अमजद खान का नाम कहीं फ्लैश होते ही उनकी एक से बढ़कर एक फिल्मों को छोड़, सबसे पहली इमेज जो बनती है वो 'गब्बर' की होती है। रमेश सिप्पी की शोले का यूं तो हर कैरेक्टर अमर है लेकिन धर्मेन्द्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी और संजीव कुमार जैसे सदाबहार एक्टर्स को धता बताकर जिसने सबसे ज़्यादा नेम-फेम शोले से कमाया था तो वो थे 'अमजद खान'
कितना इनाम रखे है सरकार हमपर
ये रामगढ़ वाले कौन चक्की का आटा खाते हैं?
बहुत याराना लगता है
जब तेरे पाँव चलेंगे, साँसे चलेंगी
अब आयेगा मजा, बहुत दिनों बाद कोई ऐसा मिला है जो इतनी बात कर सके, अब आयेगा मजा
अरे ओ साम्बा, कितना इनाम रखे है सरकार हम पे?
अभी तो ये सिर्फ आधा दर्जन डायलॉग हैं जो मुझे रटे हुए हैं, इसके इतर 'होली कब है, कब है होली?' सरीखे छोटे-छोटे डायलॉग भी अमजद खान ने शोले में ऐसे बोले थे कि वो अमर हो गए थे। फिर इन सबसे ऊपर, वो डायलॉग जिसे कुछ जगह कोर्स में भी पढ़ाया गया है, उसको भला मैं कैसे भूल सकता हूँ? वो अमर डायलॉग था 'जो डर गया, समझो वो मर गया।'
अपने इस डायलॉग की ही तरह अमजद खान खुद भी किसी से नहीं डरते थे।
लेकिन हद तो तब हुई जब एक रोज़ स्टेज पर आर-डी बर्मन, अपने पंचम दा ने अमजद खान को गब्बर के नाम से ललकारा तो उन्होंने भी उसी लहजे में जवाब दिया 'बहुत जान है रे इसके संगीत में, ये बॉम्बे वाले जाने कौन चक्की का पिसा आटा खाते हैं'
पब्लिक दिल खोल कर हंस दी। तब अमजद खान ने अपना पसंदीदा गाने के लिए पंचम दा को अपने ही अंदाज़ में अर्ज़ी दी 'अरे जरा वो हमारा वाला गाना सुना दो, वो छम्मक-छल्लो वाला'
आपको बताता चलूँ कि शोले जैसी कालजयी फिल्म का म्यूजिक पंचम ने ही दिया था और 'मेहबूबा-मेहबूबा' गाना खुद उन्होंने अपनी आवाज़ बैठाकर गाया था।
जब बात गाने की हो तो सिर्फ बातों से कहाँ मन भरता है, आप ख़ुद देखिए एक ही स्टेज पर, आरडी बर्मन, अमजद खान और जलाल आग़ा को एक साथ। इस वीडियो के अंत में अमजद खान ने आरडी से जो कहा, उसे सुनना न भूलियेगा।