ज़ी क्लासिक की स्पेशल प्रॉपर्टी 'बेमिसाल गुरुदत्त' के साथ मनाया जा रहा है हिंदी सिनेमा के गुरु यानी गुरुदत्त का जश्न

author-image
By Mayapuri
New Update
Celebrating the Guru of Hindi cinema “Guru Dutt” with Zee Classic’s special property “Bemisaal Guru Dutt”

"ज़िंदगी की असली खुशी दूसरों को खुश रखकर हासिल की जाती है." गुरुदत्त की क्लासिक दुनिया में ज़िंदगी का यही फलसफा था, जिसने 50, 60 और आने वाले कई दशकों तक भारतीय सिनेमा की दिशा तय की. इस साल जहां हम इस लेजेंडरी फिल्ममेकर के 97 वर्षों का जश्न मना रहे हैं, वहीं ज़ी क्लासिक आपको हर शनिवार गुरुदत्त की कुछ चुनिंदा हिट फिल्मों के साथ उनकी सिनेमाई दुनिया में ले जाने के लिए तैयार है. यह क्रांतिकारी फिल्मकार शैडो और लाइट के साथ अपने क्रिएटिव प्ले के लिए जाने जाते थे और पर्दे पर तरह-तरह की भावनाएं प्रस्तुत करते थे, जो उनकी मृत्यु के दशकों बाद आज भी दर्शकों में दिलचस्पी जगाते हैं. इस हफ्ते से आपके शनिवार का निर्देशन कोई और नहीं बल्कि विशनरी डायरेक्टर गुरुदत्त करने जा रहे हैं क्योंकि ज़ी क्लासिक 30 जुलाई से 17 सितंबर तक हर शनिवार रात 10 बजे उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों का प्रीमियर कर रहा है. 

"अगर शतरंज की बाज़ी जीतनी हो तो बस दिमाग से नहीं, एक दिमाग से खेलना चाहिए." यह यादगार डायलॉग भारत की पहली अपराध-आधारित यादगार फिल्म 'बाज़ी' का है, जिसे गुरुदत्त ने प्रस्तुत किया था. 30 जुलाई को रात 10 बजे फिल्म बाज़ी के प्रसारण के साथ पुरानी यादों के रोमांच को फिर से जीने के लिए तैयार हो जाइए. इसके बाद एक ऐसी फिल्म है, जिसने मुंबईकरों को उनका अल्टीमेट एंथम 'ये है बॉम्बे मेरी जान' दिया. 6 अगस्त को रात 10 बजे फिल्म 'सीआईडी' में देखिए देवानंद और वहीदा रहमान का शानदार आकर्षण. 13 अगस्त को रात 10 बजे फिल्म 'आर पार' में 'बाबूजी धीरे चलना' जैसे यादगार गाने के साथ अपने दिल के तारों को छेड़ने के लिए तैयार हो जाइए!

भारतीय दर्शकों को एक भावनात्मक मोड़ के साथ हल्के-फुल्के हास्य से रूबरू कराने वाली फिल्म है 'मिस्टर एंड मिसेज़ 55' जिसमें गुरुदत्त और मधुबाला की शानदार केमिस्ट्री के साथ कॉमेडी को बड़े खास अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया. 20 अगस्त को रात 10 बजे इस फिल्म का प्रसारण होगा. कभी-कभी एक आलस भरे शनिवार में रोमांच भरने के लिए हमें सिर्फ ड्रामा चाहिए होता है. आगे 27 अगस्त को रात 10 बजे गुरुदत्त और वहीदा रहमान की फिल्म 'काग़ज़ के फूल' में ऐसा ही एक रोमांटिक ड्रामा होगा. 'चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो, जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो.' गुरुदत्त और वहीदा रहमान पर फिल्माए गए इस यादगार प्रेम गीत के साथ 3 सितंबर को रात 10 बजे देखिए फिल्म 'चौदहवीं का चांद'.

'ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है' और 'जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला' जैसे गानों ने एक कवि के अंदर उठे तूफान को एक बड़ी खूबसूरत कविता में पिरोया. गुरुदत्त की सिनेमैटिक मास्टरपीस 'प्यासा' ने खेल का रुख ही बदल दिया और देश में फिल्मों के एक नए दौर की शुरुआत की. 10 सितंबर को रात 10 बजे ज़ी क्लासिक यह ऑल-टाइम क्लासिक फिल्म दिखाने जा रहा है. 17 सितंबर को रात 10 बजे भावनाओं की कश्मकश में डूबी फिल्म 'साहिब, बीवी और गुलाम' के साथ गुरुदत्त फेस्टिवल का समापन होगा, जिसमें गुरुदत्त, वहीदा रहमान और मीना कुमारी ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं.

तो आप भी गुरुदत्त के इस सिनेमाई जादू का हिस्सा बनने के लिए ट्यून इन कीजिए ज़ी क्लासिक पर, 30 जुलाई से हर शनिवार रात 10 बजे.  

Latest Stories