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सचमुच पखवाड़ा हर्षोल्लास का है। पूरे देश में इन दिनों राष्ट्रीयता का जोश है। हिन्दू-मुस्लिम त्योहार (ईद और रक्षाबंधन) एक साथ आ गये हैं। देश की सबसे बड़ी समस्या (कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए) का निदान निकल गया है तथा देश का सबसे बड़ा पर्व स्वतंत्रता-दिवस (15 अगस्त) इसी पखवाड़े में आया है। इतना ही नहीं न्छव् से तटस्थता का संदेश और ‘चंद्रयान 2’ के वैज्ञानिक प्रयासों के साथ बाॅलीवुड का मंगलयान (‘मिशन मंगल’) भी मनोरंजन की दुनिया को हर्षित करने वाली खबरें दे रहा है। सचमुच यह देश वासियों के लिए बधाई लेने-देने का ही समय है।
मनोरंजन की दुनिया सिनेमा नगरी में इस पूरे हफ्ते सबकी जुबान पर प्रधानमंत्री का नाम चढ़ा हुआ है। खबर लिखने तक कई फिल्में ‘कश्मीर विषय’ पर बनाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। कई सिनेमा की यूनिटें जम्मू-कश्मीर-लद्दाख में शूटिंग के लिए रवानगी का टिकट बुक करने में मशगूल हैं और कई फिल्मी-घराने जम्मू और कश्मीर में बसने, थिएटर बनाने, स्टूडियो बनाने और टेक्निकल सैटअप स्थापित करने की वार्ता से जुड़ गये हैं। एक खबर के मुताबिक ब्प्छज्। भी अपनी ब्रांच कश्मीर में खोलने की चर्चा कर रहा है। उनके मुताबिक सिने कलाकार संघ वहां कार्यालय खोलकर और अधिक खूबसूरत कलाकारों की नस्ल पा सकेगा। और...आजादी का जश्न मनाने का पखवाड़ा तो है ही। यह खूबसूरत संयोग वर्षों बाद बना है कि आजादी का संदेश देकर सैनिक भाईयों को याद दिलाने का पर्व ‘रक्षाबंधन’ भी आजादी के दिन ही पड़ा है। कभी मेवाड़ की महारानी ने हिमायूं को राखी भेजकर युद्ध में मदद मांगी थी -‘वीर हिमायूं बंधु बना था...’। आज नारी सशक्तिकरण के दौर में बहनें बाॅर्डर पर सैनिक भाईयों को राखी भेज कर नमन की हैं- ‘भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना...’ और सैनिकों ने जयघोष किया है-‘हिन्दुस्तान की कसम!’ बधाई हो देश वासियों!!