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आसाम में पले बढे़ लोगों की रगो मे संगीत,नृत्य व कला का समावेश होता है, तभी तो दुलियाजान, आसाम में जन्मी परिणीता बोरठाकुर ने पहली आसामी फिल्म ‘‘नायक’ ’में अभिनय करके सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार हासिल कर लिया था। उसके बाद से अब तक वह सात असमिया, एक बंगला, आठ हिंदी फिल्मों के अलावा दर्जन भर हिंदी सीरियलों में अभिनय करने के अलावा लगभग आठ म्यूजिक वीडियो कर चुकी हैं। इन दिनों वह ‘‘स्टार भारत’’ पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘‘गुप्ता ब्रदर्सः चार कुंवारे फ्राम गंगा किनारे’’ में गंगा के किरदार में नजर आ रही हैं।
प्रस्तुत है ‘‘मायापुरी’’ के लिए उनसे हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश..
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2001 से 2020 यानी कि उन्नीस वर्ष के अपने अभिनय कैरियर को आप किस तरह से देखती हैं?
-सच कहॅूं तो मुझे अभिनय करना बहुत पसंद है। अभिनय मेरा पैशन है। पर मैं किन अच्छा काम कर रही हूँ और कितना काम कर रही हूँ, इस संबंध में मैं कभी नहीं सोचती। यह तो दर्शकों के लिए छोड़ दिया है कि वह तय करें कि मेरा अभिनय उन्हे कितना पसंद आता है। जब लोग मेरे अभिनय की तारीफ करते हैं, तो यह मेरा बोनस होता है। मुझे आज भी याद है कि बचपन में मैं भगवान से कहती थी कि मुझे एक बार कैमरे के सामने अभिनय करने का अवसर दे दें। भगवान ने तो मुझे एक नही हजारों बार कैमरे के सामने अभिनय करने का मौका दे दिया। तो मुझे जो कुछ मिल रहा है, वह भगवान का आशीर्वाद और दर्शकों का प्यार ही है। हर बार मेरे अभिनय को सराहा गया. इन दिनों ‘‘स्टार भारत’’ के सीरियल सीरियल ‘‘गुप्ता ब्रदर्सः चार कुंवारे फ्राम गंगा किनारे’’ में नजर आ रही हूं।
सीरियल सीरियल ‘‘गुप्ता ब्रदर्सः चार कुंवारे फ्राम गंगा किनारे’’ किस तरह का है?
-जब इस सीरियल की योजना बनी थी, तो हास्य के ढर्र पर चल रहा था। मगर अब इसमें नाटकीयता ज्यादा हो गयी है. अब जो ट्रैक चल रहा है, तो इसमें चारों में से जो सबसे बड़ा भाई शिव है, उसने पहले कसम खायी थी कि वह विवाह नही करेगें। लेकिन आज ही हमने फिल्माया है कि उसकी मेरे किरदार गंगा संग शादी हो चुकी है। अब उसने शादी क्यों की? उसने शादी न करने की कसम क्यों खायी थी। यह सब अब धीरे धीरे सामने आएगा।
आप अपने किरदार को लेकर क्या कहेंगी?
-मैं इसमें गंगा का किरदार निभा रही हूं। पहले इसका फेक नाम मृदुला था, पर अब यह गंगा है। गंगा अनाथ है और अनाथाश्रम में ही पली बढ़ी है। अब तक गंगा अनाथ बच्चों की मदद के लिए कई गलत काम करती रही है। अब गंगा ने कसम खायी है कि अब वह कभी भी कोई भी गलत काम नहीं करेगी। अब वह एक अच्छी पत्नी बनकर रहना चाहती है।
कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है। ऐसे में आप लोग किस तरह के सुरक्षा उपायों के साथ शूटिंग कर रही हैं?
-अब हम तीस प्रतिशत क्रू मेंबर के साथ काम कर रहे हैं। निर्माता ने अपनी तरफ से सेनेटाइजर का टनल लगा रखा है, जिसके अंदर से होकर ही हम सेट पर प्रवेश करते हैं। दिन में दो बार सभी का टेंपरेचर व आक्सीजन की स्थिति चेक की जाती है. पूरी युनिट मास्क लगाकर रखती है। हम कलाकार केवल कैमरे के सामने पहुंचने पर ही मास्क हटाते है। हम सभी अपने अपने कमरे में ही रहते हैं। साथ में बैठने वाली आदत खत्म करनी पड़ी है। सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होता है। मगर हम कलाकारों के साथ दिक्कत ही है कि हेअर ड्रेसर व मेकअपमैन तो हमारे नजदीक आएगा, हमें हाथ लगाएगा। इसके बिना तो काम ही नही हो सकता। हम भी अपनी तरफ से सुरक्षा के उपाय अपनाते हैं। तो तकलीफें है। कोरोना संक्रमण का डर भी बना रहता है। मगर हम घर पर तो बैठे नहीं रह सकते. हमें काम तो करना ही है। तो कुछ जिम्मेदारी हम भी समझते हैं। हमारा पूरा सेट दिन में तीन बार सेनेटाइज होता है।
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तीन माह तक सख्त लॉक डाउन रहा. उस दौरान आपने क्या किया?
-बहुत आसानी से बीत गया। क्योंकि घर काम करने वाली बाई नहीं थी। हमें ही सारा काम करना पड़ता था।इसके अलावा कई वेब सीरीज देखी।
आपने कुछ म्यूजिक वीडियो भी किए हैं?
-जी हां! मैने पहले ही बताया कि बचपन से ही संगीत व नृत्य का शौक रहा है। मेरे पिता को बताया गया था कि बच्चे के जन्म लेते ही उसे सबसे पहले शहद चटाएं, इससे उसके गले में मिठास आ जाएगी। तो मेरा जन्म होते ही मेरे पिता शहद लेकर आाए थे और मुझे शहद खिलाया था, जिससे मैं गाना गा सकूं। मेरे पिता को अभी भी मुझसे शिकायत रहती है कि तुम अभिनय करती हो, गाना नहीं गाती हो।
अब आप किस तरह के किरदार निभाना चाहती हैं?
-मुझे हर तरह के किरदार निभाना पसंद है।मुझे उन किरदारों को निभाने में ज्यादा आनंद मिलता है, जो मेरे व्यक्तित्व के विपरीत हों। क्योंकि मुझे लगता है कि मैं कुछ अलग कर रही हूँ । हकीकत में मैं बहुत ज्यादा कैरियर ओरएिंटेड नही हूँ।
आपके शौक क्या हैं?
-गाना गाना।खाना बनाना।आइने के सामने खड़े होकर अभिनय करना और किताबें पढ़ना।
किस तरह की किताबें पढ़ना पसंद करती हैं?
-मैने मास्टर की डिग्री फिलोसफी विषय में हासिल की है और मुझे फिलोसफी पर ही किताबें पढ़ना पसंद है। फिलोसफी कलाकार की जिंदगी में बहुत मदद करती हैं। अभिनय के क्षेत्र में असुरक्षा और उतार चढ़ाव बहुत है। परिणामतः कलाकार डिप्रेषन या फस्ट्रेशन का शिकार जल्दी हो जाते हैं। फिलोसफी पढ़ने से जिंदगी को बैलेंस करना आसान हो जाता है।मदद करता है।
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आपके पंसदीदा निर्देशक?
-अगर मुझे अपने पसंदीदा निर्देशक का उल्लेख करना है, तो वह मुनिन बरुआ हैं। उन्होंने मुझे अपना पहला ब्रेक दिया और बिष्णु खरगुरिया के साथ काम करने का विशेषाधिकार दिया। वर्तमान में मैं असमिया फिल्म उद्योग में वित्तीय विकास से बहुत खुश हूं।
आपने अक्षय कुमार, सैफ, करीना, करीना कपूर, जॉन अब्राहम सहित कई दिग्गज कलाकारों के साथ अभिनय किया है. क्या अनुभव रहे?
-मैन हर किसी से काफी कुछ सीखा है। प्रतिभाषाली कलाकारों के साथ अच्छे किरदार निभाने का अपना आनंद है।मैं उन्हें दृश्यों को निभाते समय उन्हें देखकर सीखने का प्रयास करती हूँ। यह मुझे कलाकार के तौर पर आगे बढ़ने में मदद करता है।
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