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तालाब की सारी मछलियां गंदी नहीं होती...पर दंड सबको क्यों ? - राज जायसवार

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By Mayapuri Desk
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तालाब की सारी मछलियां गंदी नहीं होती...पर दंड सबको क्यों ? - राज जायसवार

-शरद राय

इनदिनों बॉलीवुड में ड्रग्स के लपेटे में तमाम फिल्मी सितारों का नाम उछाला जा रहा है। लगता है जैसे पूरा फ़िल्म उद्योग ही कालिख मूंह
पर पोत कर बैठ गया है। ऐसे में तमाम फिल्मी लोग आहत हुआ महसूस कर रहे हैं। समझ नहीं पारहे हैं कि बॉलीवुड अगर 'बुलीवुड' घोषित हो गया तो होगा क्या? ऐसी ही सोच रखने वाले अभिनेता हैं राज जायसवार।

तालाब की सारी मछलियां गंदी नहीं होती...पर दंड सबको क्यों ? - राज जायसवार

'जो इमेज बॉलीवुड को इनदिनों मिल रही है ऐसे में क्या कोई फिल्म बना पाएगा? क्या फाइनेंसर फिल्मों पर पैसा लगाएंगे?' यह सवाल करते हैं राज। 'हमलोग अभी उभरते कलाकार हैं। हमारे भविष्य का क्या होगा? जब बड़े सितारों की फ़िल्म नही शुरू होगी तब छोटे ,मझले, उभरते या शुरुवात लेने के लिए स्ट्रगल करने वाले लोग कहाँ जाएंगे ? इंडस्ट्री सिर्फ चार छह बड़े सितारों की नही है... माना, लेकिन आकर्षण तो उनके नाम का ही होता है जो लोग फिल्मों में काम करने आते हैं उनके लिए।जो पैसा डालते हैं उनके लिए।

तालाब की सारी मछलियां गंदी नहीं होती...पर दंड सबको क्यों ? - राज जायसवार

'मैंने एक व्यवस्था की बात किया है। ठीक है जो कल्पिट हैं, अपराधी हैं उन्हें दंड दो। लेकिन, यह ध्यान रखते हुए कि पूरी व्यवस्था चरमरा ना जाए। ' राज कहते हैं-'मैं कई सालों से बॉलीवुड में हूं। एक्टिंग करता हूं, कलाकार कोऑर्डिनेट करता हूं , तमाम बड़े सितारों के साथ काम करता हूँ, पार्टियां अटेंड करता हूं। मुझे कभी नही लगा कि बॉलीवुड नशेड़ियों की जगह है।यहां का सौहार्दय और भाईचारा एक उदाहरण होता है। अब प्राइवेसी की बात मैं नहीं जानता।पूरी फिल्म इंडस्ट्री एक स्वर्ग जैसी जगह है। यहां मेहनत करके मुकाम मिलता है, अबतक यही सुनता आया हूं। मुझे नही समझ मे आता आजकल यह कैसी हवा बह रही है कि लोग फिल्मवालों को चोर जैसी नज़र से देखने लगे हैं।'

तालाब की सारी मछलियां गंदी नहीं होती...पर दंड सबको क्यों ? - राज जायसवार

'मेरा तापतर्य इतना है कि तालाब की कुछ गंदी मछलियों के कारण पूरे तालाब को 'संडास' बनाने से बचाओ। तालाब की छोटी मछलियां और दूसरे जीवों को मरने मत दो। यह कहावत है कि देश मे असली भारत कहीं देखना है तो फ़िल्म इंडस्ट्री में है , उस ग्लैमर को टूटने से बचाना चाहिए। हर इंडस्ट्री में बुराई है, गलत लोग हैं, उनकी सफाई करना ठीक है लेकिन बाकी के लोग जो मेहनतकश हैं उनको नुकशान देकर नहीं ! बस, इसी बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। यह गुज़ारिश है मेरी सरकार से, जांच एजेंसियों से और न्यूज चैनलों से।'

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