स्मिता को डाॅक्टरों से सख्त नफरत हुई जब... By Mayapuri Desk 21 Mar 2021 | एडिट 21 Mar 2021 23:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर मैं पहली बार स्मिता से फोर्जेट सड़क पर एक पुराने अपार्टमेंट में मिला था, जहां उनके पिता शिवाजी राव पाटिल का अपना घर था, भले ही वह महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। मुझे दो मंजिला सीढ़ी पर चढ़नी पड़ी और मैं दिए गए पते पर पहुँचा, तो मैंने एक महिला को फर्श साफ करते हुए देखा और मैंने उस ‘स्वीपर’ से पूछा कि क्या मैं स्मिता पाटिल से मिल सकता हूँ और ‘स्वीपर’ ने मेरी तरफ देखा, ओर अपने माथे से पसीना पोंछते हुए मुझसे कहा, ‘क्या तुम पागल हो गए हो, अली? मैं स्मिता पाटिल ही हूँ’ - -अली पीटर जॉन यह हमारी लंबी दोस्ती की शुरूआत थी जिसके दौरान हमने अपने अच्छे और बुरे समय को एक दुसरे से शेयर किया था। एक अभिनेत्री के रूप में सफलता के आकाश को छूने वाली ‘स्वीपर’ को देखना मेरी सबसे बड़ी खुशी थी। एक क्लब द्वारा कुछ बेस्ट डॉक्टरों ने मुझसे अनुरोध किया की मैं स्मिता को एक एनुअल फंक्शन में चीफ गेस्ट के रूप में लेकर आऊ। लेकिन मुझे इस बात पर संदेह था कि क्या स्मिता इस बात पर सहमत होगी। लेकिन स्मिता ने मुझसे कहा कि, “मैं तुम्हारे जैसे दोस्त के लिए कुछ भी करूंगी” और वह डॉक्टरों के समारोह में अतिथि बनने के लिए ऑफिशियली सहमत हो गई थी। स्मिता उन दिनों दो शिफ्ट्स में शूटिंग कर रही थी और मैं अभी भी चेंबूर के उस इवेंट में जाने के लिए उनको लेकर के सोच में था। मैं उनकी कमिटमेंट को ध्यान में रखते हुए शाम 5 बजे तक अंधेरी के सेठ स्टूडियो पहुँच गया था। वह प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘नमक हराम’ के लिए अपने पसंदीदा अभिनेता शशि कपूर के साथ शूटिंग कर रही थीं। शाम के 6.30 बज चुके थे और पूरे मुंबई में बिजली चली गई थी। मुझे लगा कि यह स्मिता के लिए एक बहुत अच्छा बहाना था कि वह फंक्शन में जाने मना करदे। लेकिन, उन्होंने कहा कि हमें इस समारोह में जाना होगा क्योंकि उन्होंने डॉक्टरों से एक कमिटमेंट की थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि वह उनका इंतजार कर रहे होंगे। हम उनकी फिएट कार (नंबर 282) में बैठ गए और रास्ते में विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए चेंबूर पहुंचे। हमें बड़ा आश्चर्य हुआ जब हमने देखा कि पेट्रोमैक्स लैंप के साथ डॉक्टरों की एक बड़ी भीड़ हमारा इंतजार कर रही थी, वे स्मिता को देखने और उसकी बात को सुनने के लिए बहुत उत्सुक थे। स्मिता ने एक साधारण साड़ी पहनी हुई थी और उनके चेहरे पर किसी भी तरह का कोई मेकअप नहीं था। उनका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत हुआ और जब वह डॉक्टरों की भीड़ से गुजरी, तो वह सफेद साड़ी पहने हुए एक उज्ज्वल प्रकाश की तरह चमक रही थी। डॉक्टरों ने स्मिता के सामने अपनी स्पीच दी। और जब बोलने के लिए स्मिता की बारी आई, तो उन्होंने अपनी पहली लाइन के साथ सभी डॉक्टरों को हैरान कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि, ‘मुझे डॉक्टरों से नफरत है’ और यहां तक कि जब डॉक्टर सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे थे, तब स्मिता ने आगे उन्हें बताया कि वह डॉक्टरों से क्यों नफरत करती थी। वह पुणे के पास एक आदिवासी क्षेत्र में ‘जैत रे जैत’ नामक एक मराठी फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। वह खुद एक आदिवासी महिला का किरदार निभा रही थी और उन्होंने एक पुराने कुँए से पानी पीने की गलती की थी। वह जल्द ही कोलाइटिस का शिकार हो गई थी जिसके लिए उन्होंने कई लीडिंग डॉक्टरों से कंसल्ट किया था, जिन्होंने इस केस को काम्प्लकेटिड बताया था और वह तीव्र दर्द से पीड़ित थी जिसके लिए कोई भी डॉक्टर इसका कोई इलाज नहीं ढूंढ सका था। कुछ महीनों के बाद, स्मिता जो गर्भवती थी को सीरियस काम्प्लकेशन आने लगे थे और उनके परिवार के डॉक्टर पी. के.अग्रवाल ने उनके पति राज बब्बर को उन्हें जसलोक अस्पताल में ले जाने की सलाह दी और वहाँ से स्मिता कभी वापस नहीं आई थी। उनका अंतिम संस्कार जो किया गया, वो कभी ही किसी का हो सकता हैं, लेकिन क्या स्मिता पाटिल के जैसी अदाकारा और औरत कभी लौट ंके आ सकती हैं? अनु-छवि शर्मा #ali peter john #Smita Patil हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article