अनपॉज्ड के निर्देशकों ने सेट्स पर लौटने के अपने उत्साह का खुलासा किया

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By Mayapuri Desk
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अनपॉज्ड के निर्देशकों ने सेट्स पर लौटने के अपने उत्साह का खुलासा किया

अमेज़न प्राइम ओरिजिनल की पांच फिल्मों का कलेक्शन “अनपॉज्ड” लॉकडाउन के समय बनाई गई पांच कहानियों का संयोजन है, जिसमें नई शुरुआत से संबंधित कहानियां पेश की गई हैं। दर्शकों को इस फिल्म का ट्रेलर पहले ही काफी पसंद आ रहा है। लोगों को इस फिल्म का काफी उत्सुकता से इंतजार है। इन शॉर्ट हिंदी फिल्मों के कलेक्शन के निर्देशकों ने यह खुलासा किया कि जब उन्होंने इस फिल्म को बनाने का फैसला किया तो सेट पर वापस लौटने के ख्याल से ही वे काफी उत्‍साहित हो गए।  

फैंस 18 दिसंबर से केवल अमेज़न प्राइम वीडियो पर आशाओं और नई शुरुआत की इन कहानियों को देख सकते हैं   

अनपॉज्ड के निर्देशकों ने सेट्स पर लौटने के अपने उत्साह का खुलासा किया

राज और डीके की मशहूर जोड़ी में से एक राज, जिन्होंने “ग्लिच” फिल्म का निर्देशन किया है, ने कहा, “जब पूरी दुनिया महामारी के कारण ठहर गई थी और हम घर में बैठे-बैठे यह सोच रहे थे कि जब सेट पूरी तरह बंद हैं तो एक फिल्म निर्माता के तौर पर हम क्या कर सकते हैं। हम सेट्स पर फिल्म बनाने के लिए आना चाहते थे और ठीक उसी समय अपर्णा पुरोहित (अमेज़न प्राइम वीडियो ओरिजिनल्स की इंडिया हेड) ने हमें शॉर्ट फिल्मों बनाने के लिए कहा। रेशु नाथ एक बहुत अच्छी और बेहतरीन कहानी लेकर आए थे और बात बनती चली गई।

हम सेट पर “ग्लिच” की शूटिंग के लिए वापस लौट आए। डीके ने कहा, “शुरुआत में जब लॉकडाउन हुआ था तब हम लेखक के तौर पर यह सोच कर खुश हुए कि चलो लिखने का समय मिल गया, लेकिन कुछ महीने बाद हमने शूटिंग को मिस करना शुरू कर दिया। हमें लगा कि सेट पर हम लेखन के अलावा और भी बहुत कुछ करना चाहते हैं। उसी समय हमें अपर्णा की कॉल मिली। उस समय हमारे पास कोई स्टोरी नहीं थी, लेकिन फिल्म बनाने और उसकी शूटिंग करने का आइडिया हमें काफी पसंद आया।“ 

“मुंबई डायरीज” फेम निखिल आडवाणी अपनी फिल्म “अपार्टमेंट” के साथ इन शॉर्ट फिल्मों के कलकेशन का हिस्सा बने (उनकी फिल्म आशा की थीम पर आधारित थी)। निखिल ने कहा,

“मेरे मन में उम्मीद का न रुकने वाला अहसास था। यह अहसास सेट पर वापस लौटने की आशा का था। सभी निर्देशक, फिल्म निर्माताओं और कहानी लेखकों के सेट पर वापस लौटते ही जान आ जाती है। इसलिए मेन आइडिया सेट पर वापस लौटने का था। मैंने हां कहने से पहले दोबारा नहीं सोचा। मैं सोचता हूं कि फिल्म निर्माण से जुड़े सभी लोगों को इसी तरह का अहसास होता होगा। वे सभी लोग सेट पर वापस लौटने की आशा कर रहे थे। हर अंधकार के अंतिम सिरे पर प्रकाश की सुरंग होती है। हमेशा उम्मीद की किरण जीवित रहती है। इसी आशा की झलक हमारी कहानी में दिखाई देती है।“

प्रमुख अभिनेत्री और निर्देशक तनिष्ठा चटर्जी, जिन्होंने खुशियों की थीम पर बेस्ड कहानी ‘रैट-ए-टैट’ का निर्देशन किया था, ने कहा,

“सेट पर वापस लौटकर मुझे अपने साथियों की तरह ही बहुत खुशी हो रही है। हम घर पर बैठे यही सोच रहे थे कि अगला काम कैसे और किस तरह किया जाएगा। उसी समय मुझे फोन आया कि क्या मैं लॉकडाउन के समय की कहानी पर बेस्ड फिल्म का निर्माण करना चाहूंगी, जिस फिल्म की शूटिंग सेट पर बेहद कम लोगों में की जाएगी। इस आइडिया ने मुझे काफी उत्साहित किया। किसी भी दूसरे आर्टिस्ट की तरह मैं भी सेट पर वापस लौने के लिए काफी बेताब और उत्‍साहित थी।“ 

“चांद मुबारक” की निर्देशक नित्या मेहरा ने कहा,

“यह  उस समय शुरू हुआ, जब प्रणति (प्रणति नागरसेठ, निर्माता चांद मुबारक) ने मुझे कॉल किया और इस शॉर्ट फिल्म के बारे में मुझे बताया। मेरा बच्चा उस समय छह महीने का था और हम मुंबई में ही नहीं, बल्कि एक दूसरे शहर में क्वॉरंटीन थे। हमें अपर्णा (अमेज़न प्राइम वीडियो ओरिजिनल्‍स की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित) से कॉल मिली। और यह काफी कुछ अनोखे ढंग से हुआ। उन्होंने मुझे पूछा कि क्या मैं शूटिंग करना चाहती हूं। मैनें कहा, हां। मैं इस समय सेट पर वापस लौटने के लिए कुछ भी करना चाहती थी। उस समय अपर्णा ने कहा कि अगर सेट पर शूटिंग के समय क्रू के केवल 10 लोग रहे तो कैसा रहेगा।

केवल सेट पर 10 लोगों की मौजूदगी में शूटिंग कैसे होगी

अनपॉज्ड के निर्देशकों ने सेट्स पर लौटने के अपने उत्साह का खुलासा किया

उस समय मुझे हैरत हुई, मैंने सोचा कि केवल सेट पर 10 लोगों की मौजूदगी में शूटिंग कैसे होगी, जिसमें डीओपी, मैं और कुछ अन्य लोग रहेंगे तो एक्टिंग कौन करेगा। इसलिए कुछ ऐसा करना काफी उत्साहजनक था, जो पहले कभी न किया हो। पर जिस तरह हमारी स्टोरी विश्वास पर आधारित है, पर उस समय मैं भी हैरत में पड़कर सोचने लगी थी कि  इस माहौल में मैं अपने परिवार और बच्चों को छोड़कर शूटिंग पर कैसे जाऊंगी। यह विश्वास ही था, जिससे मैं सेट पर लौटने की रजामंद हुई। उसी समय मैंने एक ऐसी फिल्म बनाने के बारे में सोचा जिसमें एक बार फिर लोगों को एक-दूसरे पर विश्वास करना सिखाया जाए।  

अमेज़न की ओरिजिनल मूवी

अनपॉज्ड

के लिए 5 शानदार और प्रतिभाशाली निर्माता-निर्देशक एक साथ आए हैं। निखिल आडवाणी, तनिष्ठा चटर्जी, राज एंड डीके,  नित्या मेहरा और अविनाश अरुण ने अमेज़न प्राइम वीडियो के लिए ओरिजिनल हिंदी शॉर्ट फिल्मों के कलेक्शन का निर्माण किया है। इन शॉर्ट फिल्मों के कलेक्शन में सभी पांचों कहानियां एक दूसरे से जुड़ी हुई है, जिसमें चुनौतीपूर्ण समय में जिंदगी की नई शुरुआत को उभारा गया है।  प्रतिभाशाली निर्देशकों के संयोजन के साथ अनपॉज्ड में टैलेंटेड कलाकारों, जैसे रत्ना पाठक शाह, रिचा चड्ढा, सुमित व्यास, सियामी खेर, रिंकू राजगुरु, गुलशन देवैया, इश्वाक सिंह, लिलेट दुबे, अभिषेक बनर्जी, गीतिका विद्या ओहल्यान और शार्दूल भारद्वाज शामिल हैं।

यह फिल्में विभिन्न विषयों पर आधारित है। यह कहानियां कोरोना काल की है और' इससे दर्शक निश्चित रूप से अपने को जोड़ सकेंगे।

ग्लिच

में इस समय में किसी व्यक्ति के

संपर्क में आने के डर की कहानी दिखाई गई है।

अपार्टमेंट

में अकेले रहने पर डिप्रेशन के अहसास को उभारा गया है।

रैट-ए-टैट

में दिखाया गया है कि अगर एक दूसरे के साथ

दिल से जुड़ाव हो तो उम्र में अंतर होने के बावजूद आप मुश्किल और चुनौतीपूर्ण समय का मुकाबला कर सकते हैं।

विषाणु

में प्रवासी परिवार की कहानी है, जो अपने आशियाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

चांद मुबारक

में यह दिखाया गया है कि मतभेद होने पर किस तरह धीरे-धीरे दो लोग अपने विचारों का अंतर भुलाकर एक-

साथ रह सकते हैं, चाहे वह किसी भी सामाजिक वर्ग से संबंध क्यों न रखते हों।  

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