फिल्म ‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’ फेम अदाकारा तारा सुतारिया ने अभिनय में कदम रखने के बाद सोशल मीडिया के बारे में समझा। उनसे हुई बातचीत इस प्रकार रही...
आप सोशल मीडिया पर कितना व्यस्त रहती हैं?
पहले तो मैं सोशल मीडिया के बारे में कुछ नहीं जानती थी। सोशल मीडिया तो मेरी समझ से परे था। लेकिन फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’’ के प्रमोषन के दौरान मुझे इसकी आदत डाल दी गई। अब मैं ट्वीटर व इंस्टाग्राम पर थोड़ा बहुत सक्रिय हूँ। मैं अभी भी सीख रही हॅूं।
सोशल मीडिया पर आप क्या लिखना पसंद करती हैं?
दिन भर जो मेरी एक्टीविटी होती है, उसके बारे में कुछ लिख देती हूं। कई बार कुछ तस्वीरे लगा देती हूं। पर मैं बहुत कम ही पोस्ट करती हूं। मैं हमेशा खुद बना रहना चाहती हूं। दूसरों की नकल कर दिन भर सोशल मीडिया पर व्यस्त नहीं रह सकती।
सोशल मीडिया से कलाकार को फायदा होता है?
इस बारे में सोचा नहीं। लोग कहते हैं कि इसका फायदा मिलता है। प्रषंसकों के साथ कनेक्ट/जुड़ाव होता है। सोशल मीडिया पर व्यस्त रहने से फालोअर्स की संख्यां बढ़ती है। पर मुझे ऐसा नहीं लगता।वास्तव में मेरी सोच ओल्ड फैषन की है। बाॅलीवुड में जो पहले सुपर स्टार थे, उनके पास कोई सोशल मीडिया नहीं था।वह हर किसी के साथ जुड़ते नही थे, पर परदे पर आकर वह जिस तरह से लोगों के साथ जुड़ जाते थे,उसी के चलते वह सुपर स्टार व स्टार बने। मूल बात यह है कि जब आप जनता या अपने प्रषंसको के सामने आते हैं,उस वक्त यदि आप एक वार्म इंसान हैं, तो लोगांे को पता चलेगा। सोशल मीडिया पर जो कुछ लोग दिखाने का प्रयास करते हैं, वह सब मुझे बहुत फेक/बनावटी लगता है। सोशल मीडिया पर हम सभी खुद को बहुत ही बेहतरीन इंसान साबित करते रहते हैं, जबकि हम सब की यह असलियत नही है।इसलिए सोशल मीडिया पर ज्यादा अच्छा बनने की बजाय जरुरत है कि हम अपने काम पर ‘फोकस’ करें, अच्छा काम करें।
सोशल मीडिया से कलाकार के स्टारडम को नुकसान हो रहा है?
मुझे भी यही लगता है। पर हो यह रहा है कि जो कुछ हमें अपनी फिल्म के माध्यम से सिनेमा के परदे पर दिखाना व बताना चाहिए, वह सब हम सोशल मीडिया पर ही बता रहे हैं। इससे स्टार का जो स्पेषलनेस या खास बात है, वह गलत है। आप देखिए, किसी भी ईवेंट में जब रेखा जी पहुँचती हैं, तो लोग उनके ‘औरा’ के दीवाने हो जाते हैं। या हेमा जी को ही लीजिए। तो यह स्टार क्वालिटी नजर आती है। पर जब आप हर दिन सोशल मीडिया पर दिखाते हैं कि मैं क्या खा रही हूं या कहां जा रही हूं ,या इस तरह के कपडे़ पहन रही हूँ, तो आपका लोगों में चार्म खत्म हो जाता है।खास बात चली जाती है। मेरी यह ओल्ड फैषन सोच कही जा सकती है। पर क्या करुं। मैं ओल्ड फैषन हूँ। मुझे लगता है कि हर बात सोशल मीडिया के माध्यम से जग जाहिर नही करनी चाहिए। कुछ बातें तो बहुत निजी होती है। कुछ बाते छिपाकर रखना चाहिए, जिससे आपके प्रति लोगो में उत्सुकता बरकरार रहे। मेरी यही सोच है। पर आज का जमाना ऐसा नही है। इसलिए मुझे भी थोड़ा बहुत सोशल मीडिया पर पोस्ट करना ही पड़ता है।