हिन्दी फिल्मों में संगीत आखिर क्यों लुप्त होता जा रहा है? By Mayapuri Desk 04 Dec 2020 | एडिट 04 Dec 2020 23:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर कई कारण हैं कि पिछले कई दशकों में, हिंदी फिल्म संगीत नीचे की तरफ गिरता जा रहा है। वे दिन कहां गए जब हम हिंदी फिल्मों में कम से कम अगले तीन से चार साल तक एक गाना याद रखते थे। जैसे ‘आवारा हूं’, ‘डम डम डिगा डिगा’, ‘मेरे सपनो की रानी कब आएगी तू’ या ‘इचक दाना बीचक दाना’ या ‘एक चतुरनार’। लेकिन आज, आप सिर्फ एक फिल्म का गाना तब सुनते हैं जब आप इसे देखने के लिए निकलते हैं और सौ में से नब्बे लोगो इसे भूल भी जाएगे, आप निश्चित रूप से इसे याद नहीं कर पाएंगे और सिनेमा घर से बाहर आने के बाद इसे गुनगुनाएंगे भी नहीं। इसका मेन रीजन क्या है? कुछ संगीतकारों को लगता है जैसे विशाल भारद्वाज कहते हैं कि एक फिल्म में बहुत सारे संगीतकार इसे बहुत अनकम्फर्टेबल बना देते हैं। विशाल भारद्वाज कहते हैं, जिन्होंने फिल्म माचिस में निर्देशक गुलजार के साथ मिलकर कई चार्ट बस्टर्स का मंथन किया था। “आज मुझे संगीत में जो असहज लगता है वह यह है कि इन दिनों हर फिल्म में पांच से छह संगीतकार होते हैं। मेरा मानना है कि यह ऐसा चलन है जो अपनी पहचान (आइडेंटिटी) को छीन लेता है। गाने तो हर दौर में अच्छे बनते है, बुरे भी बनते हैं, आज भी अच्छे गाने बनतें है 'म्यूजिक में ओरिजिनालिटी नहीं रह गयी है' सलीम मर्चेंट दूसरी ओर, संगीतकार सलीम मर्चेंट का मानना है कि बॉलीवुड में वर्तमान संगीत परिदृश्य में अरिजनैलिटी का अभाव है। “मुझे रीमेक गानों के इस नए चलन से भी नफरत है। बॉलीवुड में आज के समय की टाइमलेस धुन गायब हो गई है। एक संगीत-शौकीन के रूप में, मुझे उन गीतों को सुनने की जरूरत है, जिनका अपनी पर्सनालिटी है, जिसका अर्थ और उसके बारे में कुछ टाइमलेसनेस है। अधिकांश ट्रैक 60 और 70 के दशक में बने और 80 के दशक में अभी भी इस समय यह अपनी उपस्थिति बना रहे हैं, और ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास एक टाइमलेस क्वालिटी है। आज संगीत की रचना के बीच, बहुत कम लोगों के पास यह गुण है। मुझे यह भी लगता है कि यह केवल मेलोडी नहीं है जो हमेशा काम करती है। कभी-कभी, एक अच्छे गीत में खराब लिरिक्स हो सकते हैं। तो, यह सब चीज का मिश्रण है, जिसमें व्यवस्था और गीत शामिल हैं। हरिहरन इस बीच एक सकारात्मक बात लेकर आते हैं हरिहरन का कहना है कि अच्छे संगीत को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, अगर इसे पूरे देश में व्यापक पैमाने पर पहुंचाना है। हरिहरन कहते हैं, “मेरा मानना है कि संगीत तब अच्छा है जब यह लोगों को खुशी देता है। इसलिए, जब बहुत से लोग आज के संगीत को पसंद करते हैं, तो ही यह अपना काम कर रहा है। इसके अलावा, डिजिटल मीडिया के साथ एक जबरदस्त संख्या में लोग इन दिनों संगीत सुन रहे हैं वास्तव में, हर समय, चलते समय, दौड़ते समय और काम करते समय भी। आज भी अच्छे गाने बनते है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि बेहतर गीतों को प्रचार की जरूरत है। अच्छे गानों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, लेकिन हर फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों के गानों को बढ़ावा देने के लिए पैसे खर्च करने का इच्छुक नहीं रहता है।” मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि अगर आज हिंदी फिल्म संगीत और हर फिल्म के गाने लिसनर के कानों में नहीं गूंजते हैं, इसका कारण यह है कि अतीत के फिल्म या फिल्म संगीत केवल मनोरंजन के भूखे दर्शकों के लिए ही राहत नहीं है, जो वेब सीरीज, टीवी शो, इंटरनेट, आदि जैसे मनोरंजन के कई अन्य रूपों के संपर्क में हैं। इसके अलावा हमारे देश में संगीत इंडस्ट्री काफी हद तक बॉलीवुड का पर्याय है, जो सालाना ओरिजिनल म्यूजिक के साथ सैकड़ों फिल्में रिलीज करती है। पिछले पाँच सालों में देखा गया है संगीत में एक बड़ा फ़र्क़ संगीत भारत में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का एक अभिन्न अंग है। हालांकि, पिछले पांच वर्षों में इंडस्ट्री में भारी बदलाव आया है। रैप गीत और रीमिक्स जो आज राज कर रहे हैं, वे संगीत की स्थिति के प्रतीक प्रतीत होते हैं जहां संगीतकार नए और पुराने के बीच का रास्ता खोजने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए यह बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं है कि कई पुराने हिट्स को अपने नए पैक में फेरबदल किया जा रहा है और इसे रीमिक्स या नए पॉप एल्बम के रूप में फिर से प्रस्तुत किया जा रहा है। अदिति बुधाथोकी को एक म्यूजिक वीडियो में दिखाया जाएगा जिसे अमाल मलिक ने गाया है। शूट दुबई में हुआ था और गाने का निर्माण एक प्रमुख म्यूजिक लेबल द्वारा किया गया है। अदिति की सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा फेन फोल्लोविंग है और उन्हें आखिरी बार म्यूजिक वीडियो “हवा बनके” में देखा गया था। नेपाल की रहने वाली अदिति ने धीरे-धीरे और लगातार हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया और वह दिन-ब-दिन बढ़ती चली जा रही है। अमाल एक निर्माता है और अपने संगीत के लिए सितारों की पसंद के लिए जाने जाते है। जानिए क्या कहती हैं अदिति अब के संगीत के बारे में हमने अदिति से बात की और यहाँ उन्होंने कहा, “साँग ‘तू मेरा नहीं’ प्यार में धोखा खाने के बाद एक भावनात्मक यात्रा से गुजरता है। गीत का विषय दिल टूटने के उपर है और इस गीत में इसकी अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन) बहुत ही रिलेटेबल है। मुझे बहुत खुशी है कि लिसनर ‘तू मेरा नहीं’ के बारे में सुपर एक्साइटेड हैं। और जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है, यह इम्प्रेसिव और मजेदार था। अमाल उस संगीत के बारे में बहुत पैशनेट है जो वह बनाते है और जिस तरह से वह अपने लिसनर को पेश करना चाहते है। मुझे खुशी है कि मैं इसका एक हिस्सा थी और मैंने दुबई में गाने की शूटिंग की कई सुखद यादें प्राप्त की।” अदिति और अमाल के बीच की केमिस्ट्री कमाल की लग रही है। और टी-सीरीज भी दिव्या खोसला कुमार और टीवी स्टार शिविन नारंग के साथ साँग ‘याद पिया की आने लगी’ के रीमिक्स वर्शन को भी लेकर आया हैं। जब अक्षय कुमार, सलमान खान आदि अभिनीत फिल्में रिटर्न नहीं दे रही हैं, तो टीवी सितारों पर इन्वेस्ट क्यों नहीं करना चाहिए और पॉप एल्बमों के साथ आना चाहिए? बीस साल पहले भी, किसी ने भी दुबई जाने की हिम्मत नहीं की थी और फिल्मी गाने पर पैसा लगाने के बजाय सिर्फ एक एल्बम के लिए एक रोमांटिक डुएट का पिक्चराइज किया। है न? पुराने गाने बनाते समय दिल-दिमाग और हर लाईन पर मेहनत की जाती थी जैसे श्री 420 का गीत प्यार हुआ इकरार हुआ पर एक लाइन पर बहस छिड़ गई, बोल लिखे हुए थे रातें दसों दिशाओं की दोहरायेंगी की कहानियो पर बहस के बाद ज्यों का त्यों बोला गया पुराने जमाने के गीतकार-संगीतकार डायरेक्टर सब बैठकर ओ.के. करते थे जैसे आर.सी. बोराल, नौशाद, शंकर जयकिशन एस.डी. बर्मन, ओ.पी. नैय्यर, कल्याणजी आनन्दजी, रवि, रोशन, खय्याम साहब, आर.डी. बर्मन, चित्रगुप्त, सरदार मलिक, इकबाल कुरेशी, ऊषा खन्ना वगैरह-वगैरह अगर आज भी पुराने गाने सुने तो हर लफ्ज़ सुनने को दिल करता है और कई गाने अमर है जो आज भी बजते हैं तो सुनते ही रहते हैं। वो भी दौर था जब एक गाने के लिए सौ-सौ बार गीत लिखवाया जाता था मुगले आजम के एक गाने प्यार किया तो डरना क्या में के.आसिफ साहब ने गीतकार शकील बदायूं और नौशाद साहब से 100 अलग-अलग मुखड़े लिखवाने के बाद ओ.के. किया था। क्या आजकल कोई ऐसा कर सकता है पहले डेडिकेशन होता था जो अब नहीं है सबको इन्स्टेंट चाहिए इसलिए आये और गये वाला हिसाब है। हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article