वतन हमारा भी, वतन पाकिस्तान का भी ! By Sharad Rai 20 May 2018 | एडिट 20 May 2018 22:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर पहली बार एक फिल्म आई है ‘राज़ी’- जिसने देश के प्रबुद्ध वर्ग को यह कहने के लिए राजी कर लिया है कि दो पड़ोसी-देशों के बीच सिर्फ नफरत को ही पोट्रेट करना जरूरी नहीं, उनके सेंटिमेंट की प्रस्तुति भी आवश्यक है। निर्देशिका मेघना गुलजार ने वैसी ही फिल्म दी है जो सही मायने में दो पड़ोसी मुल्कों के बीच बननी चाहिए। 1971 के भारत-पाक के बीच हुए युद्ध की पृष्ठभूमि में जासूसी की कथा है ‘राज़ी’। वैसी ही एक फिल्म है यह भी, जैसी ‘गदर एक प्रेम कथा’, ‘स्वब कारगिल’, ‘बॉर्डर’, ‘लक्ष्य’, ‘फैंटम’, ‘बजरंगी भाईजान’ आदि फिल्में रही हैं। मेघना ने अपनी फिल्म को नफरत के फिल्मांकन से बचाया है। हमने धारणा बना ली है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सैनिक और अफसरान विलेन (खलनायक) हैं। एक भारतीय उनको राष्ट्रीयता के पैमाने पर फूटी आंख नहीं सुहाता। ‘राज़ी’ ने वहीं सोच बदलने की कोशिश की है। भारतीय सेना के लिए नियुक्त की गई एक स्पाई (जासूस) लड़की (आलिया भट्ट) को ससुराल में प्यार, विश्वास और चाहत सब कुछ मिलता है। वह उस घर में रहकर जासूसी करती है जहां पाकिस्तान आर्मी की प्लानिंग भारत के खिलाफ बन रही है। लड़की अपने पति इकबाल (विक्की कौशल) का सब्र भरा प्यार पाती है। पति, जेठ, ससुर सभी पाकिस्तान आर्मी के पक्के देश भक्त हैं। वह घर के पुराने वफादार नौकर और जेठ की हत्या करती है तथा पति पर गन तान देती है...। बावजूद इसके आर्मी जनरल और उनके बेटे इकबाल को जब लड़की का राज मालूम पड़ता है, तब इकबाल कहता है- ‘‘अब्बा, वह जो भी करती रही, अपने मुल्क के लिए करती रही... जैसे हम करते हैं।’’ पूरी फिल्म की थीम यही है। मुल्क हमारे लिए सब कुछ है वैसे ही दूसरे मुल्क के लोगों की सोच भी तो होती है। ‘वतन के आगे कुछ नहीं’ यह बात जायज है लेकिन वतन मेरा भी हो सकता है, तुम्हारा भी हो सकता है। गुलजार साहब कहते हैं- ‘बॉर्डर के दोनों तरफ के लोग गा सकते हैं- ‘ऐ वतन...!’ इसमें कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए। और गुलजार साहब की बेटी मेघना ने वही बताने की कोशिश की है ‘वतन हमारा भी वतन पाकिस्तान का भी!’ और अंततः उस स्पाई लड़की की आत्मपीड़ा जो चित्कार लेती है।- ‘अब मैं और खून नहीं करूंगी...अपने और इकबाल के बच्चे का!’ बहुत कुछ कह जाती है। सचमुच सिनेमा के इस बदले नजरिये का स्वागत होना चाहिए। - संपादक #alia bhatt #Vicky Kaushal #Raazi #Watan Hamara Bhi Watan Pakistan Ka Bhi हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article