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लिंगभेद की दीवार तोड़ने से लेकर उम्मीद की किरण जगाने तक, ज़ी टीवी के आगामी शोज़ दर्शकों को एक नए नजरिए से दिखाएंगे ज़िन्दगी

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By Mayapuri Desk
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लिंगभेद की दीवार तोड़ने से लेकर उम्मीद की किरण जगाने तक, ज़ी टीवी के आगामी शोज़ दर्शकों को एक नए नजरिए से दिखाएंगे ज़िन्दगी

इस चैनल पर रात 7 से 8 बजे का वक्त और रोमांचक हो जाएगा क्योंकि 23 अगस्त से हर सोमवार से शनिवार शाम 7 बजे और शाम 7:30 बजे क्रमशः ‘रिश्तों का मांझा‘ और ‘मीत‘ का प्रीमियर होने जा रहा है

ज़ी टीवी पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से टेलीविजन कार्यक्रमों को नए रंग रूप में ढालने में सबसे आगे रहा है। इस चैनल ने दर्शकों को अपने-से लगने वाले ऐसे किरदार दिखाए, जो देश में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले डिनर टेबल साथी बन गए। इसने हमेशा ऐसे विषयों को छुआ, जो दर्शकों के दिलों में बस गए, और अब एक बार फिर यह चैनल दो ऐसी प्रेरणादायक कहानियां लेकर आ रहा है, जो दर्शकों को एक नए नजरिए से जिंदगी दिखाएंगी। टेंट सिनेमा के निर्माण में बना रिश्तों का मांझा अपनी महत्वाकांक्षी और कभी हार ना मानने वाली उत्साही नायिका दीया के जरिए सकारात्मकता का नया जोश जगाएगा, वहीं अगला शो मीत, जिसका निर्माण शशि सुमीत प्रोडक्शंस ने किया है, हर भारतीय परिवार में तय की गईं लड़के-लड़कों की अलग-अलग भूमिकाओं पर कुछ मौजूदा सवाल उठाएगा और लिंग भेद के खिलाफ एक मजबूत जमीन तैयार करेगा। दोनों शोज़ का प्रीमियर 23 अगस्त को होने जा रहा है और इसका प्रसारण हर सोमवार से शनिवार क्रमशः शाम 7 बजे और शाम 7:30 बजे किया जाएगा।

लिंगभेद की दीवार तोड़ने से लेकर उम्मीद की किरण जगाने तक, ज़ी टीवी के आगामी शोज़ दर्शकों को एक नए नजरिए से दिखाएंगे ज़िन्दगी

दर्शकों में एक नई आशा जगाते हुए रिशतों का मांझा, दीया और अर्जुन की प्रेम कहानी में झांकता है, जो एक ही खेल के खिलाड़ी हैं, लेकिन जिंदगी के प्रति दोनों का रवैया अलग-अलग है। कोलकाता में आधारित यह शो दीया (आंचल गोस्वामी) नाम की एक उत्साही और बातूनी मिडिल क्लास बंगाली लड़की की कहानी है, जो अपने लिए एक सार्थक जिंदगी और अपने मध्यमवर्गीय परिवार का सहारा बनना चाहती है। उसकी जिंदगी में चाहे कैसा भी मोड़ आ जाए, वो तो बस ये कहकर आगे बढ़ जाती कि “कुछ तो तोड़ निकाल ही लेंगे।” दूसरी तरफ, अर्जुन, जिसका रोल कृशाल आहुजा निभा रहे हैं, एक पूर्व बैडमिंटन चैंपियन है और एक अमीर मारवाड़ी बिजनेस घराने से है। जब एक घोटाला उसके करियर में उथल-पुथल मचा देता है और जब उसके सबसे मुश्किल वक्त में उसके अपने उसका साथ नहीं देते, तब वो जिंदगी से हार मान बैठता है। इसके बाद दीया अपनी इस सोच से अर्जुन के मन में उम्मीद की रोशनी जगाती है कि “यदि सबकुछ अच्छा नहीं है, तो यह अंत नहीं है।” यही इस शो की कहानी का सार है।

शाम 7.30 बजे ज़ी टीवी अपने दर्शकों को हरियाणा की एक उत्साही लड़की मीत का सफर दिखाने के लिए तैयार है, जो अपने घर ‘की‘ चिराग है, जबकि आमतौर पर ये माना जाता है कि लड़का ही परिवार का चिराग हो सकता है। वो न सिर्फ अपने परिवार की इकलौती कमाने वाली है, बल्कि डिलीवरी एजेंट का काम करके लड़के-लड़कियों को लेकर बनाए गए समाज के नियमों को भी तोड़ती है। वो हर स्थिति में एक ‘फिक्सर‘ बन जाती है, जिसे लड़कों का काम माना जाता है। वो बागी नहीं है... फर्क सिर्फ इतना है कि जिंदगी के प्रति उसके नजरिए में ये बात शामिल नहीं है कि वो अपने परिवार के हिसाब से एक ‘आदर्श लड़की‘ बनने में समय और एनर्जी बर्बाद करे। असल में वो खुद ही आगे बढ़कर अपना काम करना पसंद करती है! वो अक्सर अपने हरियाणवी अंदाज में कहती है, “जिम्मेदारी को के पता, उसे निभाने वाला छोरा है के छोरी!” जहां टेलीविजन एक्ट्रेस आशी सिंह, एक अनोखे अवतार में मीत का टाइटल रोल निभाएंगी, वहीं दिलकश अभिनेता शगुन पांडे इसमें मेल लीड रोल निभाएंगे और संयोग से इस शो में उनका नाम भी मीत ही है।

लिंगभेद की दीवार तोड़ने से लेकर उम्मीद की किरण जगाने तक, ज़ी टीवी के आगामी शोज़ दर्शकों को एक नए नजरिए से दिखाएंगे ज़िन्दगी

ज़ी टीवी की बिजनेस हेड अपर्णा भोसले ने कहा, “हम शाम 7 से 8 बजे के स्लॉट में दर्शकों के लिए दोगुना उत्साह लेकर आ रहे हैं, जिसमें दो नई कहानियां होंगी, जो ना सिर्फ उनका मनोरंजन करेंगी बल्कि उन्हें प्रेरणा देंगी और उनमें सकारात्मकता भी जगाएंगी। जहां ‘रिश्तों का मांझा‘ आशावाद की शक्ति और उम्मीद की रोशनी के बारे में बात करता है, जो कि आज के माहौल में सबसे जरूरी है, वहीं ‘मीत‘ आपको एक ऐसा उत्साही किरदार दिखाएगा, जो लिंगभेद से जुड़ी रूढ़िवादी सोच को तोड़ेगा और यह साबित करेगा कि आज की लड़की घर और बाहर की जिम्मेदारियां संभालने में समान रूप से सक्षम है। हमें उस पल का इंतजार है, जब हमारे दर्शकों को ज़ी कुटुंब में आए इन नए सदस्यों से प्यार हो जाएगा।”

मीत की कहानी को लेकर निर्माता शशि और सुमीत मित्तल ने कहा, “कुछ शोज़ ऐसे होते हैं, जो दर्शकों का मनोरंजन करते हैं और कुछ उन्हें जिंदगी के बारे में सोचने, अपनी विचारधारा पर सवाल उठाने और वक्त के साथ एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद करने पर मजबूर कर देते हैं। हमारे लिए मीत ऐसी ही असाधारण कहानी है, जो ना सिर्फ अपने दिलचस्प प्लाॅट से दर्शकों के दिलों को छू लेगी, बल्कि उन्हें अपने भीतर झांकने पर भी मजबूर कर देगी। हमारी प्रमुख नायिका एक हरियाणवी लड़की है, जो मानती है कि घर की जिम्मेदारियां निभाने की बात हो, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि इसे निभाने वाला एक लड़का है या लड़की। वो एक डिलीवरी एजेंट है और घर के साथ-साथ पड़ोसियों की भी हर समस्या का तोड़ उसके पास है। वो अपना परिवार भी चलाती है और हर तरह से अपने घर की चिराग है, जिसे ज्यादातर लोग लड़कों का काम मानते हैं। उसके उदाहरण के साथ, हमें उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा परिवार अपने परिवार की महिलाओं को भी घर और बाहर की जिम्मेदारियां निभाने के लिए पूरी तरह सक्षम मानेंगे।”

मीत का टाइटल रोल निभाने जा रहीं आशी सिंह इस अनोखे किरदार में नजर आने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। आशी बताती हैं, “मैं सचमुच यह मानती हूं कि एक शो और एक किरदार के रूप में ‘मीत‘ हमारे समाज के बड़े संवेदनशील विषय को छूता है। यदि यह शो हमारे दर्शकों के दिलों तक पहुंचता है और यदि कुछ परिवार भी लिंग समानता के महत्व को महसूस कर पाते हैं और एक लड़के और लड़की के महत्व को लेकर दोबारा सोचते हैं और यह मानने लगते हैं कि किस तरह एक लड़की भी घर का चिराग हो सकती है, तो हम समझेंगे हमने सचमुच एक बदलाव लाया है! मैं इस किरदार के सफर को आगे बढ़ाने के लिए बहुत उत्साहित हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि एक एक्टर के तौर पर इस किरदार में विकसित होने की बहुत क्षमता है। मुझे दर्शकों से भी प्यार और सपोर्ट की उम्मीद है।”

लिंगभेद की दीवार तोड़ने से लेकर उम्मीद की किरण जगाने तक, ज़ी टीवी के आगामी शोज़ दर्शकों को एक नए नजरिए से दिखाएंगे ज़िन्दगी

मीत के ऑपोजिट लीड किरदार निभाने जा रहे शगुन पांडे कहते हैं, “एक शो के रूप में मीत एक ऐसा काॅन्सेप्ट है, जिसमें औरत और मर्द की जिम्मेदारियों को लेकर किए गए सामाजिक विभाजन की रीत तोड़ने की काबिलियत है। मैं इस शो का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इसके अलावा में ज़ी टीवी के साथ एक बार फिर वापसी करके बेहद उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि सभी दर्शक और मेरे फैन्स इस नए सफर में मुझे और मेरी टीम को सपोर्ट करेंगे।”

रिश्तों का मांझा की अनोखी कहानी को लेकर टेंट सिनेमा के सुसंता दास ने कहा, “रिश्तों का मांझा के साथ हम दो ऐसे लोगों की कहानी दिखाना चाहते हैं, जो जिंदगी, उम्मीदों और अरमानों को लेकर बिल्कुल अलग-अलग सोच रखते हैं। हम सभी अपनी-अपनी जिंदगी में ऐसे दौर से गुजरते हैं, जहां सबकुछ अच्छा नहीं होता है। ऐसे मोड़ पर जहां कुछ लोग हताश होकर हार मान लेते हैं, वहीं कुछ ऐसे होते हैं जो उम्मीद की एक किरण ढूंढ ही लेते हैं। और हम सभी को जिंदगी में ऐसी ही उम्मीद की किरण की जरूरत होती है, जो हमें राह दिखाए और हमें हमारी मुश्किलों से बाहर निकाले। हमारा शो हमारी लीड नायिका दीया का सफर दिखाता है, जो अपनी सकारात्मकता के साथ अर्जुन की जिंदगी की पथ प्रदर्शक बन जाएगी और उसे यह एहसास दिलाएगी कि यदि जिंदगी बैडमिंटन जितनी निष्पक्ष ना भी हो, जिसके वो दोनों खिलाड़ी हैं, तो भी हर मुश्किल का एक हल जरूर होता है और यदि सबकुछ अच्छा ना हो तो यह अंत नहीं कहलाता। हमें उम्मीद है कि यह शो देखने के बाद बहुत-से अर्जुनों को अपनी जिंदगी में बहुत-सी दीयाएं मिलेंगी।”

रिश्तों का मांझा में दीया का लीड रोल निभाने को लेकर उत्साहित आंचल गोस्वामी कहती हैं, “ये मेरी खुशनसीबी है कि मुझे इतना महत्वपूर्ण रोल निभाने का मौका मिला। दीया एक मध्यमवर्गीय बंगाली लड़की है, जिसकी जिंदगी का ये उसूल है कि कुछ तो तोड़ निकाल ही लेंगे... अपने आशावाद के चलते वो कभी हार नहीं मानती, चाहे मुश्किल कितनी भी बड़ी क्यों ना हो। अर्जुन की जिंदगी में वो जो बदलाव लाएगी और जो उसका रुख होगा, वो सभी का दिल छू लेगा। एक इंसान के रूप में मैं भी दीया की तरह जिंदगी की हर बात को लेकर बहुत पॉजिटिव रहती हूं और ऐसे में यह रोल निभाना मुझे बड़ा सहज लगता है। मैं इस शो को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए बेहद उत्साहित हूं।”

लिंगभेद की दीवार तोड़ने से लेकर उम्मीद की किरण जगाने तक, ज़ी टीवी के आगामी शोज़ दर्शकों को एक नए नजरिए से दिखाएंगे ज़िन्दगी

रिश्तों का मांझा में अर्जुन के रोल के साथ हिंदी टेलीविजन में डेब्यू करने जा रहे कृशाल आहुजा कहते हैं, “सच कहूं तो मेरा मानना है कि हिंदी टेलीविजन में अपना सफर शुरू करने के लिए मुझे इससे बेहतर किरदार नहीं मिल सकता था, क्योंकि अर्जुन मेरे पिछले सभी किरदारों से बहुत अलग है। शुरुआत में एक गंभीर किरदार से लेकर दीया के द्वारा उसकी सोच में बदलाव लाने तक, इसका ग्राफ बड़ा दिलचस्प है। इसके अलावा, इसकी शूटिंग मेरे अपने शहर कोलकाता में हो रही है, जो मेरे लिए सोने पे सुहागा है। बंगाली ऑडियंस और मेरे फैंस ने हमेशा मेरी परफॉर्मेंस को सपोर्ट किया है और मैं उम्मीद करता हूं कि अब मैं देश भर के लोगों और हिंदी टीवी प्रेमियों का भी दिल जीत लूंगा।”

जहां दीया अर्जुन के दिल में आस का दिया जलाकर उसे उम्मीद और सकारात्मकता की राह दिखाएगी, वहीं मीत लिंगभेद को लेकर समाज की सोच को चुनौती देगी!

मीत और दीया के सफर को देखने के लिए ट्यून इन कीजिए ‘रिश्तों का मांझा‘ और ‘मीत‘, शुरू हो रहा है 23 अगस्त से, क्रमशः शाम 7 बजे और शाम 7.30 बजे, सिर्फ ज़ी टीवी पर।

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