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“विदेश घूमने से पहले अपने भारत में घूम कर अपनी जड़ो से जुड़ना अत्यावश्क है”- अनीशा मधोक

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“विदेश घूमने से पहले अपने भारत में घूम कर अपनी जड़ो से जुड़ना अत्यावश्क है”- अनीशा मधोक

हॉलीवुड फिल्म ‘बुली हाई’ में अभिनेत्री अनीशा मधोक ने अमरीकन हाई स्कूल में धौंसियायी जाने के बाद एक सशक्त लड़की के रूप में उभरने वाली मुस्लिम लड़की का किरदार निभाकर जहां चर्चा में हैं, वहीं और उन्हें बेसब्री से इस फिल्म के पूरे विश्व में प्रदर्शन का भी इंतजार है। इसी के साथ अनीशा मधोक खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उनके पिता विक्रम मधोक की वजह से वह पूरे भारत देश का भ्रमण कर पायी। वास्तव में अनीशा मधोक के पिता विक्रम मधोक एक लग्जरी ट्रैवल कंपनी एबरक्रॉम्बी एंड केंट चलाते हैं।

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कोरोना महामारी की वजह से पूरे भारत देश का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे समय में अनीशा मधोक सभी से बार-बार कह रही हैं कि वह विदेश यात्रा करने से पहले अपने देश के भीतर भ्रमण कर लें। क्योंकि देश के अंदर ऐसा बहुत कुछ है, जिसे हर इंसान को देखना, जानना व समझना चाहिए।

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अनीशा मधोक कहती हैं- “बतौर कलाकार मैं अपने प्रभाव व शोहरत का उपयोग न केवल भारत में यात्रा को बढ़ावा देने के लिए कर रही हूं, बल्कि अपनी मातृभूमि के साथ एक गहरा संबंध बनाने के लिए भी कर रही हूं। जितना अधिक भारतीय, भारत में गर्मियों के मौसम में शायद उपनिवेशवाद अवशेष के चलते यूके भागना पसंद करते हैं। उस दौरान यानी कि गर्मियों में मैं ठंडी हवा और पहाड़ों का आनंद लेने के लिए भारत के उत्तर में यात्रा करने के लिए तैयार रहती हूं।

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हमारे यहां गर्मी के मौसम में भी श्रीनगर, कश्मीर, शिमला, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में बर्फ भी गिरती है तथा ठंडी हवाएं भी चलती हैं। तो वहीं मुझे सर्दियों के मौसम में दक्षिण में रहना पसंद है। भारत में देखने के लिए बहुत कुछ है और मैं सभी भारतीयों से पहले भारत के भीतर यात्रा करने का आग्रह करती हूं। इससे पहले कि वह भारत से बाहर यात्रा करने के लिए अपनी टिकट को बुक करें। वैसे भी किसी संत ने कहा है- ‘किसी और को जानने से पहले खुद को जानें‘, उसी तरह मुझे लगता है कि हमें दूसरे देशों को अपनाने या जानने से पहले हमें अपने देश की जड़ों से जुड़ना चाहिए।”

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अंग्रेजी, फारसी, स्पेनिश, हिब्रू, हिंदी, उर्दू और पंजाबी ग्रीक सहित सात भाषाओं में धाराप्रवाह के साथ बातचीत करने में माहिर अनीशा मधोक अब तक तीस से अधिक देशों की यात्रा कर चुकी हैं। इसलिए वह अपने अब तक के अनुभव के आधार पर कहती हैं- “मैं अपने आतिथ्य और पर्यटन के मामले में भारत द्वारा अनुभव की जाने वाली आर्थिक उछाल को देखने के लिए उत्सुक हूं।”

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‘अतुल्य भारत अभियान’ को लेकर दावा करते हुए अनीशा मधोक कहती हैं- “मैं याद दिलाना चाहॅूंगी कि ‘अतुल्य भारत अभियान’ के पीछे मेरे पिता विक्रम मधोक थे। अब मैं अपनी पीढ़ी के लिए भारत में यात्रा के लिए एक राजदूत होने के महत्व का प्रस्ताव देना चाहती हूं और मैं अपने अविश्वसनीय भारत का पता लगाने के लिए वास्तव में उत्साहित हूं।”

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