एक वक़्त था जब बड़े-बड़े सेलेब्रिटी, धर्मेन्द्र, अशोक कुमार, मीना कुमारी, दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद आदि अपना प्रचार खुद नहीं करते थे। प्रचार के नाम पर या तो यह किसी रेडियो टॉक शो में चले जाया करते थे या किसी बड़े=बड़े होर्डिंग्स पर सिगरेट, शराब, या घरेलू इस्तेमाल में आती किसी चीज़ का विज्ञापन करते हुए बोर्ड पर छा जाते थे। तब न प्रचार को लेकर इतना ज़ोर था और न ही इतनी ज़रूरत थी। आप ऐक्टर हो तो आपको लोग वैसे ही सब अच्छे से जानते हैं और अगर आप डायरेक्टर के अलावा कोई क्रू-मेम्बर हो तो पब्लिक के लिए आपका होना न होना बराबर है। कारण?
पब्लिक के लिए गाना गाने वाला, बजाने वाला उसपर नाचने वाला सब पर्दे पर दिखता हीरो ही होता था। हाँ, जब एक समय बाद मुहम्मद रफी और लता मंगेश्कर ने अपनी जगह स्थापित की, एक से बढ़कर एक ज़बरदस्त गाने दिए तो पोस्टर में इनका नाम भी आने लगा। ये भी प्रचार का तरीका था। इनके इतर संगीतकारों में भी सचिन देव बर्मन, नौशाद, ओपी नय्यर आदि गिने चुने संगीतकारों के अलावा ज़्यादा किसी संगीतकार को भी तवज्जो नहीं दी जाती थी।
कारण फिर वही, न उस समय के कलाकार पब्लिक के बीच आना पसंद करते थे, न स्टेज शोज़ के अलावा कोई ऐसा ज़रिया था। स्टेज शो के लिए बहुत पैसा लगता था। स्पॉन्सर लगते थे, फाइनैन्सर बिठाना पड़ता था। फिर ये सुविधा भी सबके लिए नहीं थी। किशोर, रफी, मुकेश होने के अलावा आप कोई चौथे गायक हैं तो आपको स्टेज शो के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती थी। फिर ये तो मुख्यधारा के कलाकार हो गए। मैं बात करूँ बाकी क्रू की, जिनमें लेखक, कैमरामैन, आर्ट डायरेक्टर आदि दर्शकों को न नज़र आने कलाकार होते थे, इनके लिए कोई स्कोप ही नहीं था।
लेकिन, 2007 से हुई शुरुआत और 2016 से मिले बूस्ट के बाद से सोशल मीडिया एक ऐसा मंच बन गया है जहाँ हर टैलेंट की कद्र हो सकती है। यह एक ऐसा ऑल्मोस्ट फ्री मंच है जहाँ से आप करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट्स उठा सकते हैं। फिर इस मंच का सबसे बड़ा फायदा ये भी है कि यहाँ कलाकार को तुरंत ही अपनी कला की फीडबैक भी मिल जाती है।
उदाहरण के लिए, भारत के पहले सुपर हीरो शक्तिमान बनने वाले मुकेश खन्ना धीरे-धीरे गुमनामी में लुप्त हो गए थे लेकिन फिर उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल क्रीऐट किया, यहाँ महाभारत से जुड़ी, शक्तिमान से जुड़ी कई ऐसी अनोखी बातें बताईं जो जो दर्शकों को अचंभित करते वाली थीं। आज मुकेश खन्ना यूट्यूब के साथ-साथ इंस्टाग्राम पर भी बहुत फेमस हैं।
एक और उदाहरण लीजिए, फिल्मों में हमेशा विलन बनने वाले मुकेश ऋषि सोशल मीडिया पर आए तो पता चला कि वह कितने संत आदमी हैं। उन्हें पहले के मुकाबले अब कम काम मिलता था फिर भी उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फैंस के साथ जुड़ अपनी पॉपुलरिटी में कोई कमी न आने दी।
एक नायाब उदाहरण अनुपम खेर भी हैं। हालांकि उन्हें कभी काम की कमी नहीं हुई लेकिन वो जीतने मशहूर टीवी और बड़े पर्दे पर एक दशक की मेहनत से हुए थे उससे कहीं ज़्यादा पॉपुलर वह सोशल मीडिया पर पिछले 3 सालों में हो गए हैं। सोशल मीडिया की सबसे अच्छी बात ये है कि इस मंच का संचालन पूरी तरह से सेलेब के अपने हाथ में रहता है। एक तरफ फिल्म में वह उतना ही व्यक्त कर पाते हैं जितना उन्हें उनका डायरेक्टर बताता है। वहीं किसी वीडियो इंटरव्यू में भी उनके पास खुद को व्यक्त करने की एक सीमा होती है, उन्हें नापतोलकर उतना ही जवाब देना होता है जीतने उनसे सवाल पूछे गए हैं लेकिन यहाँ, इस सोशल मीडिया नामक पोडियम पर वह जो चाहें, जैसे चाहें खुद को व्यक्त कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा दर्शकों को ये होता है कि वह अपने चहेते सेलेब के बारे में बेहतर जान पाते हैं। वह अपने सेलेब का असली चेहरा देख पाते हैं पर एक छोटा सा ड्रॉ बैक सेलेब्स के लिए ये होता है कि कई बार वह भावनाओं के समुन्द्र की बेखौफ़ लहरों में बहकर कुछ भी बोल देते हैं। कुछ भी लिख देते हैं और फिर, जब फैंस एण्ड फॉलोवर्स उन्हें ट्रोल करने लगते हैं तो बैकफुट पर आते हैं।
पर इस बात में भी कोई दो-राय नहीं कि इस बदनामी में भी नाम तो होता ही है। जो नहीं जानते हैं वो भी जानने लगते हैं। इसी का दुष्परिणाम ये भी है कि कुछ सेलेब्स कई बार जानबूझकर कुछ ऐसी बातें लिख देते हैं कि नेगेटिव कान्ट्रवर्सी हो और सस्ती पॉपुलरिटी मिले। हालांकि ये सस्ती पॉपुलरिटी बहुत क्षणिक होती है, ज़्यादा समय तक नहीं चलती और ऐसा करने वाले भी कोई दर्जन में नहीं है, कुछ हैं, कुछ आते-जाते रहते हैं।
पर अधिकांश सेलेब्स को सोशल मीडिया से फायदा ही मिला है और फैंस भी अपने चहेते स्टार को सोशल मीडिया पर देख, सुन खुश हो लेते हैं। अपने सवाल पूछ लेते हैं।
उदाहरण के लिए, अभी कुछ समय पहले तक, कबीर सिंह की रिलीज़ से पहले शाहिद कपूर की सबसे बड़ी हिट फिल्म आर राजकुमार थी जिसकी टोटल कलेक्शन 70करोड़ के आसपास थी। लेकिन सोशल मीडिया पर, खासकर इंस्टाग्राम पर उनकी पॉपुलरिटी शाहरुख सलमान से भी ज़्यादा थी।
सोशल मीडिया आज के युग में एक ऐसा हथियार है कि जिसको इसे सही तरह से चलाने का तरीका समझ या जाए, वह नेम-फ़ेम-मनी तीनों में सिकंदर बन सकता है।
अब संगीत की बात करूँ तो एक स्ट्रगलर म्यूज़िशियन का नाम याद आता है। यश मुखाते, यह जनाब अच्छी कॉम्पोज़िशन करते थे लेकिन इनको बॉलीवुड में कोई खास काम नहीं मिला था। मगर, यह सोशल मीडिया पर अपनी मिक्स एण्ड मैच ट्यून डालते रहते थे। एक रोज़, एक पॉपुलर सीरियल के डाइअलॉग को इन्होंने अपने संगीत में पिरोया और अपनी आवाज़ में ज़रा बहुत मिक्सिंग करके सोशल मीडिया पर ऐसा परोसा कि यह रातों रात पूरे देश में पॉपुलर हो गए। अब सलीम मर्चेन्ट जैसे नामी संगीतकारों से यश ने लाइव इंटरेक्शन किया। इतना ही नहीं, आज की तारीख में यश के पास काम की कमी नहीं है। वह अब भी अपने मिक्स एंड मैच म्यूजिक से सोशल मीडिया पर छाये रहते हैं। आज यश के 20 लाख से ज़्यादा फॉलोवर्स हैं।
दूसरा नाम जॉनी लीवर की बेटी जैमी लीवर का लेना ही सही होगा क्योंकि बकौल जैमी, लॉकडाउन लगने के बाद उन्हें ठीक से पता नहीं था कि वह अब क्या करेंगी क्योंकि उनके हाथ में जो भी प्रोजेक्ट्स थे वह रुक गये और थे और अनिश्चित काल के लिए टल गये थे। पर फिर उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने कॉमिक और डांस विडियोज़ डालने शुरु किए और आज वह 7 लाख के लगभग फॉलोवर्स के साथ बहुत पोपुलर हो चुकी हैं और उन्हें अपनी सोशल मीडिया परफॉरमेंस की बदौलत कई नये प्रोजेक्ट्स भी मिल गये हैं।
ऐसे सैकड़ों सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सर हैं जिन्होंने डेडिकेशन के साथ अपना हुनर सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों को दिखाया और पब्लिक ने दिल खोलकर पसंद भी किया।
ये तो चलिए कलाकारों, संगीतकारों की बात हुई, अब मैं आपको बताता हूँ कि हमेशा गुमनामी में रहने वाले लेखकगण भी सोशल मीडिया की मदद से कोई नहीं से हर-दिल अज़ीज़ बन गये। इसमें पहला नाम सत्य व्यास का है। सत्य व्यास बोकारों के हैं। वह बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से लॉ पढ़ चुकने के बाद, जॉब लग जाने के बाद अपने साहित्य प्रेम के लिए भी समय देने लगे। यहाँ उनके मन में विचार आया कि क्यों न बीएचयू में गुज़ारे अपने लम्बे तजुर्बे को किताब की सूरत दी जाए।
उन्होंने किताब लिखी, नाम दिया बनारस टॉकीज़ और किताब बहुत मशक्कत के बाद छप गयी। लेकिन फिर क्या? फिर सोशल मीडिया का रोल सामने आया, सोशल मीडिया पर इस किताब और सत्य व्यास दोनों की पॉपुलैरिटी बढ़नी शुरु हुई और फिर इस किताब को ऐसा बूस्ट मिला कि सत्य व्यास पिछले सात साल में अबतक पाँच किताबें लिख चुके हैं और पाँचों सुपर-डुपर हिट रही हैं। उनमें से एक ‘चौरासी’ नामक किताब पर डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर ग्रहण के नाम से वेब सीरीज़ भी बन चुकी है और वह भी बेस्ट व्युविंग वेब सीरीज़ रही है।
दूसरा नाम तो पूरी तरह से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंस की देन है। धर्म और राष्ट्र पर लिखने वाले, पेशे से स्कूल मास्टर सर्वेश तिवारी श्रीमुख सोशल मीडिया पर अपने बेहतरीन लेखों के पॉपुलर होने के बाद किताब ‘परत’ लेकर आए और यह किताब सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया की बदौलत, बम्पर हिट हुई और अब वह अपनी दूसरी किताब ‘पुण्यपथ’ भी ला चुके हैं जिसे पाठक बहुत पसंद कर रहे हैं।
अब आप ख़ुद सोचिए, कहाँ बिहार के छोटे से स्कूल में मास्टर और कहाँ भारत भर में पॉपुलर होते जाने माने लेखक। इस फर्श से अर्श तक का सफ़र क्या बिना सोशल मीडिया के पूरा हो सकता था? बिल्कुल भी नहीं
लेकिन यहाँ पाठकों को ये भी समझने की ज़रुरत है कि सोशल मीडिया कोई पिस्तौल नहीं है कि आपके हाथ लग गयी तो आप ताकतवर हो गयी। इसे आप एक एम्प्लीफायर समझिए जो आपकी प्रतिभा में चार चाँद तो लगा सकता है, लेकिन उस चाँद पर रौशनी आपकी हुनर के सूरज से ही पड़ेगी। याद रखिए, चाँद की अपनी कोई रौशनी नहीं होती। आप अगर हुनरमंद हैं पर आपको मौका नहीं मिल रहा है तो सोशल मीडिया वो मौका है। हालाँकि यहाँ भी अब मारामारी कम नहीं है।
अब हम लीडिंग सेलेब्स की बात करें तो अमिताभ बच्चन आज से बीस साल पहले भी शहंशाह थे, आज भी हैं। फिर भी वह सोशल मीडिया पर ख़ासे एक्टिव रहते हैं क्योंकि यहाँ वह अपने मन की भावनाएं बिना किसी डायरेक्शन इंस्ट्रक्शन के व्यक्त कर सकते हैं। वह आए दिन अपने पिता कवि हरिवंशराय बच्चन की कवितायें पोस्ट करते रहते हैं।
अक्षय कुमार भी अपनी हर फिल्म का प्रचार अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ज़रूर करते हैं। वह बीच में एक दफा सोशल मीडिया पर ही अपने फैन्स से माफ़ी मांगते भी नज़र आए थे।
आलिया भट्ट भी सोशल मीडिया पर ख़ासी एक्टिव रहती हैं। प्रेमी जोड़ा दीपिका रणवीर आए दिन एक दूसरे से सोशल मीडिया पर चुहल बाजी करते रहते हैं।
क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी एक्ट्रेस पत्नी अनुष्का शर्मा ने अपनी शादी से लेकर बच्चा होने तक की सारी ख़बर सोशल मीडिया पर दी है।
प्रियंका चोपड़ा सात समुन्द्र पार यूएस में होते हुए भी रेगुलर बेसिस पर अपने फैन्स के साथ लाइव आकर सोशल मीडिया पर बनी रहती हैं और फैन्स भी उनके लाइव आने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।
शाहरुख़ खान ने हाल ही में डब्बू रत्लानी द्वारा शर्टलेस फोटोशूट की तस्वीरें सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की हैं।
अब सोचिए कि आलरेडी इतने फेमस आर्टिस्ट को भला सोशल मीडिया एम्प्लीफायर की क्यों ज़रूरत पड़ती है?
तो इसके दो कारण है। दूसरा कारण ये है कि ज़माने के साथ चलना बहुत ज़रूरी है। ज़माना अब ये कहता है आप बड़े से बड़े सेलेब्रिटी हैं तो भी आपको अपने फैन्स से इंटरेक्ट होना ही पड़ेगा। फैन्स अब आपको सिर्फ पर्दे पर देखकर ही संतुष्ट नहीं है। वह जानना चाहते हैं कि आप असल में कैसे हैं। आपका स्वभाव कैसा है और आप किस तरह से दुनिया को देखते हैं। आपका सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण क्या है?
ये तो थी दूसरी वजह, पहली वजह ये है कि सोशल मीडिया प्लेटफोर्म्स इन सेलेब्स प्रति पोस्ट एक अच्छी रकम मुहैय्या करते हैं। जी हाँ, सोशल मीडिया प्लेटफोर्म सिर्फ पॉपुलैरिटी ही नहीं बल्कि कमाई का ज़रिया भी है।
कुछ मुख्य सेलेब्स की पर पोस्ट कमाई कुछ इस प्रकार है –
महानायक अमिताभ बच्चन अपनी एक पोस्ट से क़रीब 50 लाख रुपए कमाते हैं।
वहीँ बेबी डॉल सोने दी सनी लियोनी 90 रुपए तक एक पोस्ट पर कमाती हैं।
वहीँ अनुष्का शर्मा, कटरीना कैफ, जैकलीन फर्नांडिस जैसी बड़ी एक्ट्रेसेस 1 करोड़ से ज़्यादा सिर्फ एक पोस्ट से कमा लेती हैं।
वहीं खिलाड़ी कुमार अक्षय एक पोस्ट से करीब 1।10 करोड़ तक कमा लेते हैं। लेकिन श्रृद्धा कपूर और दीपिका पादुकोण अक्षय को टापकर सवा करोड़ रुपए तक एक पोस्ट से बना लेती हैं।
आलिया भट्ट और शाहरुख़ खान भी एक पोस्ट से एक करोड़ तक कमा लेते हैं। वहीं सुपर स्टार खिलाड़ी विराट कोहली एक करोड़ चालीस लाख तक एक इन्स्टाग्राम पोस्ट से कमा लेते हैं।
इस लिस्ट में शीर्ष पर देसी गर्ल पिगी चोप्स यानी प्रियंका चोपड़ा हैं जो अपनी एक पोस्ट मात्र से 1।80 से 2 करोड़ तक कमा लेती हैं। उनकी पॉपुलैरिटी बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड में भी उतनी ही है।
ये तो हुई कमाई की बात, अब मशहूर सेलेब्स के कुछ आपत्तिजनक सोशल मीडिया बयान पर भी निगाह डालिए और देखिए कि कई बार सेलेब्स सोशल मीडिया पर कैसे ट्रोल हो जाते हैं।
कुछ समय पहले तक सलमान खान अपने tweets ख़ुद किया करते थे पर अब वह बिना अपने वकीलों को दिखाए कुछ नहीं लिखते हैं, कारण? वह मुंबई बम काण्ड के मुख्य आरोपी आतंकी टाइगर मेनन के आतंकी भाई याकूब मेनन के पक्ष में एक ट्वीट करने के बाद सुर्ख़ियों में आ गये थे
राम गोपाल वर्मा भी टाइगर श्रॉफ को ब्रूस ली से कम्पेयर कर बिकनी शूट न करने की सलाह देकर विवादों में फंस चुके हैं। हालाँकि रामू आए दिन कोई न कोई आपत्तिजनक ट्वीट करते ही रहते हैं।
कपिल शर्मा तो एक दफ़ा भावनाओं में इस कद्र बह चुके हैं कि गालियाँ लिखने से भी परहेज़ करना भूल गए थे। लेकिन यह ट्वीट उनका सीधे भारत के प्रधानमन्त्री के लिए था। जिसमें वह अच्छे दिनों का ताना दे रहे थे।
बदनाम फिल्म क्रिटिक केआरके भी सलमान खान से उलझने की वजह से कई बार आपत्तिजनक ट्वीट कर चुके हैं
खिलाड़ी कुमार अक्षय भी इस कंट्रोवर्सी से पीछे नहीं हैं
और आख़िर में, कंट्रोवर्सी की क्वीन कंगना रनौत को भला हम कैसे छोड़ सकते हैं जिन्होंने बंगाल चुनाव के बाद मोदी जी से विराट रूप दिखाने की मांग कर डाली थी। इसके बाद इनका ट्वीट अकाउंट ही डिलीट कर दिया गया था।
तो दोस्तों आप ख़ुद देख सकते हैं कि डायनामाइट का प्रयोग असल में पहाड़ी रास्तों में राह बनाने के लिए, सड़क निकालने के लिए शुरु हुआ था और उसी डायनामाइट बम से बुरी नियत के लोग किसी को आहत भी कर सकते हैं। इसी तरह सोशल मीडिया भी है, यहाँ आप अगर अपने हुनर पर फोकस करते हुए मेहनत कर अच्छा कंटेंट परोसेंगे तो आपको सराहने वालों की कमी नहीं है लेकिन अगर आप ये सोचते हैं कि आप यहाँ भावनाओं के नाम पर कुछ भी लिखकर, कुछ भी छापकर बच निकलेंगे तो आप बिल्कुल ग़लत हैं। यहाँ कोई किसी से नहीं डरता है। यहाँ कोई किसी का खौफ़ नहीं खाता जो जवाब देने से पहले लिहाज करे।
इसलिए ज़्यादातर सेलेब्रिटी सोशल मीडिया का सही इस्तमाल कर अपने हुनर को एम्पलीफाई करने में लगे हैं। कोई बड़ी बात नहीं कि वो अगले सेलेब्रिटी आप कहलायें।