कंगना रनौत के विवादित बयान के समर्थन में यह बोले अभिनेता

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कंगना रनौत के विवादित बयान के समर्थन में यह बोले अभिनेता
  • छवि शर्मा

आए दिन विवादों में उलझी रहने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने जब से 'भीख में मिली आजादी' वाला बयान दिया है तब से वह लगातार चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

उन्होंने अपने बयान का प्रूफ देते हुए एक पोस्ट भी शेयर कि और लिखा, 'भीक का प्रूफ, भारत डोमिनियन को सत्ता का हस्तांतरण... आई रेस्ट माय केस'

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इस बयान के चलते एक बड़ा तबका एक्ट्रेस के खिलाफ उतर आया है, इस बीच एक दिग्गज एक्टर ने कंगना को सपोर्ट किया है और उनके पक्ष में अपनी बातें भी रखी हैं।

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जी हां दरसल दिग्गज भारतीय अभिनेता विक्रम गोखले (Vikram Gokhale) ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के विवादास्पद बयान का रविवार को समर्थन किया। महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में गोखले ने कहा कि रनौत ने जो कहा था वह सच है। विक्रम गोखले ने कहा, 'मैं रनौत के बयान से सहमत हूं। हमें (ब्रिटिश राज में) आजादी दी गई थी। कई स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई और उस समय बड़े-बड़े लोगों ने उन्हें बचाने का प्रयास नहीं किया। वे सिर्फ मूकदर्शक बने रहे। इन मूकदर्शकों में बहुत से वरिष्ठ नेता थे। उन्होंने उन स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं बचाया जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे थे।

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गोखले को मराठी थिएटर, बॉलीवुड और टीवी पर अभिनय के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत हर राजनीतिक दल विवाद में अपना फायदा देखता है। त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा और उसके विरोध में अमरावती तथा अन्य शहरों में हुए बवाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में गोखले ने कहा कि सांप्रदायिक दंगे वोट बैंक की राजनीति का नतीजा हैं। उन्होंने कहा, 'हर राजनीतिक दल वह (वोट बैंक की राजनीति) करता है।' महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर गोखले ने कहा कि पूर्व सहयोगी दलों- शिवसेना और भाजपा को देश की भलाई के लिए फिर से साथ आना चाहिए।

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गोखले ने दावा किया कि एमएसआरटीसी (महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम) और एयर इंडिया की वर्तमान स्थिति के लिए राजनेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, 'मैं एसटी का ब्रांड एंबेसडर था। यह एक बड़ी यूनिट है जो महाराष्ट्र में 18,000 से अधिक बसों का संचालन करती है।' एमएसआरटीसी के हजारों कर्मचारी महाराष्ट्र सरकार के नकदी-संकट वाले उपक्रम के विलय की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।

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