मैं शाहरुख खान के साथ अपनी तुलना करने की हिम्मत तो नहीं कर सकता। लेकिन, हमारे अंदर कम से कम एक समानता जरुर है। और यह हमारे माता-पिता के साथ हमारी पेनफुल यादे है, जो विशेष रूप से हमारी माँ के बारे में है। -
शाहरुख ने मुझसे और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से कई अन्य लोगों से इस बारे में बात की है कि वह अपने माता-पिता को कितना याद करते हैं और उनकी अपने माता-पिता के बारे में जो फीलिंग है वह बहुत सच्ची, इमानदार हैं और सीधी उनके दिल से जुड़ी हैं जो कभी-कभी उनकी आँखों से भी बयां होती हैं, जब उनकी आँखों से आँसू बहने लगते हैं।
मैं आज शाहरुख और उनके अपने माता-पिता के प्रति प्यार के बारे में क्यों बात कर रहा हूं जब देश इतनी शोरगुल और अशांति में पड़ा हुआ है? और इसकी वजह यह है कि, मैंने कुछ समय पहले शाहरुख की कुछ तस्वीरें देखीं जिसमे वह अपने माता-पिता की कब्रों पर जाकर (जो ‘नई दिल्ली के कबरिस्तान में हैं) उन्हें रेस्पेक्ट देते हुए उनके लिए दुआ मांगी, और उन्हें याद करते हैं, और वह हर बार जब भी वह नई दिल्ली में होते है तो यहाँ आते हैं, और यह वही शहर हैं जहां वह पैदा हुए थे।
शाहरुख ने केवल 15 वर्ष की उम्र में ही अपने पिता ताज मोहम्मद खान को खो दिया था जो उनके बचपन के हीरो थे। उनके पिता एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, जो मूल रूप से एक वकील थे, लेकिन उन्होंने लॉ कि प्रैक्टिस नहीं की थी क्योंकि वह झूठ बोलना पसंद नहीं करते थे जो की वकीलों को अदालतों और यहां तक कि अन्य स्थानों पर बोलना पड़ता था। वह एक लिंगग्विस्ट थे, जिन्होंने कई भाषाएं आती थी, लेकिन तब भी उन्हें एक स्थिर नौकरी नहीं मिली थी, और उन्होंने एनएसडी के गेट के बाहर एक छोटी कैंटीन स्थापित की थी, (एनएसडी ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’, जहाँ छोटे लड़के में राज बब्बर, नादिरा जहीर, सुहास खांडके, नीना गुप्ता, सुरेखा सीकरी और अन्य जाने-माने चेहरों की पहली झलक देखी गई थी, जिन्होंने उन्हें करियर के रूप में एक्टिंग चुनने के लिए इंस्पाय किया था।) शाहरुख को हमेशा एक ऐसा समय याद रहता है जब उनके पिता जिन्होंने उनसे बहुत कम बात की थी, ने उनसे पूछा था कि वह क्या कर रहे हैं और जब शाहरुख ने जवाब में उन्हें कहा था कि, “कुछ नहीं” और उनके पिता ने मुस्कुराकर उनसे कहा ‘जो कुछ नहीं करते, वो कमाल करते है।” और शाहरुख हमेशा से मानते रहे हैं कि उनके पिता ने उस दोपहर को बहुत कैशवली जो कहा था वह उनके बारे में एक भविष्यवाणी की तरह था।
शाहरुख के पिता की मृत्यु हो जाने के बाद, उनकी माँ, स्वर्गीय लतीफ फातिमा खान ने शाहरुख और उनकी बहन शहनाज को सभालने की जिमेदारी ली, और इसके लिए उन्होंने हर तरह की नौकरियां कीं, लेकिन भाई और बहन एक और संकट में पड़ गए थे जब उनकी माँ की भी लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई थी। शाहरुख ने बताया था कि 20 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी माँ से एक वादा किया था कि वह अपनी और अपनी बहन की देखभाल करेंगे। और यहीं से शाहरुख खान के उदय की कहानी शुरू हुई थी।
आज, शाहरुख एक सपने की तरह है जिसे आसानी से नहीं देखा जा सकता है। वह एक ऐसा नाम है जिसे पूरी दुनिया में जाना जाता है। उनके पास आलीशान धन दौलत हैं। उनके लाखों प्रशंसक हैं जो उनकी पूजा करते हैं। उनके पास बेहतरीन कारों का कलेक्शन है। उनके पास मन्नत जैसा घर, दुबई में एक महल जैसा घर और अलीबाग में एक रिसॉर्ट भी है। और इस सबसे बढ़कर, उनकी एक शानदार फॅमिली हैं जिसमे उनकी पत्नी गौरी और उनके 3 बच्चों, सुहाना, आर्यन और अबराम और उनकी बहन शहनाज है जो उनके गार्डियन एंजेल की तरह है, जिसने उन्हें हर मोड़ से गुजरते हुए देखा है और वह उनकी अविश्वसनीय सफलता की एक कहानी है।
लेकिन, उनके दिल में अभी भी कहीं न कहीं एक दुख छिपा है। यह उनके माता-पिता को याद करने के बारे में है जब उन्हें लगता है कि काश वह अब उनके पास होते जब वह अपने सपनों का जीवन जी रहे है। यह दुःख ही है जो उनसे ऐसे काम करता है जो उसके ‘अब्बा’ और ‘अम्मा’ की यादों को संभव तरीके से जीवित रख सकता है।
उनके पास अपने माता-पिता के सम्मान में कुछ करने के लिए कई परियोजनाएं और योजनाएं हैं। महामारी के चरम के दौरान उनकी उदारता, जब उन्होंने अपने ऑफिस को हाउस पेशेंट्स को दिया और जो धन उन्होंने दान किया, वह अपने माता-पिता के प्रति अपना आभार प्रकट करने का उनका एक तरीका था। उनके नाम पर कई ट्रस्ट हैं। यहां मैं अपनी एक कहानी को फिर से सुनाने के लिए खुद को मजबूर महसूस करता हूं कि कैसे उनकी एक ट्रस्ट ने मुंबई के नानावती अस्पताल में मेरे इलाज का सारा खर्चा उठाया था।
यह कृतज्ञ बेटा अपने माता-पिता को याद करने का कोई अवसर नहीं छोड़ता है और कभी-कभी तो शाहरुख शो और पब्लिक इवेंट्स में अपने माता-पिता को याद करते हुए भावुक भी हो जाते है। मुझे एक इवेंट याद है जहां उन्होंने कहा था, “हम अपने स्वयं के जीवन में इतने व्यस्त हैं कि हमारे पास अपने माता-पिता के लिए समय नहीं है, जो थोड़े प्यार और देखभाल के अलावा हमसे कुछ नहीं मांगते हैं। हमें दिन में कम-से-कम एक बार अपने माता-पिता के साथ बैठना चाहिए और उन्हें यह जरुर बताना चाहिए कि ‘पापा, आई लव यू, माँ, आई लव यू’ और यह कहते ही आप उनके चेहरे पर सबसे चमकदार मुस्कान देखेंगे।” शाहरुख के पास वृद्धों के लिए घरों को सहारा देने या बनाने की योजनाए भी है। और माता-पिता के एक साथी प्रेमी के रूप में, मैं उन्हें दुनिया से अधिक शुभकामनाएं देता हूं कि वह उन माता-पिता के लिए जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए एक बादशाह हैं जिन्होंने अपने जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा जी लिया है और अब एक शांतिपूर्ण और बेहतर भविष्य का सपना देख रहे हैं। धन्यवाद, बादशाह खान मुझे माता-पिता के महत्व के बारे में शक्तिशाली तथ्य के प्रति जागृत करने के लिए और मुझे आशा है कि आपका संदेश प्रत्येक बेटे और बेटी और आने वाली पीढ़ियों के दिलों को छू जाएगा।
अनु- छवि शर्मा