हेमा मालिनी और संजय दत्त के बाद अब फिल्मकार राम कमल मुखर्जी ने लिखी मिथुन चक्रवर्ती की जीवनी By Mayapuri Desk 26 Aug 2021 | एडिट 26 Aug 2021 22:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर लेखक और पुरस्कृत फिल्म निर्देशक राम कमल मुखर्जी ने आधिकारिक तौर पर अपनी नवीनतम पुस्तक ‘‘मिथुन चक्रवर्ती 'द दादा ऑफ बॉलीवुड’’को बाजार में ला दिया है,जो कि अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की जीवनी/बायोग्राफी है। रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में भारत के प्रतिष्ठित अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के जीवन और अभिनय यात्रा का वर्णन है। हेमा मालिनी और संजय दत्त की आत्मकथाओं के लेखन के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के पुरस्कृत राम कमल मुखर्जी लिखित यह तीसरी जीवनी होगी। राम कमल मुखर्जी को अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती पर इस किताब लिखने में दो साल और कुछ माह लगे। राम कमल बताते हें-‘‘दादा (मिथुन) अपनी आत्मकथा नहीं लिखवाना चाहते थे। लेकिन मैं उनकी कहानी बताने के लिए बहुत उत्सुक था। मिथुन पर कुछ किताब उपलब्ध हैं, लेकिन ज्यादातर बंगाली में। वह एक राष्ट्रीय स्तर के मेगास्टार और किंवदंती होने के नाते मुझे लगा कि वह एक किताब के हकदार है।’’ दरअसल, हेमा मालिनी की अधिकृत बायोग्राफी ‘‘बियॉन्ड द ड्रीमगर्ल’’ को खत्म करने के बाद राम कमल के दिमाग में मिथुन चक्रवर्ती पर किताब लिखने का विचार आया था। वह बताते हैं- ‘‘मैं मिथुन दा के ‘डांस इंडिया डांस’में किताब का प्रचार करने गया था। तभी वास्तव में हेमाजी ने मिथुन से पूछा कि वह अपनी कहानी क्यों नहीं बताते। दादा बेहद शर्मीले होने के कारण, अपनी कुर्सी से कूद गए, ‘ना बाबा ना!‘ उस पर हेमाजी ने मजाक में कहा, तुम मत लिखो राम को अपनी कहानी सुनाने दो। दादा ने मेरी तरफ देखा और हम मुस्कुराए।यहीं से सिलसिला चला था।’’ मिथुन चक्रवर्ती 'द दादा ऑफ बॉलीवुड’’में अभिनेता मिथुन की पूरी यात्रा व व्यक्तित्व को रचा गया है। सहकर्मियों, दोस्तों, परिवार के सदस्यों और निश्चित रूप से स्वयं मिथुन के उपाख्यानों और साक्षात्कारों के साथ, पुस्तक को द टेलीग्राफ, द आउटलुक, क्विंट, द स्टेट्समैन और स्टारडस्ट से प्रशंसनीय समीक्षा मिली। राम कमल को याद है कि वह मिथुन से पहली बार कोलकाता में नेताजी इंडोर स्टेडियम में वह मिले थे। वह कहते हैं-‘‘यह एक भयानक अनुभव था। मैं एक स्वतंत्र पत्रकार था। आयोजक ने मुझे आमंत्रित किया और प्रवेश द्वार पर मेरे लिए कोई टिकट नहीं छोड़ा। मैंने दादा के प्रबंधक को पहले ही सूचित कर दिया था कि मैं उनके शो में भाग लूंगा और उसके बाद उनका साक्षात्कार करूंगा। मुझे स्टेडियम के बाहर एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। जब मैं कार्यक्रम स्थल के अंदर पहुंचा, तब तक उन्माद हो चुका था। मिथुन दा मंच पर थे, भीड़भाड़ वाला स्टेडियम चिल्ला रहा था। स्थानीय पुलिस तबाही के लिए तैयार थी। जैसा कि आपेक्षित था, उसके बाद मिथुन को तुरंत स्टेडियम से बाहर ले जाया गया और मुझे भगदड़ का सामना करना पड़ा। मैं एक फटी हुई चप्पल, हाथ पर चोट और ‘दादा दादा दादा‘ की गूंज के साथ घर वापस आया था। वह एक घटना थी।’’ जाहिर तौर पर मिथुन चाहते थे कि योगिता बाली,राम कमल के अंतिम मसौदे को लिखने के बाद पहली पांडुलिपि पढ़े। योगिता बाली को कहानी पसंद आई।इसका जिक्र करते हुए राम कमल कहते हैं-‘‘योगिता जी प्यारी हैं। उन्होंने किताब पढ़ी, और किताब में कुछ बड़े और छोटे तथ्यों को ठीक किया। उसके बाद दादा ने किताब देखी और उनके लंबे समय के सचिव विजय जी ने भी पांडुलिपि पढ़ी। उनके छोटे बेटे नमाशी, जो इस पर हैं मेरी सोशल मीडिया फ्रेंड लिस्ट, उनके पिता पर एक किताब लिखने के मेरे प्रयास की सराहना करने के लिए काफी दयालु थे। परिवार बहुत प्यारा और सहयोगी है। दादा के साथ मेरा लगभग दो दशक पुराना रिश्ता है, और मैं एक लिखना नहीं चाहता था किताब जो उनके स्टारडम के साथ न्याय नहीं करेगी।’’ राम कमल आगे कहते हैं-‘‘मिथुन के जीवन में कई ऐसे पहलू हैं,जो कई लोगों को प्रेरणा देंगें।एक बाहरी व्यक्ति के रूप में वह जिस संघर्ष से गुजरे, वह उन सभी नवागंतुकों के लिए एक सबक होना चाहिए,जो टिनसेल शहर में इसे बड़ा बनाने का सपना देखते हैं।’’ वह आगे कहते हैं- लॉकडाउन के दौरान जब सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यू की घटना हुई, तो मुझे एहसास हुआ कि ऐसे कई बाहरी लोग हैं,जो लगातार मुंबई में जीवित रहने के लिए लड़ रहे हैं। मिथुनं दा उन दिनों आर्थिक और शारीरिक रूप से बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे थे, वह सही नहीं थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी कहानी कई नई प्रतिभाओं को लड़ने और जीवित रहने के लिए प्रेरित करेगी। यदि आप प्रतिभाशाली हैं तो आपको कोई नहीं रोक सकता। मिथुन को हर कदम पर बाधाओं का सामना करना पड़ा, बड़े सितारों से लेकर बड़े निर्देशक और निर्माता तक उन्हें कास्ट नहीं करना चाहते थे। लेकिन उन्होंने अपना फैनबेस बनाया। मुझे यकीन है कि यह किताब कई लोगों को प्रेरित करेगीं। किताब ‘‘मिथनु चक्रवर्ती : द दादा आफ बॉलीवुड’’ के कवर फोटो को विशेष रूप से विक्की इदनानी ने शूट किया है।इस पर राम कमल कहते हैं-‘‘विक्की इदनानी शहर में हमारे पास सबसे अच्छे और बेहतरीन फोटोग्राफरों में से एक है। मैं कवर के लिए मिथुन दा की इस छवि के लिए वास्तव में उनका आभारी हूं। जैसा कि लोग कहते हैं कि पुस्तक को अक्सर कवर द्वारा आंका जाता है। मुझे उम्मीद है कि यह एक होगा पाठकों को आकर्षित करें।’’ #Hema Malini #sanjay dutt #mithun chakraborty #Ram Kamal Mukherjee #Hema Malini and Sanjay Dutt #biography of Mithun Chakraborty #filmmaker Ram Kamal Mukherjee हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article