ज़ी बॉलीवुड के साथ मनाइए क्लासिक मूवी ‘नदिया के पार’ के 40 गौरवशाली वर्षों का जश्न By Mayapuri 29 Dec 2021 in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर जी बॉलीवुड करेगा ‘नदिया के पार’ का स्पेशल शोकेस, 1 जनवरी को दोपहर 1:30 बजे 'कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया ...' जहां हम साल 2022 की दहलीज़ पर आकर 80 के दशक की यह मधुर धुन गुनगुना रहे हैं, वही ज़ी बॉलीवुड फिल्म 'नदिया के पार' के विशेष प्रसारण के साथ इस फिल्म के 40 गौरवशाली वर्षों का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है। बड़जात्या बैनर ने बड़े पर्दे पर अलग-अलग दौर को परिभाषित करने वालीं कुछ यादगार फिल्में पेश की हैं। ताराचंद बड़जात्या के निर्माण और गोविंद मूनिस के निर्देशन में बनी फिल्म 'नदिया के पार' ऐसी ही एक फिल्म है। इस फिल्म ने सारे रिकॉर्ड्स धराशायी कर दिए थे और जल्द ही यह फिल्म पूरे देश में चर्चित हो गई थी। तो इस नए साल में आइए उतर जाते हैं 101% शुद्ध पुरानी यादों के उस दौर में, जहां ज़ी बॉलीवुड 1 जनवरी को दोपहर 1:30 बजे मना रहा है नदिया के पार के 40 गौरवशाली वर्षों का जश्न! सचिन पिलगांवकर, साधना सिंह, शीला डेविड, लीला मिश्रा, इंदर ठाकुर जैसे इंडस्ट्री के टैलेंटेड चेहरों के साथ-साथ रविंद्र जैन के दिलकश संगीत ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। यह कहानी रोमांस और पारिवारिक मनोरंजन का ताजा झोंका लेकर आई थी। इस फिल्म में ग्रामीण भारत की बेदाग छवि दिखाई गई थी और आज भी नदिया के पार हर दौर की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्मों में शामिल है। उन सदाबहार दिनों की यादें ताजा करते हुए सचिन पिलगांवकर ने कहा, 'यह जानकर बहुत अच्छा लग रहा है कि 'नदिया के पार' अपनी 40वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। ग्रामीण परिवारों के दिल छू लेने चित्रण, दो लोगों के सादगी भरे प्यार और सारे देश को अपनी धुन से सराबोर कर देने वाले संगीत के साथ यह फिल्म मेरे करियर में मील का पत्थर बन गई। यह फिल्म 80 के दशक के शुरुआती वर्षों की मासूमियत और सादगी को बखूबी दर्शाती है। मेरे लिए ‘नदिया के पार’ को याद करना, टाइम मशीन में बैठकर तुरंत उन खुशगवार दिनों में लौटने जैसा है।' इस मौके पर सूरज बड़जात्या ने कहा, 'कुछ फिल्में किसी दौर को इस तरह से दिखाती हैं कि दशकों बाद भी जब आप इसे दोबारा देखते हैं तो आप तुरंत उस समय में लौट जाते हैं। नदिया के पार मेरे लिए ऐसी ही फिल्म है। यह दो प्यार करने वाले लोगों और उनके परिवारों की एक सादगी भरी, लेकिन दिल छू लेने वाली कहानी है, जिसमें ड्रामा में हर संभव भावनाएं पिरोई गईं और जब भी आप इसे देखते हैं, आपकी वो सुनहरी यादें ताजा हो जाती हैं। यह फिल्म मेरे लिए एक पारिवारिक विरासत की तरह है और नदिया के पार के 40 वर्षों को सेलिब्रेट करना मेरे लिए एक खास उत्सव है। इसके अलावा राजश्री में मेरे सीनियर्स, डायरेक्टर गोविंद मूनिस, म्यूज़िक डायरेक्टर रविंद्र जैन जी, सचिन जी, साधना सिंह जी और पूरी टीम को भी बधाई, जिन्होंने इस फिल्म में अपना दिल और अपनी आत्मा लगा दी थी। मैं नए साल की शुरुआत करने के लिए ज़ी बॉलीवुड पर नदिया के पार के 40 सालों के सेलिब्रेशन से बेहतर कुछ और नहीं सोच सकता था।' प्यार, त्याग और मासूमियत से सराबोर फिल्म ‘नदिया के पार’ एक यादगार फैमिली ड्रामा है। जब गुंजा की बहन की शादी चंदन के भाई से होती है, तो इन दोनों के बीच भी प्यार हो जाता है। एक दूसरे के प्रति अपने इस नए-नए एहसास के चलते चंदन और गुंजा एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का सपना देखने लगते हैं। लेकिन उनकी खुशियों को उस वक्त नजर लग जाती है, जब गुंजा की बहन की अचानक मौत हो जाती है। अपने प्यार को कुर्बान करते हुए गुंजा अपनी बहन के परिवार की जिम्मेदारी उठाने का फैसला करती है, लेकिन वो कहते हैं ना, प्यार तो हमेशा अपना रास्ता खोज ही लेता है। तो आप भी नदिया के पार के 40 वर्षों के इस जश्न में शामिल हो जाइए, 1 जनवरी को दोपहर 1:30 बजे, ज़ी बॉलीवुड पर। #Nadiya ke Paar with Zee Bollywood #Nadiya ke Paar #Nadiya ke Paar 40 glorious years हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article