यदि आप अपना बचपन साथ लेकर चलते हैं, तो आप कभी बूढ़े नहीं होते: स्नेहलता वसईकर

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यदि आप अपना बचपन साथ लेकर चलते हैं, तो आप कभी बूढ़े नहीं होते: स्नेहलता वसईकर

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के शो 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई' को दर्शकों का बहुत-सा प्यार और तारीफें मिल रहीं हैं, जिसमें देवी अहिल्याबाई होल्कर के असाधारण जीवन की कहानी बयां की जा रही है। इस शो के वर्तमान ट्रैक में दिखाया जा रहा है कि कैसे युवा अहिल्या ने ऐसे समय पर शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास किया, जब महिलाओं को शिक्षा हासिल करने के योग्य नहीं माना जाता था।

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यह कहने की जरूरत नहीं कि इस सफर में उन्हें कई चुनौतियों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी अपने सपने को पूरा करने की अपनी इच्छाशक्ति, प्रेरणा और आकांक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया। इस शो में अहिल्या की सास गौतमाबाई का रोल निभा रहीं एक्ट्रेस स्नेहलता वसईकर बताती हैं कि यह शो उन्हें अपने बचपन के प्यारे दिनों में ले जाता है और अपनी जड़ों से जुड़े रहना कितना जरूरी है।

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इस बारे में बताते हुए एक्ट्रेस स्नेहलता वसईकर ने कहा, बचपन की यादें हमारी जिंदगी में बहुत खास होती हैं। यह हमें हमारी जिंदगी के सबसे अच्छे समय की याद दिलाती हैं। इसी से हमारी सोच और भविष्य आकार लेते हैं। जब किसी के पास बचपन की अच्छी यादें होती हैं, तो वो बड़े होकर खुशमिजाज इंसान बनते हैं। यह छोटी-छोटी चीजों को याद करने के बारे में है जैसे मां के हाथ के बने खाने की खुशबू जब वो हमारा पसंदीदा खाना बनाती थीं, पड़ोस के बच्चों के साथ घूमने-फिरने की खुशी, अपने पिता के साथ रविवार को आइसक्रीम ट्रीट के लिए जाना, अपने चचेरे भाई-बहनों के साथ मस्ती भरी छुट्टियां बिताना, हमारे जन्मदिन... ये सारे अनुभव ऐसे हैं, जो हमारे दिलों दिमाग में लंबे समय तक याद रहते हैं। बेशक, जिस तरह आपका अपने परिवार से रिश्ता है, उसी तरह अहिल्या का भी है और वो अपने परिवार को बहुत सम्मान देती हैं और उनके बारे में सोचती हैं। तो यदि आप अपने बचपन को अपने भीतर लेकर चलते हैं, तो आप कभी बूढ़े नहीं होते।

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देखिए पुण्यश्लोक अहिल्याबाई, सोमवार से शुक्रवार शाम 7:30 बजे, सिर्फ सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर।

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