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Birthday Special: फरहान अख्तर-जोया अख्तरः दोनों अपनी अपनी जगह सफल

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Birthday Special: फरहान अख्तर-जोया अख्तरः दोनों अपनी अपनी जगह सफल
मषहूर गीतकार जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर और बेटी जोया अख्तर दोनों ही बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं.फरहान अख्तर सिर्फ अभिनेता ही नही बल्कि पटकथा लेखक,फिल्म निर्माता,निर्देशक,गीतकार व पार्ष्वगायक हैं.जबकि जोया फिल्म निर्देशक हैं.
फरहान  अख्तर
कैमरामैन व निर्देशक मनमोहन सिंह के साथ प्रशिक्षु निर्देषक के रूप में काम करने के बाद फरहान अख्तर ने 1997 में फिल्म ‘हिमालय पुत्र’ में निर्देशक पंकज पराशर के साथ बतौर सहायक काम किया। फिर अपने टेलीविजन प्रोडक्शन हाउस की षुरूआत की।2001 की सफलतम फिल्म‘‘दिल चाहता है’’फरहान अख्तर ने निर्देषन में कदम रखा,जिसका निर्माण उन्होने रितेष सिद्धवानी के साथ ‘‘एक्सेल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’के बैनर तले किया था। तीन दोस्तों की कहानी वाली इस फिल्म में आमिर खान, सैफ अली खान और अक्षय खन्ना ने अभिनय किया था।इस फिल्म को युवा पीढ़ी ने काफी पसंद किया था।इस फिल्म को विभिन्न अवार्ड समारोहों में सर्वश्रेष्ठ पटकथा, निर्देशन और फिल्म सहित कई नामांकन मिले। फिल्म को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का उस साल का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था।फिर उन्होने 2004 में देषभक्ति की लौ के साथ लक्ष्यहीन नौजवानों की बात करने वाली फिल्म‘‘लक्ष्य’’का निर्माण व निर्देषन किया,जिसे बाक्स आफिस पर आपेक्षित सफलता नसीब न हुई।इस फिल्म की स्क्रिप्ट उनके पिता जावेद अख्तर ने लिखी थी। इसी बीच फरहान ने गुरिंदर चड्ढा की 2004 की हॉलीवुड फिल्म ‘ब्राइड एंड प्रिज्युडिस’के लिए गीत भी लिखे।2006 में 1978 में प्रदर्षित अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘डॉन’ का रीमेक ‘‘डॉनःद चेज विगिंस अगेन’’ का षाहरुख खान को मुख्य भूमिका में लेकर निर्माण व निर्देषन किया।20 अक्टूबर 2006 को फिल्म रिलीज हुई।और बॉक्स ऑफिस पर खूब कामयाब रही। इसने 50 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार तो किया ही, साथ में साल की पांचवीं सबसे हिट फिल्म भी रही।2007 में उन्होंने फिल्म हनीमून ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड का निर्माण किया, जिसने बाक्स ऑफिस पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया।
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2007 में उन्होंने एचआईवी से ग्रसित रोगी के प्रति परिवार वालों की सहानुभुति की जरूरत पर 12 मिनट की लघु फिल्म ‘‘पॉजीटिव’’ का निर्देशन किया। मुंबई में इसकी शूटिंग हुई और यह ‘एडस जागो रे‘ की चार लघु फिल्मों की सिरीज का एक हिस्सा थी, जिसका निर्देशन मीरा नायर, संतोष सिवान, विशाल भारद्वाज और फरहान अख्तर ने किया। यह सिरीज मीराबाई फिल्म्स, स्वयंसेवी संगठन आवाहन तथा बिल एंड मिलिंडा गेटस फाउंडेशन की संयुक्त पहल का नतीजा थी। इस फिल्म में बोमन ईरानी, शबाना आजमी और एक नए अभिनेता अर्जुन माथुर ने भुमिकाएं निभाईं। 2011 में ‘‘डॉन 2’’का निर्देषन किया।उसके बाद निर्देषन से तोबा कर लिया था।अब वह पुनः बतौर निर्देषक फिल्म‘‘जी ले जरा’’षुरू करने जा रहे हैं।इस बीच वह अभिनय,लेखन व पार्ष्वगायन में व्यस्त रहे।
जी हॉ!2008 में फरहान अख्तर ने फिल्म‘‘रॉक ऑन’’का निर्माण करने के साथ ही अभिनय के क्षेत्र में कदम रख दिया।इस फिल्म में उन्होने कुछ गीत भी गाए थे।फिर 2009 में अपनी बहन जोया अख्तर के निर्देषन में फिल्म ‘लक बाइ चांस’ में मुख्य भूमिका निभायी। इसके बाद ‘कार्तिक कालिंग कार्तिक’, ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’,‘भाग मिल्खा भाग’,‘षादी के साइड इफेक्ट्स’,‘दिल धड़कने दो’,‘वजीर’,‘द स्काय इज द पिंक’,‘लखनउ सेंट्ल’और ‘तूफान’जैसी फिल्मों में अभिनय कर अपना एक अलग मुकाम बनाया।बतौर निर्माता फिल्मों के अलावा वेब सीरीज बनाकर अपने नाम का झंडा लहराते जा रहे हैं।
फिल्म‘‘रॉक ऑन’’से गायन के क्षेत्र में कदम रखा।फिर ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’,‘षादी के साइड इफेक्टस’,‘दिल धड़कने दो’,‘रॉक ऑन 2’फिल्मों में पार्ष्वगायन किया।वह कुछ टीवी कार्यक्रमों को भी होस्ट कर चुके हैं।फरहान अख्तर को लोग हरफनमौला इंसान व कलाकार मानते है।
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जोया  अख्तर
फरहान अख्तर की बहन जोया अख्तर की गिनती उत्कृष्ट समकालीन निर्देषकों में होती हैं.जोया अख्तर ने 2009 में अपने भाई फरहान के नक्षे कदम पर चलते हुए फिल्म‘‘लक बाय चांस’का लेखन व निर्देषन कर निर्देषन के क्षेत्र में कदम रखा था।फिर‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’,‘बांबे टॉकीज’,‘दिल धड़कने दो’,‘लस्ट स्टोरीज’, ‘गली ब्वॉय’,‘मेड इन हैवन’,‘घोस्ट स्टोरीज’ का निर्देषन करते हुए अपनी सफलता को बरकरार रखा।लगभग हर फिल्म के लिए उनकी झोली मे कुछ अवार्ड भी आए।
कुल मिलाकर फरहान अख्तर और जोया अख्तर बॉलीवुड में ऐसी भाई बहन की जोड़ी है,जो लगभग एक समान सफलता व षोहरत बटोर रही है।
मषहूर गीतकार जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर और बेटी जोया अख्तर दोनों ही बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं.फरहान अख्तर सिर्फ अभिनेता ही नही बल्कि पटकथा लेखक,फिल्म निर्माता,निर्देशक,गीतकार व पार्ष्वगायक हैं.जबकि जोया फिल्म निर्देशक हैं.
फरहान  अख्तर
कैमरामैन व निर्देशक मनमोहन सिंह के साथ प्रशिक्षु निर्देषक के रूप में काम करने के बाद फरहान अख्तर ने 1997 में फिल्म ‘हिमालय पुत्र’ में निर्देशक पंकज पराशर के साथ बतौर सहायक काम किया। फिर अपने टेलीविजन प्रोडक्शन हाउस की षुरूआत की।2001 की सफलतम फिल्म‘‘दिल चाहता है’’फरहान अख्तर ने निर्देषन में कदम रखा,जिसका निर्माण उन्होने रितेष सिद्धवानी के साथ ‘‘एक्सेल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’के बैनर तले किया था। तीन दोस्तों की कहानी वाली इस फिल्म में आमिर खान, सैफ अली खान और अक्षय खन्ना ने अभिनय किया था।इस फिल्म को युवा पीढ़ी ने काफी पसंद किया था।इस फिल्म को विभिन्न अवार्ड समारोहों में सर्वश्रेष्ठ पटकथा, निर्देशन और फिल्म सहित कई नामांकन मिले। फिल्म को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का उस साल का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था।फिर उन्होने 2004 में देषभक्ति की लौ के साथ लक्ष्यहीन नौजवानों की बात करने वाली फिल्म‘‘लक्ष्य’’का निर्माण व निर्देषन किया,जिसे बाक्स आफिस पर आपेक्षित सफलता नसीब न हुई।इस फिल्म की स्क्रिप्ट उनके पिता जावेद अख्तर ने लिखी थी। इसी बीच फरहान ने गुरिंदर चड्ढा की 2004 की हॉलीवुड फिल्म ‘ब्राइड एंड प्रिज्युडिस’के लिए गीत भी लिखे।2006 में 1978 में प्रदर्षित अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘डॉन’ का रीमेक ‘‘डॉनःद चेज विगिंस अगेन’’ का षाहरुख खान को मुख्य भूमिका में लेकर निर्माण व निर्देषन किया।20 अक्टूबर 2006 को फिल्म रिलीज हुई।और बॉक्स ऑफिस पर खूब कामयाब रही। इसने 50 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार तो किया ही, साथ में साल की पांचवीं सबसे हिट फिल्म भी रही।2007 में उन्होंने फिल्म हनीमून ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड का निर्माण किया, जिसने बाक्स ऑफिस पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया।
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2007 में उन्होंने एचआईवी से ग्रसित रोगी के प्रति परिवार वालों की सहानुभुति की जरूरत पर 12 मिनट की लघु फिल्म ‘‘पॉजीटिव’’ का निर्देशन किया। मुंबई में इसकी शूटिंग हुई और यह ‘एडस जागो रे‘ की चार लघु फिल्मों की सिरीज का एक हिस्सा थी, जिसका निर्देशन मीरा नायर, संतोष सिवान, विशाल भारद्वाज और फरहान अख्तर ने किया। यह सिरीज मीराबाई फिल्म्स, स्वयंसेवी संगठन आवाहन तथा बिल एंड मिलिंडा गेटस फाउंडेशन की संयुक्त पहल का नतीजा थी। इस फिल्म में बोमन ईरानी, शबाना आजमी और एक नए अभिनेता अर्जुन माथुर ने भुमिकाएं निभाईं। 2011 में ‘‘डॉन 2’’का निर्देषन किया।उसके बाद निर्देषन से तोबा कर लिया था।अब वह पुनः बतौर निर्देषक फिल्म‘‘जी ले जरा’’षुरू करने जा रहे हैं।इस बीच वह अभिनय,लेखन व पार्ष्वगायन में व्यस्त रहे।
जी हॉ!2008 में फरहान अख्तर ने फिल्म‘‘रॉक ऑन’’का निर्माण करने के साथ ही अभिनय के क्षेत्र में कदम रख दिया।इस फिल्म में उन्होने कुछ गीत भी गाए थे।फिर 2009 में अपनी बहन जोया अख्तर के निर्देषन में फिल्म ‘लक बाइ चांस’ में मुख्य भूमिका निभायी। इसके बाद ‘कार्तिक कालिंग कार्तिक’, ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’,‘भाग मिल्खा भाग’,‘षादी के साइड इफेक्ट्स’,‘दिल धड़कने दो’,‘वजीर’,‘द स्काय इज द पिंक’,‘लखनउ सेंट्ल’और ‘तूफान’जैसी फिल्मों में अभिनय कर अपना एक अलग मुकाम बनाया।बतौर निर्माता फिल्मों के अलावा वेब सीरीज बनाकर अपने नाम का झंडा लहराते जा रहे हैं।
फिल्म‘‘रॉक ऑन’’से गायन के क्षेत्र में कदम रखा।फिर ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’,‘षादी के साइड इफेक्टस’,‘दिल धड़कने दो’,‘रॉक ऑन 2’फिल्मों में पार्ष्वगायन किया।वह कुछ टीवी कार्यक्रमों को भी होस्ट कर चुके हैं।फरहान अख्तर को लोग हरफनमौला इंसान व कलाकार मानते है।
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जोया  अख्तर
फरहान अख्तर की बहन जोया अख्तर की गिनती उत्कृष्ट समकालीन निर्देषकों में होती हैं.जोया अख्तर ने 2009 में अपने भाई फरहान के नक्षे कदम पर चलते हुए फिल्म‘‘लक बाय चांस’का लेखन व निर्देषन कर निर्देषन के क्षेत्र में कदम रखा था।फिर‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’,‘बांबे टॉकीज’,‘दिल धड़कने दो’,‘लस्ट स्टोरीज’, ‘गली ब्वॉय’,‘मेड इन हैवन’,‘घोस्ट स्टोरीज’ का निर्देषन करते हुए अपनी सफलता को बरकरार रखा।लगभग हर फिल्म के लिए उनकी झोली मे कुछ अवार्ड भी आए।
कुल मिलाकर फरहान अख्तर और जोया अख्तर बॉलीवुड में ऐसी भाई बहन की जोड़ी है,जो लगभग एक समान सफलता व षोहरत बटोर रही है।
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