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काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...

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By Mayapuri Desk
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काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...

जितना मैं रेखा के बारे में लिखता हूं, उतना ही वह और उनकी यादे मुझे उनके बारे में लिखने के लिए प्रेरित करती है और अब और मैं चाहता हूं कि, काश मैं उनके दरबार में एक अनजान शायर होता, जो उनके लिए, उनके बारे में, उनके जीवन के बारे में, उनके रहस्यों के बारे में, उनकी खूबसूरती और दिलकश अंदाज के बारे में कविता लिखने में अपना सारा जीवन इस महिला के नाम कर देता जो एक चमत्कारी महिला हैं! अली पीटर जॉन

काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...

आज सुबह, मैं उठने या ना उठाने के बारे में अपना मन बना रहा था और मैं यह सोच ही रहा था की मैं क्या करूे की इतने में मेरा मोबाईल बजने लगा और यह दुबई से मेरे प्रिय और युवा मित्र जैन हुसैन की कॉल थी, जो एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जिसकी कॉल मैं सुबह के शुरुआती हिस्सों में उठाता हूं। जैन फोन पर काफी उत्साहित लग रहे थे, जब उन्होंने मुझे एक वीडियो के बारे में बताया जो उन्होंने मुझे भेजी हुई थी। वह फोन पर रेखा का वर्णन कर रहे थे क्योंकि उस विडियो में रेखा ‘उमराव जान’ के एक माइंड ब्लोविंग साॅन्ग को गाती हुई नजर आ रही थी इस विडियो में रेखा की ओरिजिनल आवाज थी और मेरे दोस्त ने मुझे इस साॅन्ग को सुनने के लिए अपनी बातों से काफी प्रेरित कर दिया था। और फिर मैंने इसे सुना और फिर मैं रेखा को कई बार गाते हुए सुनता ही रहा।काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...

वह हमेशा की तरह एक सपने की तरह नजर आ रही थी जिसे मिटाया नहीं जा सकता। उनके बालों में वही गजरा लगा हुआ है जो वह लगाया करती हैं। उन्होंने सबसे अधिक अनोखे गहने पहने हुए हैं जो एक रानी को शाही स्पर्श (रॉयल टच) देते हैं और आश्चर्यजनक रूप से उनके बालों में कोई मेहंदी या सिंदूर नहीं लगा हुआ है और आप मेरा विश्वास करे या न करे लेकिन भगवान भी उनके चेहरे और आँखों से अपनी नजर नहीं हटा पाए होंगे, वह एक ऐसी अभिनेत्री हैं जो आज भी यंग दिखती है, और प्यार से भरी हुई हैं जो अभी भी अपने प्रेमी के साथ अपने जीवन को जीने के इंतजार में हैं! उस विडियो में मौजूद एंकर और दर्शक ऐसे दिख रहे हैं मानो उन्हें रेखा द्वारा शासित किसी दूसरी दुनिया में ले जाया गया हो। कुछ एंकरों का काम करना मुश्किल हो जाता है और दर्शकों को ऐसा लगता है जैसे वह समाधी लिए हुए है और मुझे ऐसा लगता है कि स्वर्ग ने भी इस महिला के गीत को सुनने के लिए ब्रेक लिया हुआ है।काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...

रेखा ने ‘उमराव जान’ फिल्म से एक गीत ‘जुस्तजू जिसकी थी’ गाना शुरू किया, एक फिल्म जो मुख्य रूप से रेखा के प्रदर्शन के कारण बनी थी, इस फिल्म में कवि शहरयार के लिरिक्स और खय्याम का सदाबहार संगीत था। हालांकि कई अन्य और युवा अभिनेत्रियाँ थी जिन्होंने ‘उमराव जान’ की भूमिका निभाने की हिम्मत की थी, लेकिन उन मासूम महिलाओं को शायद यह नहीं पता था कि यह केवल रेखा के लिए बनाई गई भूमिका थी, जिनमें ‘उमराव जान’ की आत्मा वसती थी! यह स्वाभाविक रूप से रेखा का सबसे पसंदीदा गीत है और रेखा ने ‘उमराव जान’ में गाए गीतों का सारा श्रेय आशा भोसले को दिया था। उन्होंने हमेशा से लता मंगेशकर और आशा भोसले को अपना आदर्श माना है, काश, इन दो दिग्गजों ने भी रेखा को उस गीत को गाते हुए सुना होगा या होता!

रेखा हार्मोनियम के पास बैठती है और उनकी बेजान उंगलियां उस हार्मोनीउम पर चलने लगती हैं और वातावरण के चारों ओर प्यार की खुश्बू फैल जाती हैं!काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...

जब वह गाने की लाइन गाती है, ‘इश्क की रस्म को इस तरह निभाया हमने’ तो सारा माहौल स्वर्गमय हो जाता है और उसके बाद हर तरफ एक भावनात्मक चुप्पी फैली होती है, जब वह आगे गाती है, “जुस्तजू जिसकी थी वो तो नहीं मिल पाया हमें” और दर्शकों एक ऐसे समय में पहुँच जाते है जब प्रेम बिना किसी नियम के राज करता था और मैं महसूस कर सकता हूं कि रेखा खुद इस गीत को गाते हुए अपने प्रेम की दुनिया में खो गई होगी जहां वह अभी भी किसी भी शक्ति या किसी अन्य प्रकार की चीज से परेशान हुए बिना रहती है। और रेखा तब अपनी खुद की प्रेम कहानी के दृश्यों को देख रही होंगी (यह उसकी हालत के बारे में मेरी कल्पना है) जब वह इस सोंग की “उमर का लम्बा सफर तै किया हमने तन्हाई में” लाइन को गाती है और इसकी आखरी लाइन में वह गाती है, “मगर बस इश्क में हमने दुनिया को जाना”। एंकर और दर्शक सभी उन्हें एक स्टैंडिंग ओवेशन देते हैं, लेकिन उस महिला को पेश करने के लिए शायद ही कोई उपहार होगा जो खुद हम सब के लिए एक सबसे बड़ा उपहार हैं। इस अद्भुत महिला रेखा जो अब 70 के करीब है, का शब्दों में वर्णन करना बेहद मुश्किल है।

एक मेहरबानी करना, रेखा जी, अगली बार वो सारे जेवरातों को मत पहनना, वो आप के सामने फीके पड़ जाते है और आखिर में रों देते है!

अनु-छवि शमाकाश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...

जुस्तजू जिसकी थी उसको

तो ना पाया हमने

जुस्तजू जिसकी थी उसको तो ना पाया हमने

जुस्तजू जिसकी थी उसको तो ना पाया हमने

इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने

जुस्तजू जिसकी थी

तुझको रुसवा ना किया, 

तुझको रुसवा ना किया, खुद भी पशेमान ना हुए

इश्क की रस्म को

इश्क की रस्म को इस तरह निभाया हमने

इश्क की रस्म को इस तरह निभाया हमने

जुस्तजू जिसकी थी

कब मिली थी, कहाँ बिछड़ी थी, आ आ आ आ

कब मिली थी, कहाँ बिछड़ी थी, हमे याद नहीं

जिंदगी तुझको तो

जिंदगी तुझको तो बस ख्वाब में देखा हमने

जिंदगी तुझको तो बस ख्वाब में देखा हमने

जुस्तजू जिसकी थी

ए अदा, आ आ आ आ

ए अदा और सुनाये भी तो क्या हाल अपना

उम्र का लंबा सफर

उम्र का लंबा सफर तय किया तन्हा हमने

उम्र का लंबा सफर तय किया तन्हा हमने

जुस्तजू जिसकी थी उसको तो ना पाया हमने

इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने

जुस्तजू जिसकी थी

काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...
फिल्म- उमराव जान

कलाकार- रेखा, फारूख शेख,

नसीरूद्दीन शाह और राज बब्बर

गायक-  आशा भोसले

संगीतकार- खय्याम

गीतकार- शहरयार
काश मैं महारानी रेखा के दरबार में एक छोटा सा शायर होता...
#Indian Idol #Rekha #ali peter john #Neha Kakkar #farookh shaikh
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