आप में से अधिकांश इस बारे में जानते होंगे, लेकिन फिर भी सभी के लाभ के लिए मैं आपको बता देती हूँ। की ष्वो कौन थीष् के निर्देशक राज खोसला ने शिमला में ष्नैना बरसेष् की शूटिंग के लिए एक कार्यक्रम तय किया था लेकिन इसका गीत अभी तैयार नहीं हुआ था क्योंकि लता तब लंदन में फंस गई थीं। और मदन मोहन ने अपनी आवाज में इस गीत को रिकॉर्ड करने का फैसला किया था और साधना ने मदन मोहन गीत शेड्यूल के लिए लिप सिंकिंग के साथ शूटिंग की थी। जिसके बाद लता ने इसे अपनी वापसी पर रिकॉर्ड किया था। लेकिन इस प्रक्रिया में संगीत प्रेमियों के लिए मदन मोहन संस्करण को बरकरार रखा गया था, जिनमें से कुछ का मानना है कि यह लता के संस्करण से बेहतर था।
नैना बरसे, रिमझिम रिमझि
मनैना बरसे, रिमझिम रिमझिम
पिया तोरे आवन की आस
वो दिन मेरी निगाहों में
वो यादें मेरी आहों में
ये दिल अब तक भटकता है
तेरी उल्फत की राहों में
सूनी सूनी राहें, सहमी सहमी बाहें
आँखों में है बरसों की प्यास
नैना बरसे रिमझिम...
नजर तुझ बिन मचलती है
मोहब्बत हाथ मलती है
चला आ मेरे परवाने
वफा की शम्मा जलती है
ओ मेरे हमराही, फिरती हूँ घबरायी
जहाँ भी है आ जा मेरे पास
नैना बरसे रिमझिम...
अधूरा हूँ मैं अफसाना
जो याद आऊँ चले आना
मेरा जो हाल है तुझ बिन
वो आकर देखते जाना
भीगी भीगी पलकें,
छम-छम आँसू छलकें
खोयी खोयी आँखें हैं उदास
नैना बरसे रिमझिम...
ये लाखों गम ये तन्हाई
मोहब्बत की ये रुसवाई
कटी ऐसी कई रातें
ना तुम आए ना मौत आई
ये बिंदिया का तारा, जैसे हो अंगारा
मेहंदी मेरे हाथों की उदास
नैना बरसे रिमझिम...
पिया तोरे आवन की आस