रील और रीयल लाइफ का अंतर सिर्फ वही समझ सकता है जो बॉलीवुड में रहता है या बॉलीवुड के करीब रहता है। वाकई देखने लायक नजारा होता है जब सितारों के आशियाने पर बुलडोजर चलता है। पर्दे पर जब गरीबों के झोपड़े पर गुंडों का बुलडोजर चलता है तब एक हीरो आता है... और फिर तालियों की गड़गड़ाहट लेकर जाता है। लेकिन, जब किसी सितारे के घर पर महानगर पालिका का बुलडोजर तोड़फोड़ करने आता है तब उन्हीं सितारों के चेहरे पर पसीने की तरतराहट होती है। अब लीजिये साहब, एकदिन के मुख्यमंत्री (फिल्म‘नायक’) के दफ्तर में घुसकर उनके कैबिन को महानगर पालिका ने तोड़ दिया है और अनिल कपूर परेशान है किसको कहकर अपना दफ्तर बचाए! वह इधर-उधर दौड़ रहे हैं वैसे ही जैसे पर्दे पर राम काका दौड़ता है अपना घर बचाने के लिए।
इससे पहले अमिताभ बच्चन के बंगले ‘प्रतीक्षा’ का तोड़ने की नोटिस आया हुआ है। सड़क-विस्तार में बंगले का एक हिस्सा आडे़ आ रहा है जिसे तोड़ा जाना है। खबर है जगह इतनी कम है वहां कि महानायक सड़क को बाईपास भी करवाने की जुगत नहीं लगा सकते। मामला कागजों की कार्यवाही में अटका है इससे पहले कपिल शर्मा और इरफान खान का घर ऑफिस तोड़े जाने की चर्चा भी रही है। साधना का बंगला बिल्डर की भेंट चढ़ चुका है
यहां बचाने कोई हीरो नहीं आता
और दिलीप साहब के बंगले पर हाईकोर्ट का नोटिस की छाप हो गयी है। दिलीप कुमार के भाईयों का प्रोपर्टी-मुकदमा लम्बे समय से कोर्ट में रहा है। मुंबई महानगर पालिका सेक्शन 354(।) के तहत ‘इंलीगल’ और ‘अन-ऑथोराइज्ड’ कंस्ट्रक्शन को शहर में तोड़ती है। इनके तोड़क दस्तों की नजर में सितारों का घर सबसे पहले आ जाता है क्योंकि इनकी भीड़भाड से पड़ोस परेशान हो कर शिकायत दर्ज कराते रहते हैं। कपिल शर्मा, अरशद वारसी और अनिल कपूर के ऑफिस का एक्सटेन्शन और इंटीरियर तोड़ने की वजह पड़ोसियों की शिकायत पर कार्यवाही किया जाना ही मुख्य कारण है।
वैसे, शाहरुख खान के रेड चिल्ली ऑफिस की कैन्टीन को भी ‘इलीगल’ केटेगरी में रखकर ही तोड़ा गया है। ऋषि कपूर का बंगला भी मनपा की नजरों में चढ़ रहा है जिस पर वह बार-बार ‘ट्वीट’ करके खबरां में रहें हैं। सचमुच रील और रीयल लाइफ का अंतर होता है बहुत मजेदार! यहा बचाने कोई हीरो नहीं आता, आती है परेशानी पर पसीने की धार!!