कार्तिक आर्यन के लिए दिवाली का मतलब अब कुछ और हैं By Mayapuri 04 Nov 2021 in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर सुलेना मजुमदार अरोरा कार्तिक आर्यन अब पटाखें नहीं फोड़ते, दिवाली के उपलक्ष में। उन्होंने बताया कि जब से एहसास हुआ कि धन की कद्र करनी चाहिए, कितने सारे लोगों को दीए तक जलाने के लिए पैसे नहीं मिलते, तब से मैंने पटाखें फोड़ना बन्द कर दिया। सिर्फ यही नहीं एनवायरमेंट की फिक्र भी मुझे है। लेकिन लड़कपन में ये बातें कहाँ मन में होती थी? उन दिनों दिवाली मतलब शोर, धमाल, धमाके। दोस्तों की टोलियों के साथ एक दूसरे से होड़ लगाकर पठाके फोड़ते थे। दिवाली की सबसे आनन्ददायक बात होती थी स्कूल से छुट्टी। दोस्तों के साथ मौज मस्ती । मुझे याद है, दिवाली से कुछ दिन पहले मम्मी पापा हम बच्चों के लिए नएनए कपड़े खरीदने जाते थे। हम भी उनके साथ दुकान जाते थे औऱ मनपसंद पोशाक खरीदते थे। (अब उल्टा हो गया है, अब मैं पापा मम्मी, बहन के लिए गिफ्ट्स लेकर जाता हूँ), उन दिनों, पापा हमारे लिए ढेर सारा पठाके खरीद के देते थे लेकिन फिर भी हमारा जी नहीं भरता था। हम अपने पॉकेट मनी से एक्स्ट्रा पटाखें ख़रीददे थे। बचपन के दोस्तों के साथ हमारी हर दिवाली एक यादगार दिवाली होती थी। तब कोई डाइटिंग शाइटिंग नहीं करते थे। जमकर घर पर बन रहे गुझिये, मठरी, भर भर कर खाते थे, एक मुँह में डाला और बाहर पटाखें फोड़ने निकल आए, इस तरह ना जाने कितने गुझिये डकार जाते थे। दिवाली की बात करें तो दिल्ली में गुलाबी सर्दी की शुरुआत हो जाती थी और हम गजक का भी मज़ा लेते थे। गजक, गुझिये, बर्फी, समोसे सब कुछ दिवाली पर खूब खाते थे। हम दोस्तों की टोली एक दूसरे के घरों में जा जा कर भी तरह तरह के स्वीट्स का मज़ा लेते थे। मेरे दोस्तों को मेरे मॉम के हाथों की बनी स्वीट्स बहुत अच्छी लगती थी इसलिए दूर दूर से वे हमारे घर आते थे। दिवाली मतलब घर पर पूजा, पूरी फैमिली का इकट्ठा होना, मजा, दोस्तों की महफ़िल, पटाखें, आसमान में देखते रहने की कोशिश कि दूर दूर से कौन किस तरह के पटाखें फोड़ रहा है और आसमान में क्या डिज़ाइन और रौशनी की बारात सज रही है। वो बचपन अब ना रहा, वो माहौल भी नहीं है और त्योहारों की वो रौनक गुल हो गई है। अब मैं पटाखों को छूता भी नही हूँ। उसके बदले मुझे दीवाली के दिन अंडर प्रिविलेज्ड लोगों की मदद करना, कुछ अच्छा काम करना बहुत पसन्द है। पहले दिवाली की छुटियों की राह देखता था,अब काम करते रहना, शूटिंग करते रहना भी पसन्द है। मुंबई आने के बाद यहां के दोस्त मिल गए तो मन रम गया। बॉलीवुड की पार्टियों की रौनक अद्भुत होती थी। मुझे बहुत मज़ा आता था, यहां कार्ड पार्टीज़ का भी मजा लिया। लेकिन अब पेंडमिक के चलते जैसे सब कुछ थम सा गया है, थैंक गॉड, पिछले साल की तुलना में इस साल थोड़ा रिलैक्सेशन है तो दिवाली का मज़ा भी थोड़ा ज्यादा होगा। फिर भी हमें एहतियात नहीं छोड़नी चाहिए। दिवाली मनाऊंगा लेकिन प्रिकॉशन लेकर। अगर हम सब मिलकर आज सावधानी के साथ आनंद मनाए तो हो सकता है आने वाले सालों में हमार दिवाली और ज्यादा रौशनी, और ज्यादा सेफ़्टी और ज्यादा खुशियां लेकर आये। तब तक के लिए दिवाली मनाओ लेकिन कोरोना से बचकर। खूब खाओ, खेलो, दीप जलाओ, अंधेरा भगाओ और साथ ही कोविड को भगाने की व्यवस्था भी करो, सारे कोविड प्रोटोकोल्स फॉलो करके। आप सारे पाठकों, फैन्स को दिवाली की लाख लाख शुभकामनाएं।' #kartik aaryan #about Kartik Aaryan #Kartik Aaryan diwali हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article