-जैड. ए. जौहर
उस दिन बम्बई में तीन पार्टियां थी, मगर जूही चावला से मिलने की चाहत में हमने ‘कत्र्तव्य’ की पार्टी को प्राथमिकता दी। पहले सुमीत में गाने देखे। जिन्हें देखकर इतनी खुशी हुई कि जी चाहता है कि जूही को तुरन्त बधाई दें। किन्तु हमें जितनी जल्दी थी, उतनी ही जूही चावला ने आने में देर लगा दी। वह लगभग 11- बजे होटल हॉलीडेइन के रिजेन्सी हाल में दाखिल हुईं। उसके आते ही रोशनियों का तूफान सा आ गया धड़ाधड़ कैमरे फ्लैश होने लगे। जब उसे छायाकारों से फुर्सत मिल गई तो हमने उसे बधाई देते हुए कहा।
जूही बहुत बहुत मुबारक हो। ‘कत्र्तव्य’ देखकर दिल खुश हो गया। फिल्म के हर सीन और गाने में छाई हुई हैं। यह फिल्म आपकी इमेज को चार चांद लगाने वाली है।
“आपके मुंह में घी शक्कर! जूही चावला ने शुक्रिया अदा करते हुए कहा। “आपने ऐसा क्या देखा? यह फिल्म तो संजय कपूर की है।
“हमने अभी एक घंटे की फिल्म देखी है, जिसमें गानों से संबंधित सीन थे। जिनमें आप पूरी तरह डॉमिनेट कर रही थी। हम आपके फैन हैं। आप हमें मिस चाहे न करें, किन्तु हम आपको बहुत मिस करते हैं।
“हम क्या करें आउटडोर पर आउटडोर हो रहे हैं कभी भारत में कभी विदेश में। हमें भी याद तो आती है।
“डिम्पल और मौसमी ने आपके लिए जाने पर जो आपत्ति उठाई थी। उसके बाद हुए रिप्लेसमेंट से क्या कुछ फर्क पड़ा?
“मुझे क्या फर्क पड़ता अलबत्ता। फिल्म को फायदा हुआ है। उन दोनों ने जो भी आपत्ति उठाई थी, उसमें दम नहीं था। मौसमी ने नाराज होकर डबिंग नहीं की। डिम्पल की जगह अरूणा जी को लिया गया। अरूणा जी ने दिल को छूने वाली एक्टिंग की है। उनके रोल की लैंथ डिम्पल के मुकाबले में ज्यादा है।
“अरूणा ईरानी से फिल्म में आपका क्या रिश्ता है? मौसमी तो संजय की मां है।
“यह राज जानने के लिए ‘कत्र्तव्य’ देखिए। यह राज हम नहीं बताएंगे।
“आज आप किस की शूटिंग कर रही थी?
‘राम जाने’।
“बहुत खूब, आप भी शब्दों से खेलने लगी। अनजान भी बनी रही और फिल्म का नाम भी बता दिया। हमने कहा। सुना है फिल्म बहुत अच्छा शेप ले रही है?
अच्छी बात है न, हमें अच्छी फिल्मों की जरूरत है।
“यह जरूरत और किन किन फिल्मों से पूरीः होने वाली है?
‘बंदिश’, ‘आज का लोफर’, ‘दरार’, ‘कारोबार’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘इश्क’, ‘डुप्लीकेट’, ‘यस बॉस’, आदि कई फिल्में हैं।
“बंदिश तो आर्ट फिल्म है न?” हमने पूछा। वह तो पूरी हो गई होगी।
नियर कम्पलीशन हैं। ‘बंदिश’ आर्ट फिल्म नहीं कमर्शियल फिल्म है और उसी हिसाब से बन रही है। हो सकता है
“मृत्युदंड” वैसी फिल्म हो। मगर ‘बंदिश’ एक कमर्शियल फिल्म है। जब आप देखेंगे तो खुद पता चल जाएगा।
“और कौन सी फिल्में पूरी हैं। और कब तक आने वाली हैं?
आने वाली में ‘आज का लोफर’, ‘दरार’, ‘कारोबार’ और ‘बंदिश’ आयेंगी। इन सबमें ही अच्छे रोल हैं।
मगर ‘आज का लोफर’ फाइनल नाम नहीं है। अभी अभी बोनी कपूर से बात हुई थी। हमने ‘दस नम्बरी लोफर’! नाम सुझाया है।
आप एक और अच्छे बैनर की अच्छी फिल्में करना चाहती हैं, फिर भी यश चोपड़ा की फिल्म आपने नकार दी। उसकी क्या वजह है?
अच्छी फिल्में और अच्छे रोल करने का यह मतलब तो नहीं कि हम कोई रोल स्वीकार कर लें। हमने यश जी की खातिर ‘चांदनी’ की जिसमें छोटा सा रोल था। उसके बाद ‘डर’ और ‘आइना’ में उन्होंने अच्छे रोल दिए फिल्में भी चली और हमारा काम भी पसंद किया गया।
इसके बावजूद अगर हमें माधुरी दीक्षित के साथ वह छोटा रोल देंगे तो हम कैसे स्वीकार करेंगे। हां उनकी एक अगली फिल्म अक्षय कुमार के साथ करने वाले हैं। जूही चावला ने कहा। माधुरी के साथ काम करने के लिएं हमारा रोल भी उसी की टक्कर का होना चाहिए, तभी तो काम करने का मजा है। इसीलिए हमने इन्द्र कुमार की ‘रिश्ता’ नहीं स्वीकार की। उनके साथ ‘इश्क’ कर रहे हैं। जिसमें एक बार फिर आमिर खान के साथ हमारी जोड़ी है। हमें आपकी दुआओं की जरूरत है। दुआ करिये कि ‘कत्र्तव्य’ हिट हो जाए।