टूट रहा है बॉलीवुड! क्या कोई कारगर टोटका उसे बचा पायेगा? By Mayapuri Desk 12 May 2022 in एंटरटेनमेंट New Update -शरद राय जिसतरह गए दो महीनों से पूरी फिल्म इंडस्ट्री को दो भागों में डिवाइड करके देखा जाना शुरू हुआ है, उत्तर - दक्षिण, बॉलीवुड- टॉलीवुड टकराव, हिंदी-विरोध और पैन इंडिया की बहस के स्वर मुखरित हुए हैं, क्या यह एक अच्छा संकेत है? इसबारे में हमने कुछ बुजुर्ग फिल्मकारोंसे बात किया तो सबका यही कहना था- 'जरूर इस बहस के पीछे कोई साजिश है।' सभी का कहना था कि बॉलीवुड को तोड़ने का षड्यंत ही इन बातों को कहा जाएगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू, कामराज नाडार, निजलिंगप्पा और लौहपुरुष पटेल के समय जब हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का रानीतिक - विवाद उठा था, संसद में हंगामें हुए थे, तब भी फिल्म इंडस्ट्री के लोग पूरी तरह मौन थे। फिल्मकारों को इस तरह की बातों से कोई सरोकार नही था। अब जब कोई वजह नहीं है, अचानक हिंदी फिल्मों पर साउथ की फिल्मों के भारी होने की चर्चा को तूल दिया जाना शुरू हुआ है तो इसका क्या मतलब निकाला जाए ? बहुतों का मत यह भी है कि बॉलीवुड टुकड़े टुकड़े होने जा रहा है। प्रादेशिक फिल्मों की राष्ट्रीय स्वीकृति से यह बात साफ होती जा रही है कि अब मुम्बई की जमीन फिल्मों के लिए उतनी उर्वरा नही रह गई है। सिर्फ दक्षिण की फिल्मों का झंडा ही पूरे देश मे नही फैलेगा, बल्कि और भी प्रादेशिक फिल्में झंडा लेकर आगे आनेवाली हैं। और, जिसे हम 'बॉलीवुड' कहते हैं, वो टूट जाएगा। चेन्नई, हैदराबाद, बंगलोर, छत्तीसगढ़, बनारस, गोरखपुर, चंडीगढ़, पुणे, शोलापुर जैसे शहरों में स्टूडियो खुल गए हैं।फिल्मों के ऑफिस बन गए हैं और वहां कलाकारों के लिए एक्टिंग क्लासेज चल रहे हैं, डांस और सांग के रियलटी शो के ऑडिशन चल रहे हैं। खूब म्यूज़िक वीडियो शूट हो रहे हैं। इतना ही नही, दिल्ली के पास नोयडा में भव्य स्टूडियो बन रहा है। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार मुम्बई के फिल्मसिटी स्टूडियो को टक्कर देने के लिए खूब पैसा देने के लिए तैयार है। दूसरी तरफ मुम्बई के फिल्म स्टूडियो की हालत खस्ता है, प्राइवेट में देने की बात चल रही है, पर्याटकों के लिए टिकट लगाकर पैसा उगाहने का काम चल रहा है। बिहार की नीतीश सरकार पटना में फिल्म स्टूडियो बनाने की प्लानिंग रखती है तो सांसद रवि किशन गोरखपुर में और भोजपुरी के सुपर स्टार निरहुआ आजमगढ़ में भोजपुरी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए स्टूडियो बनाने की बात कह चुके हैं। उत्तराखंड और पांजाब में वहां के नए मुख्यमंत्री पद सम्भालने से पहले फिल्म स्टूडियो देने की बात कह चुके हैं ताकि उन प्रदेशो के कलाकार बॉलीवुड के मोह से मुक्त होकर मुम्बई जाना बंद करें। तापतर्य यह कि बॉलीवुड तोड़ने की कोशिश चौतरफा से है। अगर सचमुच ऐसा हुआ तो क्या होगा? सोचिए सितारे जो बात बात में मुहूर्त और टोटके में रहने की जिंदगी जीते हैं वे क्या अपने पसंदीदा बॉलीवुड को टूटने से बचाने के लिए कुछ करना चाहेंगे? सपनो की नगरी बॉलीवुड में जीने की आकांक्षा रखनेवाले सितारों का घर उनके लिए मंदिर है।अभी अटैक साउथ की फिल्मों से हुआ है। अगला आक्रमण करने के लिए मराठी में बनरही खूबसूरत ओटीटी की फिल्में हैं...फिर भोजपुरी, पंजाबी और गुजराती में बनने वाली फिल्में यहां से पलायन करेंगी, फिर... फिर... और, एक समय आएगा जब कहा जाएगा- एक था बॉलीवुड! क्या मुम्बइया सितारों और फिल्मकारों के पास अपने चहेते बॉलीवुड को बचाने का कोई कारगर उपाय है, है कोई टोटका उनके पास? #bollywood हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article