इमरान खान पाकिस्तान के नये सरपरस्त बनते हैं तो फिल्म इंडस्ट्री के सितारों में आमिर खान को उस मौके की मेहमान नवाजी के लिए निमंत्रण आने की चर्चा रहती है। जाएं न जाएं, यह उनके जमीर की बात थी, मगर पाक-सेंसर की सूक्ष्म सोच देखिए कि उसी समय जब बॉलीवुड का स्टार निमंत्रितहोता है, बॉलीवुड की एक फिल्म ‘मुल्क’ के लिए वे फरमान जारी करते हैं कि पाक में रिलीज नहीं होने देंगे। यह कैसी रणनीति है हमारे पड़ोसी की, यह सोचकर आश्चर्य होता है। न सिर्फ आमिर खान बल्कि भारत के अन्य सेलिब्रिटिज -कपिल देव, सुनील गावस्कर, नवजोत सिंह सिद्धू भी आमंत्रित मेहमानों में रहे हैं। यानी - फिल्म और क्रिकेट की दीवानगी वह भुनाना चाहते हैं जो वहां के लोगों के लिए भारत में आदर्श रूप में हैं। लेकिन, फिल्म और क्रिकेट को वहां व्यापार नहीं बनने देंगे। सचमुच क्या यह जन-भावनाओं पर लादा गया कुठाराघात नहीं है? तुर्रा यह कि अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘मुल्क’ की विषयवस्तु उनके देश के लिए अधिक मायने रखती है। जैसे- सलमान की फिल्म ‘बजरंगी भाई जान’ उनके हिस्से की फिल्म थी और उन्होंन बिना समझे विरोध किया था। ‘मुल्क’ का विरोध या फिल्म को बैन किया जाना यह बताता है कि हमारे पड़ोसी देश के पास कोई सेन्सरीय सोच भी नहीं है। इससे पहले भी वे अपनी कुंठित सोच को दर्शा चुके हैं फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’, ‘पैडमैन’, ‘राज़ी’, ‘रईस’, ‘परी’, ‘नीरजा’ जैसी फिल्मों को प्रतिबंधित करके। हालांकि बैन घोषित करने के बाद उनके ही देश के बौद्धिक तबके ने उनके फरमान का मजाक उड़ाया है यह कहकर कि हमारे आका (नेता) दुनिया की दौड़ में देश को शामिल नहीं होने देना चाहते! सचमुच विरोध की उनकी ये मुहिम कितनी ना समझ है!!
पाकिस्तान आमिर को बुलाता है, ‘मुल्क’ को बैन करता है, क्यों ?
New Update