मैं एक ही तरह की फिल्में नहीं बना सकता हूँ: महेश मांजरेकर

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मैं एक ही तरह की फिल्में नहीं बना सकता हूँ: महेश मांजरेकर

राइटरध्डायरेक्टरध्एक्टर महेश मांजरेकर किसी तारीफ के मोहताज नहीं है। नेशनल अवार्ड विनर,”अस्तित्व” मराठी, के लिए भी सम्मानित किये गए। उनकी सभी फिल्में, “वास्तव,”अस्तित्व”,”विरुद्ध” बतौर निर्देशकध्लेखक बहुचर्चित फिल्में रही है। महेश जी सलमान खान एवं आयुष शर्मा स्टारर फिल्म, “अंतिम दी फाइनल ट्रूथ” लेकर आ रहे है। सिनेमा घरो के खुलने से सभी मेकर चाह रहे है कि उनकी फिल्में  थिएटर में रिलीज हो। नवंबर 2021 को देखना होगा सरदार की वेशभूषा में सलमान अपने फैंस को कितना लुभान्वित कर पाते है यह देखना होगा। ।

फिल्म,”अंतिम” टायटल क्या मायने रखता है?

बस यह ,”एन्ड” हम सभी चाहे अमीर हो या  गरीब हो सभी मिट्टी में ही मिल जाने वाले है। किन्तु जब हमारे पास पैसे और पावर होते  है  तो हम यह नहीं समझ पाते है कि अमीर गरीब का अंत एक ही तरह से तय है। इसके अलावा और कोई भी विकल्प नहीं-हम डस्ट में मिलने वाले है।

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आपकी मराठी फिल्म,”अस्तित्व” को नेशनल अवाॅर्ड मिला था वो समय अलग था क्या फीलिंग रहे?आप ने उस समय से अलग  जॉनर की फिल्में बनायीं है?

जी हाँ मैं एक ही तरह की फिल्में नहीं बना सकता हूँ क्यूंकि मुझे बोरिंग लगता है। मुझे हमेशा से कुछ नया ही करने की इच्छा रहती है। अब दोबारा एक लम्बे अरसे के बाद दोबारा अंडर वर्ल्ड जॉनर हूँ। जी हां -अस्तित्व “ नेशनल अवार्ड मिलना चाहिए था सो मुझे थोड़ा सा बुरा लगा था.और मैं कभी अवार्ड्स के पीछे नहीं भागता हूँ। और यह सब उस समय जो पैनल मे मेबर्स होते है वही नीची करते है किसको कौन सी कटेगोरी  में अवार्ड से सम्मानित किया जाये। मुझे अवार्ड्स से किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है वैसे।

“अंतिम” कैसे सोची गयी? सलमान सरदार के किरदार के लिए कैसे फाइनल किये गए?

दरअसल में यह फिल्म से मै बहुत समय बाद जुड़ा। यह फिल्म मराठी फिल्म मुलशी पैटर्न पर आधारित है। लेकिन जब मैंने इस फिल्म को करने की ठानी तो मैं सलमान से कहा ,”मैं पहले फिल्म को लिखूंगा और उनके  निर्देशन की बागडोर सम्हालूँगा। अतः मैंने सलमान के हिसाब  से कुछ फेरबदल किया और फिर मैदान में उतरा। उस फिल्म में कोप का किरदार इस तरह से नहीं था। किन्तु सलमान ही तो फैंस को ढेरो अपेक्षा होगी अतः मैंने किरदार को अलग दंग से पेश किया है। कि जैसा किरदार मैं ने सोचा वैसा पर्दे पर उतार पाया हूँ। बस मैं ऑडियंस को सरप्राइज करना चाहता हूँ आशा  किरदार पसंद आएगा।

सलमान खान के साथ आयुष शर्मा एक ही कैमरा स्पेस में सीन करते हुए -कैसा रहा आयुष का उत्साह?

आप जब फिल्म देखेंगे तो आयुष की उत्सुकता को आप भी देख पाओगे। क्योंकि मैं अक्सर सलमान से मिलने उनके घर जाया करता हूँ और वहाँ अक्सर आयुष से भी भेंट।  जब हमने अंतिम” की शूटिंग इत्यादि शुरू की और अब जब समय कुछ अलग हो गया था तो आयुष हमेशा यह सवाल लिए रहता-कब होगा सब ठीक? कब अंतिम रिलीज होगी.यही  बैचेनी उसके किरदार  में भी मैंने  यूज की है। आयुष ने बहुत ही बेहतरीन परफॉर्म  किया है। दूसरी फिल्म है बेहद शानदार  यह आप को भी फिल्म देखने पर एहसास हो जायेगा

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बतौर लेखकध्निर्देशकध्स्टोर क्या करना ज्यादा आप? और एक्टिंग ध्डायरेक्शन साथ करते है तो कैसे संतुलन बनाए रखते है?

देखिये अभिनय करना ज्यादा पसंद नहीं है। पहले किचन चलाने के लिए पैसे चाहिए होते तो मै एक्टिंग भी कर लिया करता। वैसे भी पिताध्भाई का किरदार कोई भी निभा सकता है। हाँ यदि कुछ किरदार पसंद करूँगा। वैसे मैं बच्चन तो नहीं हूँ जो मेरे लिए अलग से रोल लिखा जायेगा। और अब एनर्जी भी नहीं है मेरे पास। बतौर लेखकध्निर्देशक मुझे काम करना पसंद है। पहले कहानी को देख लेता हूँ और उसके लिख लेता हूँ। जैसा देखा, वैसा लिखा तो वैसे ही ठीक पर्दे पर उतारना पसंद  करता हूँ ।

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