सीरियल अनुपमा के लेटेस्ट एपिसोड में दिखाया गया कि अनुपमा अपने घर पहुँचती है और वनराज को बहुत सुनाती है। अनुपमा कहती है कि ‘आज मेरे लिए बहुत बड़ा दिन था।‘ इसके बाद वनराज कहता है कि ‘और मैंने बर्बाद कर दिया।‘
अनुपमा उसके सामने खड़ी हो जाती है और कहती है कि 'आपको डर लग रहा है। डर लग रहा है बराबरी से। डर लग रहा है कि मैंने अब आपके पीछे नहीं आगे हूँ।'
इसपर वनराज कहता है कि तुम्हें कभी आगे बढ़ने से नहीं रोका। तुम चाहती तो आगे बढ़ सकती थी। अनुपमा इसपर करारा जवाब देते हुए कहती है कि मर्द के हाथ में तो केवल डिग्री होती है लेकिन औरत के हाथ में- चिमटा, बेलन, झाड़ू, दवाई की पर्ची, दूध का हिसाब, गोद में तीन बच्चे, कांधे पर सास, ससुर और पति के तीन टाइम के खाने, कपड़े और सफाई की जिम्मेदारी और पाव में परंपरा की बेड़िया होती हैं।
इधर अनुज को अनुपमा की हालात देख अच्छा नहीं लगता है। देविका उसे समझाती है कि अनुपमा कभी अपना परिवार नहीं छोड़ेगी।
अगले दिन अनुज ऑफिस में परेशान घूम रहा होता है। उसे लगता है अनुपमा नहीं आएगी। लेकिन अनुपमा बाहर बैठे काम समझ रही होती है।
वो अनुपमा से कहता है कि मुझे लगा नहीं था कि तुम आओगी। अनुपमा अनुज को धन्यवाद कहती है कि उसकी वजह से उसे हिम्मत मिली। वो कहती है कि मैं बहुत लकी हूँ कि मुझे देविका और आपके जैसा दोस्त मिला है। साथ ही वो ये भी कहती है कि मैं आगे बढूंगी जरूर लेकिन अपने परिवार को छोड़कर नहीं। मुझे अपने अलावा अपनो के लिए भी आगे बढ़ना है।
अपकमिंग एपिसोड में दिखाया गया कि काव्या वनराज को ताने मारती है। इसपर बा गुस्सा होकर अनुपमा को सुनाती है कि जिस रिश्ते की वजह से बाकी सारे रिश्ते खराब होने लगे, वैसे रिश्ते को खत्म कर देना चाहिए। एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते।