जब से देश आजाद हुआ है तभी से सिनेमावालों का रिश्ता राजनीति से जुड़ता आया है। एक लम्बी फेहरिस्त है सिनेमाई चेहरों की, जो हर चुनाव में कुकरमुत्ते की तरह उगते हैं। फिर समय की चपेट खाकर वापस अपनी माँद (सिनेमा इंडस्ट्री) में लौट जाते हैं। इस चुनाव 2019 में भी कुछ वैसा ही रंग है। इस बार के नये चेहरों में बिल्कुल नया नाम सनी देओल का सामने आया है। अक्षय कुमार चुनाव के मैदान में तो नहीं उतरे हैं, लेकिन अपना असर बताने के लिए वह पत्रकार बनकर प्रधानमंत्री का इंटरव्यू किए हैं। अपने फिल्मी करियर की तरह वे देर से शुरूआत लेते हैं, ऐसा समझा जा सकता है। सनी देओल, उर्मिला मातोंडकर, प्रकाशराज, सुमालता, हंसराज हंस, पूनम, शत्रुघ्न सिन्हा, दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां, सुरेश गोपी... ये नये नाम हैं जो इस बार राजनीति के पर्दे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का दंभ भर रहे हैं। बाकी के करीब दर्जन भर से अधिक और भी सितारे हैं जो देश की विभिन्न लोकसभा-सीटों से अपना भाग्य आजमा रहे हैं (उनमें मुख्य हैं- जयाप्रदा, मनोज तिवारी, रवि किशन, मूनमून सेन, बाबुल सुप्रियो, हेमा मालिनी आदि आदि)
अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी जी का पत्रकार बनकर इंटरव्यू किया है। उन्होंने बता दिया है कि राजनीति की दौड़ में किसी से पीछे नहीं हैं और जब चाहे मैदान में मजबूत पकड़ और सपोर्ट लेकर आ सकते हैं खबर है अक्षय के इस प्रदर्शन के बाद तीनों सुपर खानों (शाहरुख, आमिर, सलमान) ने एक गुप्त मंत्रणा भी की है बहरहाल पर्दे पर ‘ढाई किलो हाथ’ का डायलॉग देने वाले सनी देओल अपनी मां (सौतेली) हेमा की तरह राजनीति में टिक पाएंगे या पिता (धर्मेन्द्र) की तरह किनारा कर लेंगे, यह तो वक्त ही बताएगा। अभी तो वह गुरूदासपुर के वोटरों के आगे आकर्षण की वस्तु बने हुए हैं। उर्मिला मुंबई उत्तर में दिन रात एक करके प्रचार में लगी हुई हैं। भोजपुरी स्टार ‘निरहुआ’ पहली बार चुनाव के मैदान में हैं मगर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने डटकर दो दो हाथ कर रहे हैं। पंजाबी गायक हंसराज हंस ने बैलेट पेपर पड़ने से पहले ही उदित राज का स्टैम्प उखाड़कर अपना बल्ला लहराया है। शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा भी इस बार लखनऊ से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सामने प्रत्याशी हैं। मजे की बात यह है, शत्रुघ्न सिन्हा आज कल कांग्रेसी हैं और उनकी पत्नी सपाई। दिक्कत सोनाक्षी के सामने है, कि वह कहां क्या कहकर प्रचार करने जाएं? दक्षिण में सिने स्टारों की क्रेज सब जानते हैं। इस बार नया चेहरा है प्रकाश राज, सुमालता, सुरेश गोपी। बंगाल (पश्चिम) में मूनमून सेन और बाबुल सुप्रियो सुपरिचित नेता हो चुके हैं, लेकिन वहां के लिए नये चेहरे हैं- मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां। तात्पर्य यह कि राजनीति की चौखट पर सिनेमा के ये नये विद्यार्थी परीक्षा पास कर पाते हैं या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा!