हिंदी फिल्मों के इस पागल, बुरे, दुखद और अच्छे संसार में जिस तरह से चीजें घटती और बदलती रहती हैं, वह मुझे साहिर लुधियानवी की एवेर्लास्टिंग लाइन्स की याद दिलाती हैं जिसमें वे लिखते हैं!....
वक्त से दिन और रात
वक्त से कल और आज
वक्त की हर शह गुलाम
वक्त का हर शह पे राज
वक्त की पाबन्द हैं
आते जाते रौनके
वक्त है फूलों की सेज
वक्त है काँटों का ताज
वक्त से दिन और रात
आदमी को चाहिये
वक्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घड़ी
वक्त का बदले मिजाज
और कहीं-कहीं यह सत्य उस समय के बारे में भी सच है, जिस तरह से कुछ दिग्गज़, सितारों और सुपरस्टारों की किस्मत बदल जाती है!..
बिक्रम वोहरा मेरे वरिष्ठ थे, जो एक बहुत अच्छे लेखक थे, और फिल्मफेयर पत्रिका के लिए काम कर रहे थे और एक बहुत ही चुलबुले और उत्साही युवा व्यक्ति थे, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण कार्य स्वीकार करने का आनंद लिया!...
बिक्रम को शर्मिला का इंटरव्यू लेने के लिए कहा गया था, जिसे गॉसिप प्रेस ने ‘ला टैगोर’ नाम दिया था!..
वह ला टैगोर के निवास स्थान पर फोन करते रहे और हर बार जब उन्होंने फोन किया, तो दूसरी तरफ से आवाज आती, “मैडम बाथरूम में नहा रही है, बाद में फोन करो”, बिक्रम पूरे दिन फोन करते रहे और उन्हें वही जवाब मिलता रहा। किसी अन्य युवा पत्रकार ने इस हालत में गुस्से में अपना आपा खो दिया होता या हार और हताशा में डूब गए होते। लेकिन बिक्रम वोहरा स्टर्नर स्टफ से बने थे और अपने टाइपराइटर पर कुछ लिखा और मुझे अब भी याद है कि पिछली कुछ लाइन्स बिक्रम ने लिखी थी और वे थी, “जितनी बार ला टैगोर ने एक दिन में स्नान किया वह आसानी से उन्हें दुनिया की सबसे साफ सुथरी महिला बना सकती थी।” मुझे नहीं पता कि शर्मीला टैगोर ने बिक्रम की इस लाइन पर कैसे प्रतिक्रिया दी होगी, लेकिन मेरे लिए जो उस समय एक क्यूब रिपोर्टर थे, बिक्रम वोहरा इस तरह के कई अन्य लोगों की तरह एक आइडल बन गए थे। बिक्रम जीवन में आगे बढ़े और फॉर यू नामक एक पत्रिका के एडिटर बने और फिर गोवा में प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ‘द नवहिंद टाइम्स’ के एडिटर के रूप में कार्यभार संभाला। फिर बिक्रम गल्फ के खलीज टाइम्स चले गए और मुझे बताया गया कि वह एक लेखक के रूप में खुद के लिए बहुत अच्छा कर रहे हैं।
यह एक कहानी है कि मैं किस चीज का हिस्सा था, करीना कपूर सिर्फ एक स्टार बन गई थी और देश भर की पत्रिकाओं और अखबारों के हर गॉसिप कॉलम में छाई हुई थी!
स्क्रीन के पास अपने पुरस्कार थे, और मैनेजमेंट चाहता था कि वह पुरस्कार समारोह में परफॉर्म करे। मेरे मैनेजर विनीत छिब्बर और मेरे इवेंट मैनेजर होसी वसुनिया जो एक प्रमुख अंग्रेजी थिएटर पर्सनालिटी थे, ने मुझे उनके साथ जाने के लिए कहा जहाँ करीना अपनी बड़ी बहन करिश्मा के साथ रह रही थी!
हम उनके घर पहुँचे जो बांद्रा में एक पुरानी इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर था। मैंने विनीत और होसी से कहा था कि मैं केवल करीना को उनसे मिलवाऊंगा और उन्हें खुद बातचीत करनी होगी और वे सहमत हो गए। हमें पहला बड़ा झटका तब लगा जब दोनों बहनों ने हमारा स्वागत भी नहीं किया और अपार्टमेंट के दरवाजे पर खड़ी सारी बातें होसी ने करीना को बताईं और जब उसने होसी को हमारे शो में एक पेर्फोर्मस के बारे में बात करते सुना, करीना ने कहा, “मुझे एक करोड़ दें और मैं आपके शो में डांस परफॉर्म करुँगी कि लोग अपनी सीट पर खड़े हो जायेंगे” हम बिल्कुल शब्दों या भावनाओं से परे थे, और हमें पता नहीं चला कि हम एक्सप्रेस टावर्स के ऑफिस में कब पहुँचे और मैंने कुछ इस तरह की कसम खाई थी कि मुझे अब उनके साथ या भविष्य में उनसे कभी कुछ लेना-देना नहीं होगा और मैं उन सभी शक्तियों के प्रति आभारी हूं जो यह है कि मैं उस घटना के तुरंत बाद रिटायर हो गया था, वह अभिनेत्री जो अब तैमूर की माँ सैफ अली खान की बेगम है, और जो पटौदी के सिंहासन का उत्तराधिकारी है और करीना उस उत्तराधिकारी की माँ हैं। मैं केवल दो घटनाओं के सच के बारे में बता रहा हूं, जिनमें से कई मैं अपने जीवन की अपनी पचास साल की लंबी यात्रा के दौरान गवाह रहा हूं, यहां तक कि मैंने तब भी अपनी जिन्दगी से प्यार किया है जब इससे प्यार न करने के मेरी पास कई कारण थे!