Advertisment

चुनौतियां तो होंगी लेकिन चलते रहने से ही आपको मिलेंगे बेहतर नतीजे

author-image
By Mayapuri Desk
चुनौतियां तो होंगी लेकिन चलते रहने से ही आपको मिलेंगे बेहतर नतीजे
New Update

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो ‘कौन बनेगा करोड़पति 12’ आम आदमियों की दिल छू लेने वाली कहानियों से लाखों लोगों को प्रेरित कर रहा है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों से उभरते हुए या तो अपनी जिंदगियों में या दूसरों की मदद करते हुए सेटबैक को मुंहतोड़ जवाब दिया है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है हमारे अगले कर्मवीरों - श्री ज्ञानेंद्र पुरोहित और उनकी पत्नी श्रीमती मोनिका पुरोहित की। इंदौर के यह दंपति मूक बधिर बच्चों की मदद के लिए आनंद सर्विस सोसाइटी नाम की एक संस्था चलाते हैं।

चुनौतियां तो होंगी लेकिन चलते रहने से ही आपको मिलेंगे बेहतर नतीजे

इस संस्था की स्थापना 1997 में हुई, जिसका नाम श्री पुरोहित के भाई के नाम पर रखा गया, जो हमेशा विशेष जरूरतों वाले बच्चों की मदद करने की इच्छा रखते थे, खासतौर से उन बच्चों की, जो मूलभूत जरूरतों और शिक्षा के अभाव में दूसरों पर आश्रित रहते हैं। आनंद सर्विस सोसाइटी का उद्देश्य इन बच्चों को हर संभव तरीके से सामान्य जीवन देना है, ताकि वो रोजगार और अच्छी जिंदगी के साथ अपना सुरक्षित भविष्य बना सकें।

इस मौके पर श्री ज्ञानेंद्र पुरोहित ने सनी नाम के एक स्टूडेंट की कहानी बताई, जिससे वो एक बार मिले थे। उन्होंने बताया, “सनी सामान्य बच्चों की तरह पढ़ना चाहता था, इसलिए मैं उसे स्कूल ले गया ताकि वो सामान्य रूप से शिक्षा हासिल कर सके। मैंने इस आश्वासन के साथ उसकी सामान्य पढ़ाई पर जोर दिया कि मैं और मेरी पत्नी बारी-बारी से स्कूल आएंगे और टीचर जो भी बताती है, उसे वो सनी जैसे विशेष बच्चों को संकेत की भाषा (साइन लैंग्वेज) में अनुवाद करके समझाएंगे। इसके नतीजे इतने आश्चर्यजनक रहे कि सनी जैसे विद्यार्थियों ने क्लास में फर्स्ट रैंक हासिल की।”

इन कर्मवीरों की कहानी और उनके काम से प्रभावित होकर केबीसी 12 के मेगा होस्ट श्री अमिताभ बच्चन ने इस दंपति से इन बच्चों की मुश्किलों के बारे में जानना चाहा और यह भी पूछा कि ये बच्चे अपनी समस्याएं किस तरह बताते हैं।

चुनौतियां तो होंगी लेकिन चलते रहने से ही आपको मिलेंगे बेहतर नतीजे

श्रीमती मोनिका पुरोहित ने बताया, “कुछ बच्चों के साथ भयानक हादसे भी हुए हैं। यह जानकर हैरानी होती है कि ये बच्चे अपनी जिंदगी में इतने बुरे दौर से गुजर चुके हैं। लेकिन सच तो कड़वा होता है।” दोनों पति-पत्नी पूरी संवेदनशीलता के साथ इन बच्चों को इस मानसिक उथल-पुथल से बाहर निकलने और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करते हैं। उनकी तरकीबें अनोखी हैं और वो अधिकारियों को भी इस मामले में संवेदनशीलता के साथ समझाते हैं कि वो बच्चा क्या कहने की कोशिश कर रहा है।

श्री बच्चन ने राष्ट्र के निर्माण में इस दंपति के नेक योगदान की सराहना की और इन कर्मवीरों से कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान के अपने अनुभव बताने को कहा।

चुनौतियां तो होंगी लेकिन चलते रहने से ही आपको मिलेंगे बेहतर नतीजे

श्री ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कहा, “जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो हमने महसूस किया कि हमारे देश के 70 लाख लोग मूक-बधिर हैं। हमें इस बात की चिंता थी कि यह सूचना उन तक कैसे पहुंचेगी। हमने तुरंत एक यूट्यूब चैनल बनाया और सांकेतिक भाषा के वीडियोज़ के जरिए लॉकडाउन के बारे में जानकारी देने की कोशिश की ताकि यह देश के सभी लोगों तक पहुंच सके।”

चुनौतियां तो होंगी लेकिन चलते रहने से ही आपको मिलेंगे बेहतर नतीजे

लॉकडाउन के दौरान आनंद सर्विस सोसाइटी की ओर से भी सहायता की गई। ज्ञानेंद्र बताते हैं, “इन वीडियोज़ को देखने के बाद हमें गुरुग्राम के एक मूक-बधिर व्यक्ति से एक वीडियो कॉल आया। उन्होंने तीन दिनों से खाना नहीं खाया था और कोविड-19 की स्थिति के कारण उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया था। हम उन तक पहुंचे और उन्हें राशन उपलब्ध कराया।”

चुनौतियां तो होंगी लेकिन चलते रहने से ही आपको मिलेंगे बेहतर नतीजे

सिर्फ इतना ही नहीं! जब लॉकडाउन जारी रहा तो बहुत से लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने लगे। इस दंपति ने इन सभी प्रवासियों से सांकेतिक भाषा में वीडियोज़ भेजने को कहा, जिन्हें वे आगे कुछ सरकारी अधिकारियों तक पहुंचाते थे। मध्य प्रदेश के ऐसे ही कुछ मूक बधिर बच्चे गुरुग्राम में फंसे हुए थे। अधिकारियों को उनकी तकलीफों के बारे में बताया गया जिससे इन बच्चों को मध्यप्रदेश में अपने घर सुरक्षित लौटने में मदद मिली। इस सफलता को देखते हुए आनंद सोसाइटी को देश के 22 राज्यों से मूक बधिर व्यक्तियों के कॉल आए, जिन्हें इस लॉकडाउन के दौरान मदद की जरूरत थी।

श्रीमती मोनिका पुरोहित ने भी जरूरतमंदों की मदद करने के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, 'हमें काफी संघर्ष के बाद सफलता मिली, लेकिन हम इस पर डटे रहे और इससे हमें अनेक लोगों तक पहुंचने में मदद मिली। हमारी संस्था के बच्चे जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है, अब सरकारी नौकरियों में हैं, और वे उन लोगों के लिए प्रशिक्षक बन गए हैं जो सुन और बोल नहीं सकते।'

#कौन बनेगा करोड़पति 12 #kbc 12 #केबीसी
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe