सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद एक लंबे अरसे तक इस बात पर बहस बनी रही थी कि सारे देश की फिल्में सिर्फ और सिर्फ मुंबई फिल्म इंडस्ट्री पर निर्भर हो गई हैं जिसके कारण बाहर से आने वाले कलाकारों के साथ भेदभाव होता है। इसी दौरान जब सारे देश में बॉलीवुड हाय-हाय के नारे लग रहे थे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा में एक हज़ार एकड़ ज़मीन पर Film City बनाने की घोषणा की थी।
अपनी बात पर खरे उतरते हुए उन्होंने कुछ ही समय पहले उत्तर प्रदेश के कुछ मुख्य कलाकारों के साथ बैठक भी की थी। अब ताज़ातरीन जानकारियों के मुताबिक ये फिल्मसिटी तीन चरणों में बनाई जाएगी। पहले चरण में 376 एकड़ ज़मीन पर सबसे पहले कुछ इंस्टीटयूट्स, एमयूज़मेंट पार्क, विला और स्टूडियो बनाए जाएंगे।
यह Film City की योजना पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के अंतर्गत चलेगी। इसमें ज़मीन सरकार देगी और इसमें पैसा वो कंपनी लगाएगी जिसे इसे बनाने का टेंडर मिलेगा।
उम्मीद है कि 15 मई से टेंडर निकालने की तैयारी हो जायेगी। सीबीआरआई नामक कंपनी ने Film City की डीपीआर (detailed project report) बना चुकी है और प्राशसन को भिजवा दी गई है।
बिजनेस डिवेलपमेंट के लिए Film City की 20% ज़मीन इसी में से दी जायेगी
इसमें एक और ख़बर काबिल-ए-गौर है। Film City की इस परियोजना में 220 एकड़ ज़मीन बिजनेस यूज़ के लिए दी जायेगी। इसके चलते प्रोजेक्ट पूरा करने में कम समय लगेगा और आसानी भी होगी।
अंदाज़ा लेकर चलें तो इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2022 की शुरुआत के साथ ही हो सकती है। इतने बड़े पैमाने पर कन्स्ट्रक्शन के चलते बेरोज़गारी पर भी निसन्देह असर पड़ेगा। वहीं 2022 में उत्तर प्रदेश में इलेक्शन भी हैं। अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Film City की पहली ईंट इलेक्शन से पहले रखने में कामयाब होते हैं तो निश्चित ही उन्हें चुनाव में इसका फायदा मिलेगा।
बाकी ये भी सच है कि हैदराबाद की ही तरह एक बड़ी फिल्म इंडस्ट्री नॉर्थ इंडिया में भी होने से मुंबई इंडस्ट्री पर कुछ भार कम होगा और नॉर्थ इंडिया की बेरोज़गारी में भी फ़र्क आएगा।