को मोह चुके हैं। सन 1940 में बनी फिल्म ‘भरत मिलाप’ और ‘रामराज्य’ में प्रेम अदीव (एक मुसलमान कलाकार) ने राम को जीया था। भारत का सिनेमा हमेशा ‘राम’ के साथ रहा है, एक संदेश के साथ - ‘राम का नाम बदनाम ना करो...! - संपादक #bollywood #INDIAN CINEMA #Ram Lakhan #Hare Ram Hare Krishna हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article