- शरद राय
इनदिनों मैक्सप्लेयर पर प्रकाश झा निर्देशित वेब सीरीज “आश्रम“ सुर्खियों में है। “आश्रम“ सीरीज का पार्ट 1 बेहद सफल रहा है। उसे साढ़े चार मिलियन से अधिक व्यूज मिल चुके हैं। 9 कड़ियों की इस वेब श्रृंखला के बाद... अब “आश्रम चैप्टर 2ः द डार्क साइड’’ की चर्चा ट्रेलर की शुरुआत के साथ ही हो गई है। इस सीरीज को कंट्रोवर्सियों ने घेर लिया है। कई हिन्दू संगठन अपने धर्म की अवमानना की बात करके विरोध करने पर उतर आए हैं। ’करण्ी- सेना’ ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और राष्ट्र व्यापी आंदोलन छेड़ने की धमकी दिया है। इस सीरीज में भारत के संत समाज को गंदे रूप में दिखाए जाने का आरोप है। पॉलिटिकल पार्टियां भी भन्ना उठी हैं। ड्रग्स का कारोबार और लड़कियों की शीलता पर अतिक्रमण किए जाने की बात को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है।
’आश्रम’ सीरीज की कहानी एक बाबा काशीपुर वाले के इर्द गिर्द घूमती है। बाबा का चरित्र जी रहे हैं फ़िल्म स्टार बॉबी देओल। जो लोग सीरीज नहीं देखे हैं, उनको जानकारी दे दें कि काशीपुर वाले बाबा को शुरुवात में बहुत शांत और ज्ञानी रूप में दिखाया गया है। विलासिता के परिवेश में रहने वाले इस बाबा का स्वरूप धीरे धीरे प्रकट होता है। वह पॉलिटिक्स पर प्रभाव रखता है, कंस्ट्रक्शन लॉबी पर प्रभाव रखता है। भक्तों पर श्रद्धा युक्त अनुशासन रखता है। और, ’आश्रम पार्ट 1’ के 9 वें एपिसोड तक जाते जाते बाबा यौन क्रिया में लिप्त हुआ तक दिखता है। “आश्रम पार्ट 2“ में तो बाबा काशीपुर वाले का ’डार्क साइड’ दिखाने का ही खेल है।
एक तरफ जहां विरोधियों की तनातनी है, वहीं दूसरी तरफ स्टार बॉबी देओल हैं जो पहली बार पर्दे पर फुल नेगेटिव सेड लेकर अवतरित हुए हैं। आइए सुनते हैं वो क्या कहते हैंः “आश्रम ने मुझे उस रूप में दिखने का मौका दिया है जिस रूप को मैं दिखा नही पाया था। कभी नही सोचा था कि इस तरह से नेगेटिव रोल मुझे पॉजिटिव रिस्पॉन्स देगा। मैं आप सभी को इस प्यार और प्रशंसा के लिए धन्यवाद देता हूं।“ और सचमुच जिस आदमी का करियर खतम प्राय हो चला हो, उसके लिए ’जपनाम’ किसी जादू की झप्पी से कम नहीं! शायद इसीलिए श्रृंखला का पार्ट 2 डार्क साइड ऑफ बाबा निराला को लेकर इनदिनों बॉबी की उड़ान आकाश पर है। जिसमें उनके करेक्टर का डार्क पहलू खुलकर सामने आता है। कभी बॉबी ने कहा भी था कि क्या हुआ अगर पॉजिटिव रोल की फिल्में नहीं चलती हैं तो नेगेटिव रोल कर लूंगा। यह कोई ज़रूरी नहीं कि धर्मेंद्र का बेटा या सनी देओल का भाई विलन नहीं बने ! यह भी कमाल की बात है कि “मेरे नेगेटिव रोल को दर्शकों का पॉजिटिव रिमार्क मिल रहा है।“
अब सुनिए सीरीज विरोधियों की बात। जिनका कहना है कि वे अपनी आस्था और संस्कृति का इसतरह से अपमान नही होने देंगे।हमारे प्राचीनतम कल्चर को डर्टी टारगेट किया जा रहा है।बाबा निराला का रूप हमारे फेथ को इनोसेंट तरीके से गिरा रहा है। ( यह अलग बात है कि सब लोग समझते हैं कि वस्तुतः कथानक का मूल ताना-बाना हमारे ही बीच के एक सजायाफ्ता संत रामरहीम से प्रेरित है )। यहां हम पाठकों को यह भी बता दें कि धर्म रक्षकों के विरोध से जहां बॉबी देओल बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं वहीं निर्माता- निर्देशक प्रकाश जा उदासीन हैं। वह कहते हैं “ फैसला करने वाले दूसरे लोग कौन हैं? जजमेंट तो दर्शकों पर छोड़िए जो पसंद कर रहे हैं।... साढ़े चार सौ मिलियन व्यू आचुके हैं।“ झा यह भी कहते हैं कि उनको नहीं मालूम कि किसने यह विरोध की लहर उठाया है। किसने ट्वीट किया, किसने फारवर्ड किया, उनको पता नही है।
वेशक विरोध और केस किए जाने की बात करनी-सेना के माफर््त ही है। यह वही करनी- सेना है जो हर मौकों पर फ़िल्म वालों का विरोध इस तर्क पर करती है कि हिन्दू - धर्म का मान गिर रहा है। याद होगा इसी करणी सेना ने सन 2017 में फ़िल्म ’पद्मावत’ के खिलाफत में पूरे देश मे आंदोलन चलाया था और उसके पहले सन 2008 में फ़िल्म ’जोधा अकबर का विरोध किया था। इसी संगठन ने एकता कपूर का विरोध भी किया था। यानी- बॉलीवुड में कहते हैं कि यह संस्था धर्म का कम फ़िल्म या कलाकार का प्रचार ज्यादा करती है।
इसी क्रम में इनदिनों यह भी कहा जा रहा है कि हो न हो ये विरोध बॉबी के प्रचार का हिस्सा हो। बॉबी करियर में फ़िल्म दर फ़िल्म पीछे जाने लगे थे और वह नेगेटिव रोल यानी खलनायक के रूप में कैरियर आजमाना चाहते थे। मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा की हालत भी कमोवेश यही थी। वेब सीरीज में वह इसीलिए आने का मन बनाए थे। अब बॉबी - प्रकाश झा की जोड़ी ने कमाल दिखा दिया है। करणी-सेना ने इस कमाल को हवा दिया है।