Advertisment

amjad khan के जन्मदिन पर, अमजद खान और उनकी अनकही कहानी

New Update
amjad khan के जन्मदिन पर, अमजद खान और उनकी अनकही कहानी

अमजद खान उर्फ़ हिंदी फिल्मो का गब्बर सिंह जिन्होंने शोले फिल्म के बाद  मुकद्दर का सिकंदर और दादा फिल्म में गजब की भूमिका निभाई। वे अभिनेता तो संपूर्ण थे ही, क्योंकि अपने अभिनय जीवन में उन्होंने चरित्र, हास्य और खलनायक भूमिकाओं को जीवंत किया, जिस कारण उन्हें कई बार फिल्म फेयर अवार्ड सहित कई अन्य अवार्ड भी मिले।

उस अमजद खान का जन्म 12 नवम्बर 1940 को फिल्मों के जाने माने अभिनेता जिक्रिया खान के पठानी परिवार में आन्ध्रप्रदेश के हैदराबाद शहर में हुआ था। इनके पिता बॉलीवुड में जयंत के नाम से काम करते थे।बचपन से ही अमजद खान को अभिनय से लगाव हो गया और थियटर से जुड़ गए। अमजद खान की पहली फिल्म बतौर बाल कलाकार 'अब दिल्ली दूर नहीं'{1957},थी,जब वह केवल 17 साल के थे।

publive-image

यह बात कम लोगों को पता है कि अमजद खान हिंदी फिल्मो की खलनायिका कल्पना अय्यर को प्यार करते थे अगर इनकी जोड़ी बनती तो सबसे अनूठी जोड़ी होती अमजद और कल्पना की पहली मुलाकात एक स्टूडियो में हुई थी, जहां दोनों अलग-अलग फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। फिर परिचय प्यार में बदला लेकिन उन्होंने कभी शादी नहीं की क्योकि अमजद खान पहले से शादी शुदा थे अमजद शादीशुदा हैं। उनकी पत्नी शकीला हैं, जो मशहूर लेखक अख्तर-उल-ईमान की बेटी हैं और उनके बच्चे भी हैं और कल्पना नहीं चाहती थी की उसकी वजह से अमजद की ज़िन्दगी में कोई परेशानी आए व जब तक अमजद खान जीवित रहे, वे कल्पना के दोस्त और गाइड बने रहे और जब अमजद का इंतकाल हुआ, तो कल्पना उनके घर गई। कल्पना के कई शुभचिंतकों ने उनसे वहां न जाने की सलाह भी दी कि पता नहीं अमजद के परिवार वालों का क्या रवैया हो..? कहीं वे उन्हें भीतर आने ही न दें, लेकिन कल्पना ने यह सलाह नहीं मानी और अपने उस दोस्त को आखिरी सलाम करने गई, जिसके साथ उनका बेनाम रिश्ता था।

publive-image

अमजद खान पढाई पूरी करने के बाद निर्देशक के.आसिफ के साथ असिस्टेंट के रूप में काम करने लगे। बतौर कलाकार अमजद खान की पहली फिल्म 'मुहब्बत और खुदा'थी,जिसमें वह अभिनेता संजीव कुमार के गुलाम की भूमिका की थी.इस बारे में बहुत कम लोग जानते है कि बतौर अभिनेता उनकी पहली फिल्म 'शोले'नहीं थी।

publive-image

अपने 16 साल के फ़िल्मी कैरियर में अमजद खान ने लगभग 200 फिल्मो में काम किया.उनकी प्रमुख फिल्मे 'आखिरी गोली','हम किसी से कम नही','चक्कर पे चक्कर','लावारिस','गंगा की सौगंध','बेसर्म','अपना खून','देश परदेश','कसमे वादे','क़ानून की पुकार','मुक्कद्दर का सिकंदर','राम कसम','सरकारी मेहमान','आत्माराम','दो शिकारी', 'सुहाग','द ग्रेट गैम्बलर','इंकार','यारी दुश्मनी','बरसात की एक रात', 'खून का रिश्ता','जीवा','हिम्मतवाला','सरदार','उत्सव' आदि है. जिसमे उन्होंने शानदार अभिनय किया.अमजद जी अपने काम के प्रति बेहद गम्भीर व ईमानदार थे.परदे पर वे जितने खूंखार और खतरनाक इंसानों के पात्र निभाते थे.लेकिन वे वास्तविक जीवन और निजी जीवन में वे एक भले हँसने हँसाने और कोमल दिल वाले इंसान थे।

publive-image

अमजद कहाँ की ज़िन्दगी और करियर तब पूरी तरह बदल गए जब गोवा जाते समय दुर्घटना मए उनकी कई हड्डियां टूट गई और इस दुर्घटना के बाद अमजद जी का बच जाना किसी खुदा के करिश्में से कम न था।उस समय अमिताभ बच्चन ने उस संकट की घड़ी में अपना खून दिया और घंटो अस्पताल में प्रार्थना करते रहे ।अमजद जी चंगे हुए,लेकिन वह मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर हो गए। किन्तु इसी बीच उनके पिता का भी देहांत हो गया। जिससे परिवार का सारा बोझ उन्ही के कंधो पर आ गया,साथ ही वह कारटीजोन नामक बीमारी के प्रभाव में आकार मोटे हो गए । जिससे वह दिन भर में केवल शुद्ध दूध और शक्कर की सौ प्याली चाय की आदत हो गयी । इससे वजन बढ़ता गया और अंततः 27 जुलाई 1992 को भारतीय फिल्म का यह सितारा ह्रदय गति रुकने से सदा के लिए अस्त हो गया.लेकिन जब भी हिंदी फिल्मों के विलेन की चर्चा होगी तो गब्बर सिंह यानि अमजद खान जी के नाम सबसे पहले लिया जायेगा।

Advertisment
Latest Stories