पर्दे पर ‘बलात्कार’ और नहीं...बस और नहीं!

author-image
By Sharad Rai
पर्दे पर ‘बलात्कार’ और नहीं...बस और नहीं!
New Update

कठुआ, उन्नाव, सूरत और जहां कहीं भी बलात्कार की घटनाएं हुई हैं उनसे आम जीवन के लोगों की तरह ही बॉलीवुड में भी निराशा के भाव उभरे हैं। सितारों, फिल्मकारों और तकनीशियनों- सभी ने, एकजुट होकर विरोध दर्शाया है। कैंडिल मार्च, शांति-सभा और शोक-यात्रा करके फिल्मवालों ने सरकार को संदेश दिया है कि मासूम बच्चियों के बलात्कारियों को कठोरतम सजा या मृत्युदंड दिया जाए। सोशल मीडिया और पत्र-पत्रिकाओं में सुर्खियों में आने वालों ने क्या कभी सोचा कि बलात्कार के तमाम कारकों में एक सिनेमा के पर्दे पर उसका वीभत्स रूप दिखाया जाना भी है?

 ...तभी तो एक हीरा व्यापारी तथा पत्रिका - संपादक हार्दिक हुंडिया ने सिनेमावालों से अपील की है कि पर्दे पर इस निरंकुश पेशकश को बंद किया जाए। हार्दिक ने निश्चय किया है कि वह जीवन में अब कभी ऐसी फिल्म नहीं देखेंगे-जिसमें बलात्कार का रंचमात्र भी फिल्मांकन किया गया होगा! और, सचमुच विगत में हम फिल्मों पर नजर डालें तो मालूम पड़ता है जैसे - फिल्म लेखकों का प्रिय विषय बलात्कार ही रहा है। हर दूसरी -तीसरी फिल्म में हीरो-विलेन के झगड़े की तहत में नायिका या हीरो की बहन को बेआबरू किया जाना ही कारण बनता रहा है। ‘पतिता’, ‘मदर इंडिया’ जैसी फिल्म तक में काम लोलुपता का परचम ऊपर रहा है ‘बेआबरू’, ‘औरत एक खिलौना’, ‘इंसाफ का तराजू’, ‘बैंडिट क्वीन’ जैसी सफल फिल्मों की मूल कहानी ही बलात्कार रही है। आजकल देश के बुद्धि जीवियों में बहस का विषय ‘मारिटल रेप’ ज्यादा प्रभावी बनाकर टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है। यह प्रवाह भी फिल्मों से अछूता नहीं है। मारिटल-रेप (यानी- जान पहचान और रिश्तेदारी के संदर्भो में) फिल्मों का पसंदीदा विषय बना रहा है। ‘राजा की आएगी बारात’, ‘मेंहदी’, ‘मातृभूमि’, ‘पार्चड’, ‘प्रोवोक्ड’, ‘सात खून माफ’, ‘लिपिस्टिक अंडर माय बुरखा’, ‘अग्नि साक्षी’, ‘दामिनी’ जैसी फिल्में मारिटल-रेप के कथानक को समेटे हुए हैं। ‘मर्डर’, ‘जिस्म’, ‘हंटर’, ‘बी ए पास’, ‘डर्टी पिक्चर’, ‘जन्नत’, ‘हेट स्टोरी 2’ आदि आदि, और तो और एकता कपूर ऑल्ट बालाजी द्वारा नया शो ‘गंदी बात’ 3 मई को रिलीज कर रही है। ये सब फिल्में क्या हैं? क्या ये फिल्में रेप जैसी विकृति को बढ़ाने के कारक नहीं हैं? अगर कहते हैं कि सिनेमा समाज का दर्पण है तो इस दर्पण को और मैला मत होने दो। बीमार मानसिकता के ‘रैपिस्ट’ इस दर्पण में ही चेहरा देखते हैं और गंदगी की सीख लेते हैं। सो, पर्दे पर बलात्कार... और नहीं, बस और नहीं!!

➡ मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए  www.bollyy.com पर क्लिक करें.

➡ अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं.

➡ आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज  width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'>

'>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं.

embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'>

#Rape #No Means No #Kathua Rape #Unnao Rape
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe