केंद्र में सरकार बदलने के साथ ही फिल्मकार की सोच कैसे बदलती है, इसका नमूना इन दिनों प्रदर्षित हो रही फिल्मों में नजर आ रहा है। जब से नई सरकार आयी है,तब से सारे फिल्मकार देश भक्त हो गए हैं। सब अपनी फिल्मों में देशभक्ति का तड़का डालने से नहीं चूक रहे। इस बदलाव पर जब भजन सम्राट अनूप जलोटा से बात हुई तो उन्होने कहा- “ऐसा हो रहा है। क्योंकि लोगों को यह विष्वास हो गया है कि यह सरकार अब स्थायी/ परमानेंट सरकार हो गयी है। अब कांग्रेस तो खत्म हो चुकी है। बाकी दल भी धीरे धीरे समाप्त हो रहे हैं।
तो सब यही सोचते हैं कि जो परमानेंट सरकार है, उसकी जो इच्छा है, उसका जो एजेंडा है, उसे हम थोड़ा थोड़ा फिल्मों में दिखाना षुरू करें। ऐसा कर वह सरकार की नजर में खुद को अच्छा साबित करना चाहते हैं। यानी कि सरकार की “गुड बुक”में आने के लिए प्रयासरत हैं। इसी के चलते लोग फिल्म के अंदर मोदी की चाय की बात करने लगे हैं। हर फिल्म में मोदी फैक्टर आने लगा है। फिल्म ही क्यों सीरियल में भी यही हो रहा है। नोटबंदी भी सीरियलों में आ गया। यह सब महज इसीलिए हो रहा है, क्योंकि उन्हे लगता है कि यह स्थायी सरकार है। स्थायी सरकार के सभी मित्र बनना चाहते हैं।”