बॉलीवुड-फिल्मों की भाषा ही देश की भाषा है...

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By Mayapuri Desk
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बॉलीवुड-फिल्मों की भाषा ही देश की भाषा है...

इस समय एक बार फिर देश में भाषा का मुद्दा मुखर हो रहा है। कमल हासन ने दक्षिण में ‘हिन्दी’ के प्रवेश पर एतराज जताया है। बंगाल में वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि बंगाल में रहने वालों को ‘बांग्ला’ आना जरूरी है। बहुत समय से महाराष्ट्र में मनसे नेता राज ठाकरे ने युद्ध स्तर पर बगावत कर रखी है कि वहां (यानी-मुंबई में भी-जो फिल्मों की नगरी है) ‘मराठी’ ही एकमात्र भाषा होनी चाहिए- जो न सिर्फ बोलचाल बल्कि कामकाज में ऑफिशियल भाषा की जगह स्थापित होकर रहे। और, है भी ऐसा। सवाल उठता है फिर वो कौन-सी हिन्दुस्तान की भाषा है जो सर्वग्राहय है! अंग्रेजी (जो विदेशी भाषा है) के बाद पूरे देश में बिन-विरोध स्वीकार्य भाषा के रूप में देखा जाए तो वह बॉलीवुड-फिल्मों की भाषा है।

‘बॉलीवुडिया भाषा’ होती तो हिन्दी है मगर उसमें हर भाषा का मिश्रण होता है। हिन्दी-फिल्मों के डायलॉग गुजराती बोलता है तो गुजराती-मिश्रण रहता है। मारवाड़ी बोलता है तो मारवाड़ी, बंगाली बोलता होता है तो बंगाली सहजता के साथ उसके उच्चारण अपना रूप अख्तियार कर लेते हैं। हैरानी की बात यह है कि दक्षिण भारत की भाषाएं जो हिन्दी के साथ बिल्कुल ताल से ताल नहीं मिला पाती, वहां भी बॉलीवुड फिल्में चलती हैं। दक्षिण के पात्र बॉलीवुड फिल्मों में कैसे बोलते हैं, बताने की जरूरत नहीं है। वहां के हीरो और हीरोइन जो बिल्कुल हिन्दी नहीं जानते, वो भी बॉलीवुड फिल्मों के प्रिय कथा- पात्र हो जाते हैं। ‘एक दूजे के लिए’ का हीरो (कमल हासन) और ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ की हीरोइन (दीपिका पादुकोण) इस बात के उदाहरण हैं। महमूद ने किस तरह हिन्दी फिल्मों में हैदराबादी को मिक्स करके रखा है और उत्पल दत्त की बंगाली कितनी प्यारी होती थी बताने की जरूरत नहीं। हिन्दी फिल्में पूरे देश में चलती हैं। दक्षिण में फिल्मों की कुल क्लैक्शन का 10 प्रतिशत बॉलीवुड फिल्मों से होता है, बंगाल में 35 प्रतिशत है। दूसरे प्रदेश (पंजाब, गुजरात, हरियाणा, असम, केरला...आदि आदि) सभी प्रदेशों में बॉलीवुड फिल्में चलती हैं और गाने तो पूरे देश तथा विदेशों में भी बजते हैं। अपुन, तपुन, भाया, राउर... ये सभी शब्द हिन्दी फिल्मों में कहां से आए हैं। ऐसे तमाम शब्द बॉलीवुडिया हैं। वैसे ही, जैसे अमिताभ बच्चन पूरे देश के महानायक और लता मंगेशकर पूरे देश की महान गायिका हैं, बॉलीवुडिया भाषा क्यों नहीं पूरे देश की भाषा हो सकती? जरूरत है देश की 22 भाषाओं में एक और भाषा को जोड़ दिए जाने की...!!

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