बाॅलीवुडः किन भाई बहन ने किया खानदान का नाम रोशन

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By Mayapuri Desk
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बाॅलीवुडः किन भाई बहन ने किया खानदान का नाम रोशन

हर इंसान के हाथ की सभी पांचो उंगलियां एक समान नहीं होती। इसी तरह एक ही माता पिता की सभी संतानें एक ही क्षेत्र मंे काम करें और एक समान सफलता हासिल करें, यह भी आवष्यक नही। यहां तक कि जुड़वा भाई अथवा जुड़वा भाई बहनों में भी काफी असमानताएं नजर आती हैं। ऐसे में बॉलीवुड से जुड़े भाई या भाई बहन भी एक ही स्तर की सफलता दर्ज कराए, ऐसा नही सोचना चाहिए.बॉलीवुड या यॅंू कहें कि अभिनय जगत तो पूरी तरह से कला का माध्यम है। कला या अभिनय सीखा नही जा सकता। बल्कि इसका कीड़ा तो इंसान के अंदर ईष्वर प्रदत्त होना चाहिए। इतना ही नही अभिनय जगत में कामयाबी के लिए कई चीजें मायने रखती हैं। इनमें सबसे पहले इंसान के अंदर अभिनय प्रतिभा को होना है। उसके बाद उसकी अपनी किस्मत,उसका व्यवहार, उसका व्यक्तित्व, धैर्य, विनम्रता, सदा जमीन से जुड़े रहना वगैरह। बॉलीवुड के कई लोगांे ने अपने खानदान का नाम पहली ही फिल्म से रोषन किया, मगर फिर वह सफलता के मद में इस कदर चूर हुए कि जल्द ही वह गुमनामी में खो गए।

बॉलीवुड में कार्यरत सभी भाईयांे या भाई बहनों पर यदि नजर दौड़ाई जाए, तो समझ मंे आता है कि हर घर में किसी एक को ही अपार सफलता मिली है, बाकी संघर्ष ही कर रहे हैं। फिर चाहे वह सलमान खान, अरबाज खान व सोहेल खान हो, आमीर खान व फैसल खान हों, वीर दास व तृषा दास, षिल्पा षेट्टी- षमिता षेट्टी, बोनी कपूर -अनिल कपूर व संजय कपूर, एकता कपूर व तुषार कपूर, रंजीत कपूर -अन्नू कपूर व सीमा कपूर, रिया कपूर-सोनम कपूर व हर्षवर्धन कपूर, करिष्मा कपूर-करीना कपूर खान व रणबीर कपूर,फरहान अख्तर व जोया अख्तर, पलक मुछाल व पलाष मुछाल, रणधीर कपूर -रिषि कपूर व राजीव कपूर, सनी देओल- बाॅबी देओल-अभय देओल व ईषा देओल आदि। इन सभी भाईयो या भाई बहन ने अपने परिवार,खानदान का नाम रोषन करने में कोई कसर नही छोड़ी। मगर हर किसी को एक समान सफलता नही मिली।

एकता कपूर -तुषार कपूर

मषहूर अभिनेता जीतेंद्र की बेटी एकता कपूर और बेटे तुषार कपूर में से एकता कपूर ने फिल्म व टीवी सीरियल निर्माता के तौर पर सफलता का परचम लहराया है, तो वहीं तुषार कपूर पूरी तरह से असफल अभिनेता हैं।

एकता कपूरः

आज की तारीख में एकता कपूर ‘बालाजी टेलीफिल्मस,‘बालाजी मोषन पिक्चर्स’और ‘आल्ट बालाजी’ की मालकिन हैं।उनका ‘आल्ट बालाजी’ नाम से ओटीटी प्लेटफार्म भी है। सत्रह वर्ष की उम्र में अपने पिता जीतेंद्र से पैसे लेकर टीवी सीरियल का निर्माण करना षुरू किया। षुरूआत के दो वर्ष में एकता कपूर ने काफी नुकसान किया।उनके सीरियल सफल नही हो रहे थे।सबसे पहले हास्य सीरियल ‘हम पंाच’ को सफलता मिली थी। उसके बाद ‘इतिहास’,‘कन्यादान’, ‘कविता’व ‘कष्ती’ जैसे उनके कुछ सीरियल घिसटते रहे। लेकिन  2000 में ‘स्टार प्लस’ के साथ ही एकता कपूर ने भी सफलता की राह पकड़ ली। ‘क्योकि सास भी कभी बहू थी’,‘कहानी घर घर की’,‘कसौटी जिंदगी की’,कोषिष एक आषा’ जैसे सीरियल सफल होते गए और एकता कपूर देखते ही देखते ‘टीवी क्वीन’ कहलायी जाने लगी।अब तक वह तकरीबन डेढ़ सौ सीरियल बना चुकी हैं। हर सेटेलाइट चैनल एकता कपूर के ही पीछे भागता है। सिर्फ टीवी सीरियल ही नही एकता कपूर ने अब तक लगभग पैंतिस से अधिक फिल्में बनायी। जिनमें से ज्यादातर सफल रहीं। इतना ही नही एकता कपूर ने 2017 से वेब सीरीज बनानी षुरू की और अब तक तीस से अधिक वेब सीरीज बनायी हैं।वह अब तक कई पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं। 2020 में उन्हे पद्मश्री से नवाजा गया।

तुषार कपूरः

वहीं एकता कपूर के छोटे भाई तुषार कपूर ने 2001 में करीना कपूर के साथ सफलतम फिल्म ‘‘मुझे कुछ कहना है’’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था। उसके बाद वह हर वर्ष तीन चार फिल्में करते रहे। तुषार कपूर ने कई मल्टीस्टारर फिल्में भी की। तुषार कपूर को सफल कलाकार बनाने के लिए एकता कपूर ने भी कुछ फिल्मों का निर्माण किया। 2019 में सीरियल ‘बू सबकी फटेगी’ में भी अभिनय कर लिया। मगर बतौर अभिनेता तुषार कपूर की कोई पहचान न बन सकी। उनके अंदर अभिनय प्रतिभा है.उन्होने कुछ बेहतरीन किरदार भी निभाए।पर तकदीर ने कभी भी उनका साथ नही दिया।

बाॅलीवुडः किन भाई बहन ने किया खानदान का नाम रोशन

सैफ अली खान-सोहा अली खान

अपने समय की मषहूर अदाकारा षर्मिला टैगोर के बेटे सैफ अली खान और बेटी सोहा अली खान दोनों अभिनय से जुड़े हुए हैं।मगर अभिनय जगत में सैफ अली खान जैसी सफलता सोहा अली खान को नसीब न हो सकी।

सैफ अली खानः

सैफ अली खान ने 1993 में यष चोपड़ा की फिल्म ‘‘परंपरा’’ से अभिनय कैरियर की षुरूआत की थी, पर उन्हे कलाकार के तौर पर पहचान मिली 1994 की रोमांटिक फिल्म ‘‘ये दिल्लगी’’ और एक्षन फिल्म‘ ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’’ से। उसके बाद उनका कैरियर निरंतर पतन की ओर ही रहा। मगर 1999 में प्रदर्षित फिल्म‘‘हम साथ साथ हैं’’ ने उन्हें पुनः सफलता का स्वाद चखा दिया। 1993 से 2000 तक उनके कैरियर में काफी संघर्ष रहा। लेकिन फिर कुछ असफलताओं के बावजूद वह सफलता की ओर बढ़ते रहे।पर उसके बाद सैफ अली ने ‘दिल चाहता है’,‘ कल हो ना हो’ सफल हुई।2004 में प्रदर्षित सफल फिल्म ‘‘हम तुम’’ ने उन्हे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्ीय पुरस्कार भी दिला दिया। 2005 में ‘परिणीता’ और ‘‘सलाम नमस्ते’’ ने उन्हें स्थापित कलाकार की श्रेणी में पहुॅचा दिया। उसके बाद ‘एक हसीना थी’, ‘ओमकारा’,‘रेस’,‘लव आज कल’,‘ काकटेल’,‘कालाकांडी’,‘आरक्षण’,‘बुलेट राजा’‘तान्हाजीः द अनसंग हीरो’सहित कई फिल्में कीं।और अपनी एक अलग पहचान बनायी। ओटीटी प्लेटफाॅर्म आने के बाद सैफ अली ने ‘सेकेंड गेम्स’और ‘‘तांडव’’ जैसी वेब सीरीज में अभिनय कर अपने अभिनय के नए आयाम पेष किए।राष्ट्ीय व फिल्मफेअर सहित कई् पुरस्कारों से उन्हे नवाजा जा चुका है। 2010 में उन्हे पद्मश्री से भी नवाजा गया।

सैफ अली ने दिनेष वीजन के साथ मिलकर ‘लव आज कल’, ‘एजेंट विनोद’,‘काॅकटेल’,‘गो गोवा गाॅन’,‘लेकर हम दीवाना दिल’,‘हैप्पी एंडिंग’और ‘जवानी दीवानी’ का निर्माण भी किया।

सैफ अली इन दिनों ‘‘भूत पोलिस’’, ‘‘बंटी और बबली 2’’ तथा  ‘‘आदि पुरूष’’ फिल्मों में अभिनय कर रहे है।

सोहा अली खानः

सैफ अली खान की छोटी बहन सोहा अली खान अच्छी अदाकारा हैं, मगर वह अपने भाई की तरह सफलता दर्ज कराने में सफल न हो सकीं। यॅूं तो सोहा अली खान ने 2004 में बंगला फिल्म ‘‘इति श्रीकांता’ और हिंदी फिल्म ‘दिल मांगे मोर’ से अभिनय जगत में कदम रखा था,पर बात जमी नही थी। 2006 में राकेष ओम प्रकाष मेहरा की सफलतम फिल्म ‘‘रंग दे बसंती’’ से सोहा अली खान भी कलाकार के तौर पर चर्चा में आयी थीं। फिर 2018 में ‘साहेब बीबी गैंगस्टर’ तक तीस से अधिक फिल्में की। पर उन्हे किसी भी तरह का स्टारडम न मिल सका। 2015 में सोहा अली ने अभिनेता कुणाल ख्ेामू संग षादी कर ली। 2018 से अभिनय जगत से दूरी बना ली।

करिश्मा कपूर करीना कपूर और चचेरे भाई रणब्ीर कपूरः

पृथ्वीराज कपूर खानदान की चैथी पीढ़ी के करिष्मा कपूर,करीना कपूर और रणबीर कपूर इन दिनों बौलीवुड में सक्रिय हैं।

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करिष्मा कपूरः

बतौर अभिनेत्री करिष्मा कपूर ने अभिनय जगत में जमकर झंडे गाड़े,फिर 2003 में संजय कपूर से विवाह कर अभिनय से दूर हो गयी थी। लेकिन 2017 में तलाक हो गया। करिष्मा कपूर ने 1991 में फिल्म ‘प्रेम कैदी’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था।लगभग सौ फिल्मों में अभिनय करने के अलावा राष्ट्रीय व फिल्मफेअर सहित कई अवार्ड अपनी झोली में किए।करिष्मा कपूर ने ज्यादातर सफल फिल्मो में ही अभिनय किया।उनके अंदर अभिनय क्षमता कूट कूट कर भरी हुई हैं,यह बात उन्होंने हर बार साबित की। पति के तलाक होने के बाद वह फिल्म ‘‘जीरो’’ में नजर आयी थी।वह हमेषा खुद को सूर्खियों में बनाए रखती हंै।

करीना कपूरः

करिष्मा कपूर की छोटी बहन करीना कपूर ने 2000 में फिल्म ‘‘रिफयूजी’’ से अभिनय जगत में कदम रखा था।‘मुझे कुछ कहना है’, ‘यादें’,‘चमेली’,‘युवा’,‘फिदा’,‘जब वी मेट’,‘उड़ता पंजाब’,‘वीरे दी वेडिंग’व अंग्रेजी मीडियम सहित 75 फिल्में कर चुकी हैं।इन दिनों आमीर खान के साथ फिल्म‘‘लाल सिंह चड्ढा’कर रही है।करीना कपूर ने 2012 में सैफ अली संग विवाह रचाया।पर वह लगातार काम कर रही हैं।उनके स्टारडम में कोई फर्क नहीं आया। उन्हे छह फिल्मफेअर अवाॅर्ड सहित कई अवाॅर्ड मिल चुके हैं।

रणबीर कपूरः

करिष्मा कपूर और करीना कपूर के चचेरे भाई तथा रिषि कपूर के बेटे रणबीर कपूर इन दोनों के मुकाबले कई गुणा ज्यादा  उत्कृष्ट कलाकार होने के बावजूद तकदीर के मारे हुए हंै। रणबीर कपूर ने 2007 में संजय लीला भ्ंासाली निर्देषित फिल्म ‘‘सांवरिया’’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। उन्हे छह फिल्मफेअर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं। ‘बचना ए हसीनों’ ,‘राॅकेट सिंह’,‘बर्फी’,‘यह जवानी है दीवानी’, ‘तमाषा’ सहित कई फिल्मों मंे रणबीर कपूर ने अपने अभिनय के नए नए आयाम विखेरे। सभी मानते है कि वह एक अति उत्कृष्ट कलाकार हैं,मगर अफसोस वह अपने अभिनय की बजाय अपनी निजी जिंदगी’के रिष्तों को लेकर ही सूर्खियों में रहते है।उनकी एक फिल्म‘ब्रम्हास्त्र’पिछले तीन वर्षों से बन रही है।यदि यह कहा जाए कि रणबीर कपूर ने अपने अभिनय कैरियर की बजाय निजी जीवन के रोमांस में ज्यादा लिप्त रहे,जिसके चलते आज उन्हे जिस मुकाम पर होना चाहिए था,वहां तक नही पहुंॅच पाए।

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आमिर खान व फैसल खान तथा चचेरे भाई मंसूर खानःतीनों में जबरदस्त अंतर

मषहूर फिल्म निर्माता ताहिर हुसेन के दोनों बेटे आमीर खान व फैसल खान बॉलीवुड मंे कार्यरत हैं.वहीं आमीर खान के चचेरे भाई यानी कि मषहूर निर्माता व निर्देषक नासिर हुसेन के बेटे मंसूर खान भी बॉलीवुड का हिस्सा थे.इन तीनों की किस्मत में इतना बड़ा अंतर है कि लोग कल्पना नही कर सकते.आमीर खान ‘कयामत से कयामत तक’’से लेकर अब तक निरंतर स्टारडम की उंचाईयों को छूते जा रहे हैं.आमीर खान जल्द ही फिल्म‘‘लालसिंह चड्ढा’में नजर आएंगे.जबकि आमीर खान के सगे भाई फैसल खान अपनी पहली फिल्म से ही संघर्ष करते आ रहे हैं.अब उन्होने एक फिल्म ‘‘फैक्टरी’का निर्देषन किया है.आमीर खान व फैसल खान के बीच कटुता ही कटुता है.वहीं फिल्म ‘‘कयामत से कयामत तक’’का निर्देषन कर सूर्खियो में आए आमीर खान के चचेरे भाई मंसूर अली खान पिछले 21 वर्षों से  बॉलीवुड से दूर कन्नूर में अपनी अलग जिंदगी जी रहे हैं.जबकि उससे पहले उन्होने ‘कयामत से कयामत तक’,‘जो जीता वही सिकंदर’,‘अकेले हम अकेले तुम‘और ‘जोष’जैसी सफलतम फिल्मों का निर्देषन किया था.मगर वर्तमान पीढ़ी मंसूर खान को नही जानती.वैसे आमीर खान भी कभी भी मंसूर खान का जिक्र नही करते.

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सलमान खान-अरबाज खान और सोहेल खानः तीनों भाईयों में अति बेहतरीन संबंध

आमीर खान के भाईयोें के विपरीत सलमान खान के तीनों भाईयों के बीच मध्ुार संबंध बॉलीवुड में हमेषा चर्चा में रहते हैं.सलमान खान व उनके भाईयो के बीच जिस तरह से  प्यार है,उसे लोग आदर्ष मानते हैं.यहां भी तीनो भाई अलग अलग मुकाम पर हैं.अभिनय जगत में सलमान खान का कोई सानी नही है.जबकि अरबाज खान फिल्म निर्माता के रूप में सफल हैं,जबकि वह भी अभिनय करते रहते हैं.वहंी सोहेल खान अपनी सफल ईवेंट कंपनी चलाने के साथ अभिनय व निर्देषन भी करते रहते हैं.

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फरहान अख्तर: जोया अख्तरः दोनों अपनी अपनी जगह सफल

मषहूर गीतकार जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर और बेटी जोया अख्तर दोनों ही बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं.फरहान अख्तर सिर्फ अभिनेता ही नही बल्कि पटकथा लेखक,फिल्म निर्माता,निर्देषक,गीतकार व पाष्र्वगायक हैं.जबकि जोया फिल्म निर्देषक हैं।दोनो अपने अपने इलाके के बादषाह है।लगभग हर कलाकार जोया अख्तर के निर्देषन में काम करने की इच्छा रखता है।

सनी देओल-बाॅबी देओल-अभय देओल और ईशा देओल: काफी .4.निराले समीकरणः सनी देओल जैसी सफलता व शोहरत किसी को भी नसीब नहीं

बॉलीवुड के मषहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल व बाॅबी देओल बतौर अभिनेता बॉलीवुड में कार्यरत हैं। धर्मेंद के भतीजा यानी के सनी देओल के चचेरे भाई अभय देओल भी सक्रिय हैं.वहीं सनी देओल की सौतेली बहन ईषा देओल ने भी अभिनय के क्षेत्र में धमाकेदार षुरूआत की थी।पर फिर उन्होने भरत तख्तियानी संग षादी कर अभिनय से दूरी बना ली थी।लेकिन अब वह पुनः अभिनय में वापसी कर चुकी हैं।लेकिन सनी देओल जैसी सफलता किसी को भी नसीब नही हुई।

वीर दास और तृषा दासः

मूलतः उत्तराखंड निवासी मषहूर काॅमेडियन वीर दास और मषहूर डाक्यूमेंट्ी फिल्मकार व लेखिका तृषा दास भाई बहन हंै।दोनो का कैरियर अपने अपने क्षेत्र में ठीक जा रहा है।

वीर दासः

1979 में देहरादून,उत्तराखंड में जन्में वीर दास अफ्रीका में रहने लगे थे।उनकी शिक्षा इंडियन लैंग्वेज स्कूल से हुई थी।नोक्स कॉलेज इल्लीनोज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद हारवर्ड विश्वविद्यालय में नौकरी करने लगे।पर वतन प्रेम उन्हे 2003 में भारत खींच लाया और 2007 में वीरदास ने ‘नमस्ते लंदन’व ‘मंुबई जलसा’से हास्य अभिनेता के तौर पर अभिनय की षुरूआत की थी।वीर दास की पहचान स्टेज पर कॉमेडी करने वाले हास्य कलाकार है।उन्होने सौ से अधिक स्टैंडअप काॅमेडी षो किए।35 नाटकों में अभिनय किया।2013 में ‘गो गोआ गाॅन’व 2014 में ‘शादी के साइड इफेक्ट’से उन्हे अच्छी पहचान मिली। फिर उन्होने सनी लियोन और तुषार कपूर संग ‘मस्तीजादे’जैसी एडल्ट फिल्म भी की।इन दिनों ‘षाबाष नायडू’ व ‘द बबल’जैसी फिल्में कर रहे है।2019 में ‘व्हिस्की कावालियर’ से उन्होने अमरीकन टीवी पर भी काम करना षुरू किया।ओटीटी प्लेटफार्म के लिए भी कई स्टैंडअप काॅमेडी के षो कर चुके हैं।पर उनकी पहचान एक खास दर्षकवर्ग तक ही सीमित है।

तृषा दासः

तृषा दास राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता वृत्तचित्र फिल्म निर्माता होने के साथ साथ लेखिका भी हैं।जिन्होंने अब तक भारत में 40 से अधिक वृत्तचित्र बनाए हैं।तो वहीं वह ‘महाभारत द रीइमेजिन’,‘कामास लास्टसूत्र’, ‘सुश्रीद्रौपदी कुरू’ और ‘मिस्टर्स कुरू’जैसी किताबें लिख चुकी हैं।

रिया कपूर-सोनम कपूर-हर्षवर्धन कपूरःरिया का संघर्ष जारी,सोनम कपूर को मिली सफलता,हर्षवर्धन पहचान बनाने के लिए संघर्षरत

मषहूर अभिनेता अनिल कपूर की दो बेटियां रिया कपूर और सोनम कपूर तथा एक बेटा हर्षवर्धन कपूर है।अनिल कपूर का अनुभव भी रिया कपूर व हर्ष वर्धन कपूर को सफलता की उंचाइयां प्रदान न कर सका। इसके लिए कुछ हद तक इनका एटीट्यूड भी जिम्म्मेदार है।मगर सोनम कपूर ने अभिनेत्री के तौर पर अपनी एक खास पहचान बनायी।

रिया कपूर ने पहली बार 2010 में फिल्म‘‘आएषा’’का निर्माण किया था,जिसे आपेक्षित सफलता नही मिली थी।फिर उन्होने फिल्म ‘खूबसूरत’और ‘वीरे दी वेडिंग’बनायी।

बहरहाल,अब रिया कपूर ने 12 अगस्त को करण बलूनी संग षादी कर ली।लेकिन रिया कपूर हमेषा चर्चा में बनी रही।

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सोनम कपूरः

अभिनेत्री व फैषनिस्टा सोनम कपूर ने 2007 में रणबीर कपूर के ही साथ संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘‘सांवरिया’’से अभिनय कैरियर की षुरूआत की थी।‘सांवरिया’ने बाक्स आफिस पर पानी नही मांगा था।उसके बाद उनका अभिनय कैरियर काफी हिचकोले लेते हुए बढ़ता रहा है। जबकि वह काफी विनम्र स्वभाव की है।सोनम कपूर के अंदर घमंड या एटीट्यूट नही है। उन्होने ‘दिल्ली 6’,‘भाग मिल्खा भाग’, ‘नीरजा’, ‘रांझणा’,‘‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘पैडमैन’,‘वीरे दी वेडिंग’, ‘संजू’जैसी कुछ बेहतरीन फिल्मों में अपने अभिनय के अलग अलग रंग दिखाते हुए षोहरत बटोरती रही हंै।2018 में उन्होने आनंद आहुजा संग विवाह कर लिया।इन दिनों ‘ब्लाइंड’ नामक फिल्म कर रही हैं। फिल्म‘नीरजा’के लिए उन्हें स्पेषल मेंषन का राष्ट्ीय पुरस्कार भी मिला। वैसे फिल्मफेअर सहित तकरीबन पचास पुरस्कार उनकी झोली में हैं।सोनम ने अपने नाम का रोषन ही किया है।

हर्षवर्धन कपूरः

हर्षवर्धन कपूर ने 2016 में फिल्म सर्जक राकेष ओमप्रकाष मेहरा की फिल्म ‘‘मिर्जया’’से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था।पर इस फिल्म को बाक्स आफिस पर सफलता नही मिल सकी थी।इस बात का अहसास फिल्म के प्रदर्षन से पहले ही हो गया था।पहली मुलाकात मे मैने पाया था कि हर्षवर्धन कपूर के अंदर घमंड व भयंकर एटीट्यूड है,जबकि कलाकार के अंदर विनम्रता होनी चाहिए।खैर,‘मिर्जिया’के बाद 2018 ‘भावेष जोषी सुपर हीरो’की,जो कि असफल रही इसके बाद नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज ‘रे’ की कहानी स्पाॅटलाइट की और इस सीरीज में वही सर्वाधिक कमजोर कड़ी रहे। सच तो यही है कि अब तक उनका काम देखकर इस बात का अहसास नही होता कि उनके अंदर अभिनय प्रतिभा है। बॉलीवुड में सफलता पाने के साथ ही अपने खानदान का नाम रोषन करने के लिए हर्षवर्धन को अभी कड़ी मेहनत करने के साथ ही अपने स्वभाव में बदलाव लाने की जरुरत है।यदि हर्षवर्धन अपने पिता अनिल कपूर से कुछ सीख सके,तो बेहतर होगा।अनिल कपूर बेहतरीन इंसान होने के साथ ही बेहतरीन कलाकार भी हैं।

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पूजा भट्ट- आलिया भट्ट- राहुल भट्ट

मषहूर फिल्मकार महेष भट्ट की बेटियांे पूजा भट्ट व आलिया भट्ट के अलावा बेटा राहुल भट्ट भी बॉलीवुड का हिस्सा है।पूजा भट्ट ने कभी अच्छी पहचान बनायी थी,पर फिर उनका कैरियर चैपट हो गया था।पर अब कभी कभार नजर आ जाती हैं।आलिया भट्ट ने अपने अभिनय से सभी को मोहित कर रखा है।अभिनय के क्षेत्र में असफल होने के बाद राहुल भट्ट फिटनेस ट्ेनर के क्षेत्र में कार्यरत हंै।

पूजा भट्टः

पूजा भट्ट ने 1989 में सत्रह वर्ष की उम्र में अपने पिता महेष भट्ट के निर्देषन में फिल्म‘‘डैडी’से कैरियर की षुरूआत की थी।इस फिल्म में पूजा भट्ट ने अपने षराबी पिता के साथ एक अलग रिष्ते में रहते हुए अपनी स्व खोज करने वाली किषोरवय लड़की का किरदार निभाया था,यह फिल्म सिर्फ टीवी पर प्रसारित हुई थी।पूजा भट्ट को बतौर अभिनेत्री  पहचान मिली 1991 में प्रदर्षित सफल फिल्म‘‘दिल है कि मानता नहीं’’से।यह फिल्म आॅस्कर विेजा हालीवुउ फिल्म‘इट हैपेन्ड इन वन नाइट’का रीमेक थी।फिर पूजा  भट्ट ने ‘प्र्रेम दीवाने’, ‘सड़क’, तमन्ना, बार्डर,जख्म जैसी फिल्में की। पूजा भट्ट के कैरियर की खासियत यह है कि उनकी अभिनय प्रतिभा उन फिल्मों में ही निखर कर आयी,जिनका निर्देषन उनके पिता महेष भट्ट ने किया था।2001 में फिल्म ‘‘एवरीबडी से आई एम फाइन’की असफलता के बाद उन्होेने अभिनय से दूरी बना ली थी और 2003 मंे मनीष मखीजा संग विवाह कर लिया था,जो कि अब टूट चुका है।2020 में उन्होने पुनः अपने पिता महेष भट्ट के निर्देषन में ‘सड़क 2’में नजर आयी,जिसे बहुत खराब फिल्म माना गया।पूजा भट्ट का कैरियर साधारण ही रहा।

आलिया भट्टः

पूजा भट्ट की छोटी बहन आलिया भट्ट ने अभिनय जगत में हंगामा बरपा रखा है।वह फिल्म दर फिल्म अपने अभिनय के नित नए आयाम पेष करती जा रही हंै।यॅूं तो  आलिया भट्ट ने छह वर्ष की उम्र में 1999 में फिल्म‘‘संघर्ष’में बाल कलाकार के रूप में अभिनय किया था।पर असल में उनके कैरियर की षुरूआत 2012 में करण जोहर की फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर’’से हुई थी। पहली फिल्म से ही आलिया भट्ट ने जता दिया था कि अभिनय जगत में वह नए नए कारनामें करने वाली हैं। फिर वह ‘हाई वे’,‘टू स्टेट्स’,‘हम्प्टी षर्मा की दुल्हनिया’,‘कपूर एंड संस’, ‘उड़ता पंजाब’,‘डिअर जिंदगी’, ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’,‘राजी’,‘गली ब्वाॅय’जैसी सफलतम फिल्में की।हर फिल्म में उन्होने चुनौतीपूर्ण किरदार निभाते हुए जबरदस्त षोहरत बटोरी।इन दिनों वह ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’,‘आर आर आर’, ‘ब्रम्हास्त्र’, ‘डार्लिंग’ और ‘राॅकी और रानी की प्रेम कहानी’जैसी फिल्में कर रही है।आलिया भट्ट को जो सफलता नसीब हुई है,उसमें उनका विनम्र व हंसमुख स्वभाव,लगन,काम के प्रति संजीदगी और उनकी कड़ी मेहनत का समावेष है।आलिया भट्ट जैसी अदाकारा पर उनके खानदान को तो गर्व करना ही चाहिए।

राहुल भट्टः

पूजा भट्ट के भाई राहुल भट्ट ने कुछ फिल्मों के अलावा टीवी सीरियल ‘द्रौपदी’ में अभिनय करने के अलावा ‘बिग बाॅस 4’में काॅंटेंस्टेंट बनकर आए,पर उन्हें सफलता नही मिली।इसके लिए उनकी तकदीर के साथ उनका एटीट्यूड भी दोषी है।अंततः राहुल भट्ट ने अभिनय को अलविदा कह कर फिटनेस ट्ेनर बन गए।

शिल्पा शेट्टी- शमिता शेट्टी

षिल्पा षेट्टी ने 1993 में फिल्म ‘‘बाजीगर’’से अबभिनय के क्षेत्र मे कदम रखा था।तब से 2010 में फिल्म ‘द डिजायर’तक हिंदी,तेलगू व कन्नड़ की 50 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बनायी।2009 में राज कंुद्रा के साथ विवाह करने के बाद वह अभिनय से दूर हो गयी थीं।उसके बाद वह अपने यूट्यूब चैनल के लिए योगा के वीडियो बनाने के अलावा टीवी के रियालिटी षो में जज बनकर आने लगी।14 वर्ष बाद फिल्म ‘‘हंगामा 2’’से वापसी की थी,पर इस फिल्म को सफलता नसीब नही हुई।

अपनी बहन षिल्पा षेट्टी के पदचिन्हों पर चलते हुए फिल्म‘मोहब्बतें’’से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था,मगर उनकी किस्मत ने उनका साथ नही दिया और उन्हे सफलता नसीब नही हुई ।जबकि उन्होने 2000 से 2008 तक लगातार काम किया।फिर वह इंटीरियर डिजायनर के रूप में काम करने लगीं,पर वहां भी उन्हे खास सफलता नसीब नही हुई।अभी वह ओटीटी पर ‘द टेनेंट’ और ‘ब्लैक विडो’में नजर आयी।

बोनी कपूर -अनिल कपूर व संजय कपूर

बोनी कपूर सफल निर्माता और अनिल कपूर सफल अभिनेता हैं।पर संजय कपूर का संघर्ष खत्म होने का नाम नही ले रहा है।

अक्षय खन्ना -राहुल खन्नाः

मषहूर अभिनेता व सांसद स्व. विनोद खन्ना के बेटे अक्षय खन्ना  और राहुल खन्ना बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं।अक्षय खन्ना ने ‘हिमालय पुत्र’से लेकर ‘बार्डर,‘डोली सजा के रखना’,‘दिल चाहता है’,‘हमराज’से लेकर‘माॅम’ व ‘हंगामा 2’तक कई फिल्में कऔर हर फिल्म में उन्होने अपने अभिनय से लोगों को अपना कायल बना लिया।अक्षय खन्ना के छोटे भाई राहुल खन्ना लेखक,वीजे, अभिनेता सहित कई तरह के कार्य कर रहे हैं।पर उनकी कोई ठोस पहचान नही बन पायी है।

पलक मुछाल-पलाश मुछालः

पलक मुछाल सफलतम बॉलीवुड गायिका व समाज सेवक हैं।जबकि उनका भाई पलाष मुछाल चर्चित संगीतकार है।

अन्नू कपूर व सीमा कपूरः

बहुमुखी प्रतिभा के धनी अन्नू कपूर 1986 से लगातार फिल्म,टीवी सीरियल आदि में अभिनय करते आ रहे है। वह टीवी कायक्रम संचालक व रेडियो पर कार्यक्रम भी पेष करते रहते हैं।बॉलीवुड में उनकी अपनी एक अलग पहचान है।उनकी बहन सीमा कपूर भी 1971 से 1986 तक फिल्मों में अभिनय करती रही।फिर उन्होने ‘सपना बाबुल का विदाई’ और ‘एक हजारों में मेरी बहना’जैसे कुछ सीरियल भी किए।बीच में उन्होने  निर्देषन में भी कदम रखा।मगर उनकी अपनी कोई ठोस पहचान कभी नही रही।

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