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-शांतिन्तिस्वरुप त्रिपाठी
कोरोना महामारी से बचाव के उपाय के तहत पूरे देष के सभी सिंगल थिएटर और मल्टीप्लैक्स सिनेमाघर 13 मार्च से बंद चल रहे हैं। इससे सभी सिनेमाघर मालिक काफी परेशान और आर्थिक संकट का सामना करते आ रहे हैं। फिल्म निर्माताओं ने तो अपने स्वार्थ की पूर्ति के साथ खुद को नुकसान से बचाने के लिए राह निकाल कर अपनी प्रदर्शन के लिए तैयार फिल्मों को सीधे ‘ओटीटी’ प्लेटफार्म को देकर अपनी जेबें भर ली। मगर बेचारे सिनेमाघर मालिक तो अपने बंद पड़े सिनेमाघरों का किराया देने के अलावा कुछ कर्मचारियों की तनख्वाह देने में ही पिसे जा रहे थे। इसी वजह से पिछले दो माह से पीवीआर सहित कई मल्टीप्लैक्स सिनेमाघर के मालिक सरकार व सूचना प्रसार मंत्री से गुहार लगा रहे थे कि सिनेमाघरों को पचास फीसदी दर्शकों के साथ खोलने की इजाजत दी जाए।
बहरहाल, कोरोना वायरस का खतरा बरकरार रहते हुए भी अब सरकार ने इनकी सुन ली है। 30 सितंबर को केंद्र सरकार ने ‘‘पांचवे अनलॉक’ के लिए दिशा निर्देश जारी करते हुए देश के सिनेमाघरों को पचास फीसदी, अधिक से अधिक दो सौ दर्शकों के संग खोलने की इजाजत दे दी है। इससे सिनेमा प्रेमी दर्शकों के साथ साथ सिनेमाघर मालिकों के चेहरे पर भी मुस्कान आ गयी है।
जी हाँ! केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए ‘‘अनलॉक 5.0 ’’के दिशानिर्देशों के अनुसार, सिनेमाघरों को उनकी बैठने की क्षमता के 50 प्रतिशत तक के साथ बाहर के जोन खोलने की अनुमति होगी, जिसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जल्द ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाना है।
मगर केंद्र सरकार ने एक पेंच फंसा दिया है। क्योंकि इस पर अंतिम फैसला करने का हक राज्य सरकारों को दे दिया है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने 31 अक्टूबर तक लॉकडाउन लागू रहने और सिनेमाघरों को न खोलने की बात कही है। क्योंकि महाराष्ट्र और विशेष रूप से मुंबई असुरक्षित है। यहां हर दिन कोरोना पीड़ितो की संख्या बढ़ रही है।
मगर सरकार के इस आदेश से मुंबई में गेईटी गैलेक्सी और मराठा मंदिर के मालिक मनोज देसाई ना खुश हैं। उन्होंने कहा- “50 प्रतिषत दर्शकों के साथ सिनेमाघरो को खोलना असंभव है। हमें बहुत सारे रखरखाव का काम करना है। साथ ही दर्शकों को वायरस से इतना डर लगता है कि वह इसमें भी नहीं आते हैं। ऐसी स्थिति में सिनेमाघरों को खोलना जहां राज्य अभी भी बंद है,मुश्किल है। इसके लिए बेहतर प्लानिंग की जरूरत है। इस तरह, थिएटर मालिकों को और भी अधिक नुकसान होगा। ”
केंद्र सरकार के इस आदेश पर फिल्म वितरक और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई सिनेमाघरों की श्रृंखला के मालिक अक्षय राठी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा-‘‘यह हमारे लिए बहुत बड़ी खबर है।कई माह तक लगातर मांग के बाद अब सरकार ने हमारी सुनी है।बेशक अब अलग-अलग राज्यों को फैसला करना है,लेकिन कम से कम गेंद कुछ तो आगे बढ़ी है। यह अच्छी शुरुआत है। अब हम दिशानिर्देशों को पूरा करने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय के दिशा निर्देशकों की प्रतीक्षा करेंगे। ”
जबकि ‘‘मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’’ ने गृह मंत्रालय और सूचना व प्रसारण मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपने आधिकारिक बयान मे कहा है-‘‘हम अपने देश के फिल्म प्रेमियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ सिनेमा-आधारित अनुभव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमेशा की तरह हम अपने मेहमानों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और भलाई के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता देना जारी रखेंगे। मगर राज्य सरकारों द्वारा अपने राज्यों में सिनेमाघरों को फिर से खोलने की एक तत्काल अनुमति यह सुनिश्चित करने में काफी दूरी तय करेगी कि सिनेमा प्रदर्शन क्षेत्र महामारी के गंभीर आर्थिक और वित्तीय प्रभाव से जल्दी उबरने में सक्षम हो सके।‘‘
पीवीआर सिनेमा के सीईओ कमल ज्ञानचंदानी का मानना है कि सिनेमा हॉल खोलने से महामारी के आर्थिक प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “15 अक्टूबर को सिनेमाघरों को फिर से खोलने की अनुमति देने के लिए /HMOIndi/MIB_India का हार्दिक आभार। राज्य सरकारों से तत्काल आधार पर उनके राज्यों में फिर से खोलने की अनुमति देने का आग्रह करें। जल्दी खुलने से महामारी के गंभीर आर्थिक प्रभाव से जल्द निजात मिलेगी।”
पीवी सुनील, प्रबंध निदेशक, कार्निवल सिनेमा के प्रबंध निदेशक पी वी सुनील ने कहा-‘‘मेरी राय में यह त्योहारों और दीवाली के साथ खुलने का सही समय है। 50 प्रतिशत क्षमता बेहतर है जो हमने सोचा था कि पहले अनुमति दी जाएगी। यह हर दूसरे उद्योग के आदर्श के अनुरूप है। अधिकांश देश भी उसी मानदंड का पालन कर रहे हैं। अब तक हमारे सॉफ्टवेयर को संशोधित किया जा रहा है ताकि ऑनलाइन टिकट बुक करते समय दर्शकों को एक सहज अनुभव हो।अब हमें सिनेमाघर को खोलने के लिए सैनीटाइज करने से लेकर काफी काम करना है।
अच्छी बात यह है कि अलग-अलग टीमें प्रत्येक संपत्ति को संभालती हैं और हमारे पास दो सप्ताह का समय भी होता है, जिसे तैयार करने में हमें पर्याप्त समय लगता है। जैसा कि है, हमने इस सब को फिर से खोलने के लिए योजना बनाई है, इसलिए कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। हालांकि कुछ राज्य सरकारों को सिनेमाघरों को फिर से खोलने की दिशा में आगे बढ़ना है, हम अन्य राज्यों में सभी प्रमुख संपत्तियों को निर्धारित समय में खोलने की संभावना है। ”
अक्षय कुमार और कियारा आडवाणी की फिल्म ‘‘लक्ष्मी बॉम्ब’ से लेकर वरुण धवन और सारा अली खान की फिल्म ‘कुली नंबर वन’ तक ओटीटी प्लैटफॉर्म पर रिलीज होने के लिए तैयार हैं। हालांकि सिनेमाघरों के खुलने के बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि फिल्म निर्माता अब फिल्मों को ओटीटी प्लैटफॉर्म की जगह सिनेमाघरों में ही रिलीज करेगें।